India vs SA: सेंचुरियन टेस्ट में राहुल और पार्थिव को मिल सकता है मौका
भारत व द. अफ्रीका सेंचुरियन में अपना दूसरा टेस्ट मैच खेलेंगे।
सेंचुरियन, अभिषेक त्रिपाठी। टेस्ट कप्तान बनने के बाद अपनी सबसे कठिन टेस्ट सीरीज खेल रहे विराट कोहली ने भले ही शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा हो कि हमारे लिए घबराने जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन सच कहूं तो टीम इंडिया खबराई हुई है और कप्तान से लेकर मुख्य कोच रवि शास्त्री व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद अधिकतर समय इसी बात पर मंत्रणा करते रहे कि दूसरे टेस्ट में ऐसा क्या किया जाए जिससे भारत को पहले टेस्ट जैसी हालत से न गुजरना पड़े। अगर शुक्रवार को टीम के अभ्यास और अन्य चीजों को देखें तो शनिवार को अंतिम एकादश में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कोहली ने अपनी कप्तानी में पिछले 33 टेस्ट में से एक बार भी लगातार दो मुकाबलों में एक जैसी टीम नहीं उतारी है और 34वें मैच में भी ऐसा ही होने की उम्मीद है, क्योंकि केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम की घसियाली पिच पर हारने वाले अंतिम एकादश में बदलाव तय दिखाई दे रहा है।
पार्थिव पटेल बने हॉट केक
मैच से पहले शुक्रवार को जब प्रेस कांफ्रेंस में विराट से पूछा गया कि क्या अंतिम एकादश में बदलाव करने जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि नेट अभ्यास के बाद हम इस पर फैसला करेंगे। इसके बाद सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क स्टेडियम के पहले नेट में ओपनर मुरली विजय बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे थे। बाकी दो नेट खाली थे। इस समय विकेटकीपर पार्थिव पटेल मैदान के अंदर रोलिंग कर रहे थे। नेट पर मुरली को थ्रोडाउन करा रहे सहायक कोच संजय बांगर ने शिखर धवन से कहा कि पार्थिव को बुलाओ, उसे बल्लेबाजी करनी है। धवन जैसे ही पार्थिव को बुलाने के लिए बढ़े वैसे ही पार्थिव नेट की तरफ आते दिखाई दिए। धवन ने कहा, जा बल्लेबाजी कर तो पार्थिव ने कहा, मुझे तो तीसरे राउंड (छह बल्लेबाजों के बाद) में बल्लेबाजी करनी थी तो बांगर बोले प्लान बदल गया है। इसके बाद पहले नेट पर मुरली, दूसरे नेट पर केएल राहुल और तीसरे नेट पर पार्थिव अभ्यास करने लगे। राहुल को जहां थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु अभ्यास करा रहे थे तो वहीं पार्थिव के सामने सबसे लंबे भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन व रवींद्र जडेजा थे। इशांत जहां नई गेंद से फेंक रहे थे तो पार्थिव व जडेजा पुरानी गेंद से। कोच शास्त्री अंपायर की भूमिका में थे। पार्थिव ने काफी देर अभ्यास किया। मुरली, राहुल और पटेल की बल्लेबाजी देखने के बाद शास्त्री, बांगर और विराट ने मंत्रणा की। इसके बाद पार्थिव को सहायक स्टाफ के साथ कीपिंग का अभ्यास करने के लिए भेज दिया गया। उसके बाद उन्होंने काफी देर तक अभ्यास किया। इससे संकेत मिल रहे हैं कि दूसरे टेस्ट में विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा की जगह उन्हें मौका मिल सकता है। भारत के मुख्य विकेटकीपर के तौर पर खुद को स्थापित करने वाले साहा पिछले मैच की दो पारियों में 00 और 08 रन पर आउट हुए थे। पार्थिव सेंचुरियन की पिच पर उनसे बेहतर बल्लेबाज साबित हो सकते हैं। अब देखना यह है कि उन्हें मुरली विजय या केएल राहुल के साथ ओपनिंग में उतारा जाएगा या वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे।
भारत के लिए ओपनिंग बड़ी समस्या
दक्षिण अफ्रीका में शीर्ष विदेशी शीर्ष क्रम के लिए बल्लेबाजी करना बेहद चुनौती भरा है। यहां टेस्ट दौरा करने वाली विदेशी टीम के शीर्ष तीन बल्लेबाज सिर्फ 25.29 के औसत से ही रन बना सके हैं और भारतीय ओपनरों के लिए तो यहां रन बनाना और भी तगड़ी चुनौती रहा है। केपटाउन में मुरली पहली पारी में 01 तो धवन 16 रन बनाकर आउट हुए। दूसरी पारी में मुरली 13 तो धवन 16 रन ही बना सके। दोनों में जहां मुरली गेंद का पीछा करते हुए आउट हुए तो धवन बाउंस के सामने परेशान हुए। स्पोट्र्स पार्क की पिच पर न्यूलैंड्स की तरह घास तो नहीं है, लेकिन यहां का बाउंस बेहद परेशान करने वाला हो सकता है। यह तो तय है कि इस मैच में ओपनिंग में बदलाव होगा और शिखर धवन बाहर बैठेंगे। धवन का विदेश में खेले गए 19 टेस्ट में औसत 43.72 है जो उनके करियर के औसत 42.62 से अधिक है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में उनके रिकॉर्ड को देखें तो यह 11 टेस्ट में सिर्फ 27.81 है। दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट में उनका औसत 18 रहा है और वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर यहां 29 रन है जो उन्होंने 2013-14 में बनाया था। दूसरी ओर राहुल तकनीकी रूप से अधिक सक्षम हैं। रोहित और रहाणे में से एक का चयन भी कठिन है। हालांकि, कोहली ने कहा था कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पहले टेस्ट में रोहित को चुना गया। रोहित केपटाउन में दो पारियों में 11 और 10 रन ही बना सके, लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि टीम प्रबंधन एक मैच की नाकामी के बाद अपना फैसला बदलेगा। ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या अपनी जगह पक्की कर ही चुके हैं। कोहली को बाकी चार का चयन करना है और इसमें पिच की भूमिका अहम होगी।
गेंदबाजों का चुनाव मुश्किल नहीं
भारत के मुख्य तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार, मुहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह ने शुक्रवार को अभ्यास नहीं किया। अमूमन ऐसा कहा जाता है कि जिन तेज गेंदबाजों को अंतिम एकादश में खिलाया जाता है उन्हें एक दिन पहले अभ्यास नहीं कराते। फिट तेज गेंदबाज इशांत शर्मा व उमेश यादव और स्पिनर अश्विन व जडेजा ने जरूर अभ्यास किया। अत्याधिक धूप के कारण इस पिच की घास जल गई है और ऐसे में यहां स्पिनरों को मदद मिल सकती है। ऐसे में अश्विन और रवींद्र जडेजा में से एक स्पिनर तो खेलेगा ही। यहां की लोकल टीम टाइटंस के स्पिनर तबरेज शम्सी ने पांच और सात तारीख को इसी स्टेडियम में हुए पिछले दो वनडे में छह विकेट चटकाए हैं। ऐसे में चौथे-पांचवें दिन स्पिनरों को यहां मदद मिल सकती है। यहां के बाउंस को देखते हुए बुमराह की जगह इशांत को मौका दिया जा सकता है, क्योंकि वह अपनी लंबाई के जरिये यहां ऐसा करने में सफल हो सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका को कोई परेशानी नहीं
जिस तरह भारतीय सरजमीं पर स्पिन ट्रैक पर विराट कोहली को टीम चयन में कोई परेशानी नहीं होती थी उसी तरह फाफ डु प्लेसिस को तेज गेंदबाजों के मुफीद पिच पर अंतिम एकादश चुनने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में इशारा भी दिया कि वह यहां भी चार गेंदबाजों को लेकर उतरेंगे। इसमें कैगिसो रबादा, वर्नोन फिलेंडर और मोर्नी मोर्केल का खेलना तय है, जबकि चोटिल डेल स्टेन की जगह क्रिस मौरिस को मौका मिलेगा। मौरिस अच्छी गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। खास बात यह है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम में ओपनर एल्गर, मार्करैम, एबी डिविलियर्स और फाफ सहित सात ऐसे खिलाड़ी हैं जो सेंचुरियन के लोकल ब्वॉय हैं।
टीमें :
भारत- विराट कोहली (कप्तान) , शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, ऋद्धिमान साहा, हार्दिक पंड्या, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा, उमेश यादव, मुहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, पार्थिव पटेल।
दक्षिण अफ्रीका- फाफ डु प्लेसिस (कप्तान ), डीन एल्गर, एडेन मार्करैम, हाशिम अमला, टेंबा बावुमा, टीडे ब्रूइन, क्विंटन डिकॉक, केशव महाराज, मोर्नी मोर्केल, क्रिस मौरिस, वर्नोन फिलेंडर, कैगिसो रबाडा, एंडिले पी, लुंगी एंगिडि, डुआने ओलिवियर।
अलग है सेंचुरियन की पिच
सेंचुरियन की पिच न्यूलैंड्स की तरह हरी नहीं है, क्योंकि क्यूरेटर ने जो घास छोड़ी थी वह लगातार अत्याधिक धूप के कारण सूख गई है। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने भी चिंता जताते हुए कहा कि पिच भूरी नजर आ रही है। इस पर बाउंस तो मिलेगा, लेकिन स्विंग कितना होगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने साथ ही कहा कि अगर पुराने मैचों को देखें तो यहां पर स्पिनरों को बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलती है, लेकिन अब की परिस्थितियों में आखिरी के दो दिन शायद स्पिनर ज्यादा गेंदबाजी करते हुए नजर आएं।