धुरंधरों बिना नए टेस्ट युग की शुरुआत करेगा पाकिस्तान, सामने है बड़ी चुनौती
पाकिस्तान के दो बल्लेबाजों के संन्यास लेने पर टीम की बल्लेबाजी पर असर पड़ा है।
अबु धाबी, एएफपी। दिग्गज बल्लेबाजों यूनुस खान और मिस्बाह-उल-हक के संन्यास लेने के बाद पाकिस्तान जब गुरुवार से यहां श्रीलंका के खिलाफ मैच खेलने उतरेगा तो इसके साथ ही वह नए टेस्ट युग में भी प्रवेश कर लेगा।
यूनुस और मिस्बाह पिछले लंबे समय से पाकिस्तानी बल्लेबाजी के आधार स्तंभ रहे हैं। इन दोनों ने मिलकर 193 टेस्ट मैचों में 15,331 रन बनाए हैं, जिसमें 44 शतक हैं। इन दोनों ने एक-दूसरे के साथ 15 शतकीय साङोदारियां भी निभाई। उनके प्रयास से पाकिस्तान पिछले साल अगस्त में कुछ समय के लिए विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम भी बना था।
पाकिस्तान 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकवादी हमले के बाद संयुक्त अरब अमीरात में अपने घरेलू मैच खेल रहा है लेकिन वहां उसके बल्लेबाजों विशेषकर यूनुस और मिस्बाह ने अच्छा प्रदर्शन किया। इस जोड़ी ने पाकिस्तान को यूएई में इतना अजेय बना दिया था कि उसने यहां जो नौ सीरीज खेली उनमें से कोई नहीं गंवाई।
यूनुस ने अपने करियर में 10,099 रन बनाए। इसके अलावा वह स्लिप के कुशल क्षेत्ररक्षक भी थे। उन्होंने 118 टेस्ट मैचों में 139 कैच लिए जो पाकिस्तानी रिकॉर्ड है। मिस्बाह शांतचित होकर खेलते थे। इसके अलावा वह कुशल कप्तान भी थे।
उदीयमान बल्लेबाज बाबर आजम और हरीश सोहेल इन दोनों की कमी पूरी करने की कोशिश करेंगे, जबकि अजहर अली और असद शाफिक से मुख्य भूमिका निभाने की उम्मीद रहेगी। पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद अजहर के घुटने में चोट लगी है और उनका पहले टेस्ट में खेलना संदिग्ध है। निश्चित तौर पर उनकी (मिस्बाह व यूनुस) जगह भरना आसान नहीं है। वह हमारी बल्लेबाजी की रीढ़ थे लेकिन हमें अब आगे बढ़ना होगा।