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Ranji Trophy 2022 Final: यश व शुभम के शतकों से मध्य प्रदेश पहले रणजी खिताब की ओर

मुंबई की पहली पारी में 374 रन का स्कोर बड़ा लग रहा था लेकिन दुबे ने 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 और शुभम ने 215 गेंद में 15 चौके और एक छक्का जड़कर 116 रन की पारी खेलकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 08:46 PM (IST)
Ranji Trophy 2022 Final: यश व शुभम के शतकों से मध्य प्रदेश पहले रणजी खिताब की ओर
Ranji Trophy 2022 Final Mumabi vs Madhya Pradesh (AP Photo)

बेंगलुरु, प्रेट्र। युवा बल्लेबाज यश दुबे और शुभम शर्मा की शतकीय पारियों और दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 222 रन की साझेदारी के दम पर मध्य प्रदेश ने रणजी ट्राफी के फाइनल में मुंबई के खिलाफ शुक्रवार को तीसरे दिन के खेल के बाद अपने पहले खिताब की ओर मजबूत कदम बढ़ाए।

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मुंबई की पहली पारी में 374 रन का स्कोर बड़ा लग रहा था, लेकिन दुबे ने 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 और शुभम ने 215 गेंद में 15 चौके और एक छक्का जड़कर 116 रन की पारी खेलकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। मध्यप्रदेश ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट पर 368 रन बना लिए हैं। उस समय रजत पाटीदार 106 गेंद में 13 चौकों की मदद से 67 और कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 33 गेंद में 11 रन बनाकर खेल रहे थे। मध्य प्रदेश पहली पारी के आधार पर मुंबई से सिर्फ छह रन पीछे है। उसे पहली पारी में निर्णायक बढ़त लेने के लिए केवल सात रन की जरूरत है और अगर टीम की बल्लेबाजी चौथी पारी में बुरी तरह से लड़खड़ाती नहीं है तो खिताब उनकी झोली में होगा।

मध्य प्रदेश की टीम पिछली बार 1998-99 में रणजी फाइनल में पहुंची थी, लेकिन तब उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था। दिन की शुरुआत एक विकेट पर 123 से करने के बाद मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों ने तीसरे दिन धैर्य से खेलते हुए 245 रन बनाए। दिन में निकली तेज धूप ने बल्लेबाजों का काम और आसान कर दिया। सबसे बड़ी निराशा मुंबई के बायें हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी (1/117) को हुई, जिन्होंने बहुत अधिक ढीली गेंदें फेंकीं। अनुभवी धवल कुलकर्णी (0/51) और तुषार देशपांडे (1/73) ने भी औसत गेंदबाजी की। मुंबई के गेंदबाजों ने शुरुआती ओवरों में विकेट लेने की जगह मेडन ओवर डालने पर जोर दिया, जिससे आधे घंटे के खेल के बाद दुबे और शुभम ने लय हासिल कर ली और आसानी से कवर ड्राइव लगाए। मुलानी के क्रीज पर आते ही शुभम ने लांगआफ पर छक्का जड़ा, जिसके बाद कप्तान पृथ्वी शा के चेहरे पर निराशा देखी जा सकती थी। दुबे ने इस सत्र में 613, जबकि शुभम ने 578 रन बनाए हैं। दोनों ने गेंद को बाउंड्री लगाने के साथ बीच-बीच में एक-एक रन चुराना जारी रखा। अपनी 222 रन की साझेदारी में दोनों ने 76 बार एक-एक रन लिए। अरमान जाफर ने शार्ट प्वाइंट पर शुभम का कैच टपकाया, लेकिन मोहित अवस्थी (1/53) के अलावा कोई प्रभावित नहीं कर सका।

मुंबई के खिलाडि़यों ने निराशा में कई बार आउट की अपील भी की। एक मौके पर कप्तान शा अंपायर वीरेंद्र शर्मा से कहने लगे कि गेंद बल्ले को छूकर निकली है, आपको सुनाई नहीं दिया। रिप्ले में हालांकि दिखा की गेंद बल्ले के दूर से निकली थी। दुबे ने भी अपना शतक बनाने के बाद सिद्धू मूसेवाला की तरह जांघ पर हाथ मारने के बाद अंगुली को आसमान की उठाकर जश्न मनाया, जैसा की मुंबई के लिए सरफराज ने किया था। ऐसा लगा कि उनका यह जश्न मूसेवाला को श्रद्धांजलि देने की जगह सरफराज को जवाब दे रहा था। शुभम को अवस्थी ने आउट किया, जबकि मुलानी ने दुबे को चलता किया। इसके बाद पाटीदार और श्रीवास्तव ने चौथे विकेट के लिए 72 रन की अटूट साझेदारी कर मुंबई की वापसी की कोशिश को विफल कर दिया।


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