मुंबई ने दिल्ली को हराकर जीती विजय हज़ारे ट्रॉफी, शॉ रहे फ्लॉप, चमके आदित्य तारे
खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली की टीम मुंबई के अटैक के सामने टिक नहीं पाई और 177 रन पर ही सिमट गई।
बेंगलुरू, जेएनएन। मुंबई ने विजय हजारे ट्राफी के फाइनल में दिल्ली को चार विकेट से हराकर तीसरी बार विजय हजारे ट्राफी का खिताब अपने नाम किया। इस मैच में मुंबई की जीत के हीरो रहे आदित्य तारे। तारे ने मुंबई के लिए 71 रन की पारी खेलकर अपनी टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। तारे को उनकी इस शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से भी नवाज़ा गया।
ऐसे जीती मुंबई
खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली की टीम मुंबई के अटैक के सामने टिक नहीं पाई और 177 रन पर ही सिमट गई। 178 रन की चुनौती को मुंबई की टीम ने 6 विकेट खोकर 35 ओवर में ही हासिल कर लिया। मुंबई की ओर से शिवम दुबे और धवल कुलकर्णी ने 3-3 विकेट लिए. वहीं आदित्य तारे 71 और सिद्देश लाड ने 48 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई।
नवदीप ने जगाई आस
178 रन की पीछा करने उतरी मुंबई की टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। मुंबई ने 25 रन के स्कोर तक ही तीन विकेट गंवा दिए थे। खास बात ये है कि मुंबई को ये तीनों ही झटके दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ नवदीप सैनी ने ही दिए। नवदीप ने मुंबई की पारी की तीसरी गेंद पर ही पृथ्वी शॉ को 8 रन पर बोल्ड कर दिया। इससे पहले शॉ ने नवदीप की दोनों गेंदों पर बाउंड्री लगाई थी। इसके बाद सैनी ने रहाणे को भी एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। इसके बाद भी सैनी नहीं रूके और उन्होंने सूर्य कुमार यादव (04) को नीतिश राणा के हाथों कैच आउट करवाकर दिल्ली की टीम की उम्मीदें जगा दी थी। इसके बाद 40 रन के स्कोर पर मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर भी आउट हो गए, लेकिन इसके बाद आदित्य तारे और सिद्देश लाड की 105 रन की साझेदारी ने मुंबई की मैच में वापसी कर दी।
दिल्ली ने की खराब बल्लेबाज़ी
दिल्ली की शुरुआत काफी खराब रही और दो रन पर ही कप्तान गौतम गंभीर के रूप में पहला विकेट गंवा दिया और इसके बाद 17 पर उन्मुक्त चंद कुलकर्णी की गेंद पर रहाणे को कैच थमा बैठे। दिल्ली की टीम अभी इन दो बड़े झटकों से संभली भी नहीं थी कि 21 रन देशपांडे ने मनन शर्मा के रूप में टीम को तीसरा झटका दे दिया। शौरी और राणा को इसके बाद संभलकर बल्लेबाजी करते हुए टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन 60 रन पर राणा पवेलियन लौटे गए।
इसके बाद शौरी ने हिम्मत सिंह के साथ मिलकर एक अच्छी साझेदारी बनाने की कोशिश की और टीम को 80 के पार ले गए, लेकिन अगले ही पल शौरी के रूप में टीम को पांचवां झटका लगा। हालांकि एक छोर पर हिम्मत ने टीम को संभालकर कर रखा था, लेकिन दूसरे छोर पर उन्हें साथ मिल पा रहा था और जैसे तैसे ललित के साथ मिलकर टीम को 100 पर लेकर आए ही थे, ललित कुलकर्णी की गेंद पर तारे के हाथों कैच आउट हो गए।