देवधर ट्रॉफी में भारत 'बी' ने भारत ‘ए’ को 8 विकेट से हराया, शतक से चूके हनुमा विहारी
विहारी ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 76 गेंदों पर 95 रनों की नाबाद पारी खेली इस पारी में विहारी ने 16 चौके और एक छक्का लगाया।
नई दिल्ली, जेएनएन। देवधर ट्रॉफी में भारत ‘बी’ ने भारत ‘ए’ को 8 विकेट से हराया। भारत ‘बी’ ने टॉस जीतकर भारत ‘ए’ को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित किया। बाएं हाथ के स्पिनर धर्मेंद्र सिंह जडेजा और उमेश यादव की बेहतरीन गेंदबाजी के सामने भारत ‘ए’ की टीम 41.2 ओवरों में 178 रनों पर ढेर हो गयी। भारत ‘बी’ को वीजेडी नियम से 43 ओवर में 175 रन का लक्ष्य मिला। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत ‘बी’ टीम ने हनुमा विहारी की बेहतरीन पारी की मदद से मात्र 26.2 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया।
भारत ‘बी’ के गेंदबाजों ने भारत ‘ए’ के बल्लेबाजों को एक बार भी खुलकर नहीं खलने दिया। भारत ‘बी’ की ओर से उमेश यादव ने नौ ओवर में 28 रन देकर दो विकेट लिये जबकि जडेजा ने 36 रन देकर चार विकेट हासिल किए। इनके अलावा जयंत यादव और सिद्धार्थ कौल को भी दो-दो विकेट मिले। भारत ‘बी’ की ओर से बल्लेबाजी में हनुमा विहारी ने बेहतरीन पारी खेलते हुए नाबाद 95 रन बनाए।
विहारी ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 76 गेंदों पर 95 रनों की नाबाद पारी खेली उन्होंने इस पारी में 16 चौके और एक छक्का लगाया। इसके अलावा अभिमन्यु ईश्वरन (43) के साथ दूसरे विकेट के लिए 98 रन जोड़कर टीम को एकतरफा जीत की ओर ले गये। अभिमन्यू के आउट होने के बाद विहारी ने कप्तान श्रेयस अय्यर के साथ तीसरे विकेट के लिये 64 रन की नाबाद साझेदारी की। मैच खत्म होने तक दोनो बल्लेबाज नाबाद लौटे।
इससे पहले भारत 'ए' की ओर से रिकी भुई (78 रन) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज विकेट पर टिककर नहीं खेल पाया। रिकी के बाद उनकी टीम से दूसरा बड़ा स्कोर सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (28 रन) का रहा। आपको बता दें कि पृथ्वी शॉ ने अपनी कप्तानी में भारत की अंडर 19 टीम को विश्वकप का खिताब जिताया था। इस विश्वकप में खुद कप्तान शॉ ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी। इसके अलावा इस विश्वकप में भारतीय टीम एक विश्व चैंपियन की तरह खेली उसने पहले मैच से लेकर विश्वकप फाइनल तक सभी मैच बड़े अंतर से जीते।