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..और उस एक गेंद ने पंजाब से दूर कर दिया उसका पहला खिताब

किंग्स इलेवन पंजाब पहली बार आइपीएल फाइनल में पहुंची थी। जिस अंदाज में वो पूरा टूर्नामेंट में खेले थे ऐसे में टीम के मालिक से लेकर खिलाड़ियों और फैंस तक सभी को उम्मीद थी कि इस बार खिताब उन्हीं का होगा..लेकिन फाइनल मैच के अंतिम क्षणों में एक खराब गेंद कैसे सभी उम्मीदों को ध्वस्त कर सकती है इसका नमूना रविवार को देखने क

By Edited By: Published: Mon, 02 Jun 2014 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jun 2014 10:24 AM (IST)
..और उस एक गेंद ने पंजाब से दूर कर दिया उसका पहला खिताब

बेंगलुरू। किंग्स इलेवन पंजाब पहली बार आइपीएल फाइनल में पहुंची थी। जिस अंदाज में वो पूरा टूर्नामेंट में खेले थे ऐसे में टीम के मालिक से लेकर खिलाड़ियों और फैंस तक सभी को उम्मीद थी कि इस बार खिताब उन्हीं का होगा..लेकिन फाइनल मैच के अंतिम क्षणों में एक खराब गेंद कैसे सभी उम्मीदों को ध्वस्त कर सकती है इसका नमूना रविवार को देखने को मिल गया।

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किस्सा है आइपीएल-7 के फाइनल मैच में लक्ष्य का पीछा कर रही कोलकाता की पारी के 19वें ओवर का। गेंदबाज थे विश्व के सबसे इन फॉर्म गेंदबाजों में से एक ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन। दो ओवर में कोलकाता को जीत के लिए चाहिए थे 15 रन लेकिन वे 6 विकेट खो चुके थे इसलिए लक्ष्य इतना आसान नहीं था। मैच और रोमांचक तब हो गया जब इस ओवर की पहली गेंद पर दो रन आने के बाद दूसरी ही गेंद पर आखिरी प्रमुख बल्लेबाज के तौर पर पिच पर मौजूद सूर्यकुमार यादव (5) भी कैच आउट हो गए। कोलकाता के सात विकेट खो चुके थे और पिच पर कोई खास बल्लेबाज भी मौजूद नहीं थे। दो गेंदें निकल चुकी थीं और अगली तीन गेंदों पर जॉनसन ने मात्र दो रन ही दिए जिससे पंजाब के सभी फैंस उत्साह में झूमने लगे। अब इस ओवर की अंतिम गेंद बाकी थी और कुल 7 गेंदों पर कोलकाता को 11 रन चाहिए थे। ये लक्ष्य पंजाब की जानदार फील्डिंग को देखते हुए कहीं से भी आसान नहीं लग रहा था लेकिन फिर जॉनसन ने वो गलती की जिसने सभी सपनों को ढेर कर दिया। जॉनसन ने पूरे ओवर में सभी गेंदें यॉर्कर और ब्लॉक होल में की थीं जिस पर किसी भी बल्लेबाज को शॉट खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन पता नहीं उनके दिमाग में क्या आया कि अंतिम गेंद उन्होंने शॉर्ट कर दी। इस बाउंसर पर पीयूष चावला ने सिर्फ दिशा देते हुए पुल किया और लेग साइड पर करारा छक्का जड़ दिया। बस, इसी शॉट के साथ मैच तकरीबन खत्म मान लिया गया। पंजाब के सभी फैंस और खिलाड़ी अपना सिर पकड़कर अफसोस कर रहे थे, किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि जॉनसन ने ऐसी गेंद आखिर क्यों फेंकी।

इसके बाद अंतिम ओवर में मात्र पांच रन चाहिए थे और आउट ऑफ फॉर्म परविंदर अवाना के इस ओवर की तीसरी ही गेंद पर चौका जड़कर चावला ने केकेआर को आइपीएल में दूसरी बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल कराया। जाहिर तौर पर मिचेल जॉनसन अपनी उस एक गेंद को लेकर अब लंबे समय तक अफसोस करेंगे।

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