नहीं रुकेंगे प्लेऑफ मुकाबले, सुप्रीम कोर्ट ने मांग ठुकराई
आईपीएल के छठे सत्र में आज से शुरू हो रहे प्लेऑफ मुकाबलों पर स्पॉट फिक्सिंग कांड के कारण संकट के बादल मंडराने लगे हैं। स्पॉट फिक्सिंग जांच पूरी होने तक प्लेऑफ मुकाबलों पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसपर दोपहर 2 बजे सुनवाई होनी है। अगर स
नई दिल्ली। आईपीएल के छठे सत्र में प्लेऑफ मुकाबले जारी रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आज वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें स्पॉट फिक्सिंग की जांच पूरी होने तक प्लेऑफ मुकाबलों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में बीसीसीआई से दो हफ्तों में रिपोर्ट देने का कहा है। साथ ही यह भी कहा कि क्रिकेट की गरिमा बनाए रखना बीसीसीआइ का काम है।
गौरतलब है कि प्लेऑफ के दौरान आज पहला मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा। इस जनहित याचिका में आईपीएल मैचों की अनियमितताओं की जांच विशेष जांच दल [एसआइटी] से कराने की भी मांग की गई थी। लखनऊ के सुदर्श अवस्थी की याचिका में 22, 24 और 26 मई को होने वाले आईपीएल सेमीफाइनल व फाइनल मैचों पर रोक की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि एसआइटी मामले की जल्द जांच कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपे।
याचिका में कहा गया था कि कोर्ट केंद्र सरकार व बीबीसीआइ को आईपीएल पर पूरी तरह रोक लगाने का निदेॅश दे। आईपीएल में बड़ी रकम का निवेश होता है, खिलाड़ियों की नीलामी होती है और उन्हें बड़ी-बड़ी बोलियों में खरीदा जाता है। आईपीएल की नौ टीमों के मालिक और फ्रेंचाइजी विदेशी मुद्रा में खिलाड़ियों, अंपायर, चीयर लीडर व कमेंन्टेटर को भुगतान करते हैं। खर्च का ब्योरा भी देश के नागरिकों को मुहैया नहीं कराया जाता। याची की चिंता आईपीएल में मौजूद राष्ट्रविरोधी व असामाजिक गतिविधियां है। मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि राष्ट्रविरोधी तत्व आईपीएल में संलिप्त हैं। वे इसमें भारी निवेश कर रहे हैं। ये राष्ट्रविरोधी तत्व खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग जैसे गलत कामों के लिए दबाव डालते हैं और उन्हें धमकाते हैं।
याचिका में कहा गया था कि आईपीएल कालेधन, जुआ व अश्लीलता का अड्डा बन गया है। नतीजतन भारतीय क्रिकेट टीम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम की जिम्मेदारी है कि वह देश के लिए खेले, जबकि वे स्पॉट फिक्सिंग, गैंबलिंग और बेटिंग में लगे हैं। इसीलिए याची राष्ट्रहित में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से उचित निर्देश मांग रहा है। याचिका में सरकार और बीसीसीआइ के अलावा आईपीएल टीमों के मालिकों को भी पक्षकार बनाया गया था।
वहीं, दूसरी तरफ कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि फिक्सिंग रोकने के लिए खेल मंत्रालय के साथ मिलकर कड़े कानून बनाएंगे। इस मामले पर कपिल सिब्बल और खेलमंत्री जीतेंद्र सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
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