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पवार का हाथ हटा तो श्रीनिवासन को नहीं बचा सकता कोई

(ओमप्रकाश तिवारी) मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता डी.पी.त्रिपाठी ने बीसीसीआई चेयरमैन एन.श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग कर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब श्रीनिवासन की पीठ पर शरद पवार का हाथ नहीं रहा। इससे श्रीनिवासन की विदाई अब तय मानी जा रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पिछले डेढ़ दशक से शरद पवार

By Edited By: Published: Sat, 25 May 2013 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2013 10:26 AM (IST)
पवार का हाथ हटा तो श्रीनिवासन को नहीं बचा सकता कोई

(ओमप्रकाश तिवारी) मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता डी.पी.त्रिपाठी ने बीसीसीआई चेयरमैन एन.श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग कर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब श्रीनिवासन की पीठ पर शरद पवार का हाथ नहीं रहा। इससे श्रीनिवासन की विदाई अब तय मानी जा रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पिछले डेढ़ दशक से शरद पवार की ही तूती बोलती रही है। पहले मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) और फिर बीसीसीआई के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ (आईसीसी) तकका सफर तय कर चुके मराठा छत्रप शरद पवार इन संगठनों में परोक्ष सक्रिय दिखाई दें या न दें, चलती उन्हीं की है। कभी भारतीय क्रिकेट के चाणक्य कहे जानेवाले जगमोहन डालमिया से शिकस्त खानेवाले पवार पिछले करीब डेढ़ दशक में या तो स्वयं बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे हैं, या फिर उनकी बात मानने वाले कोई अन्य व्यक्ति। इस दौरान ललित मोदी को बीसीसीआई में लाने एवं उनकी प्रतिभा को पहचान कर उनके जरिए आईपीएल शुरू करवाने के पीछे भी शरद पवार का दिमाग ही काम करता रहा है।

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लेकिन इस दौरान यह भी देखा गया है कि जब-जब उनके द्वारा बीसीसीआई या एमसीए में लाया गया कोई व्यक्ति किसी विवादों में घिरा है, सबसे पहले शरद पवार ने ही उससे पल्ला झाड़ लिया है। दो साल पहले आईपीएल के तत्कालीन कमिश्नर ललित मोदी ने कोच्चि टीम के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। कोच्चि टीम की एक साझीदार कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी भी थीं। मोदी का पक्ष लेने पर मामला कांग्रेस बनाम राकांपा हो सकता था। इसलिए पवार ने मोदी को सहारा देने के बजाय ऐसा हाथ खिंचा कि मोदी को देश ही छोड़ना पड़ गया । श्रीनिवासन से पहले बीसीसीआई अध्यक्ष रहे शशांक मनोहर भी शरद पवार की ही पसंद थे। उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद पवार की सहमति से ही श्रीनिवासन को अध्यक्ष चुना गया था। अब डी.पी.त्रिपाठी की मांग शरद पवार का समर्थन हटने का संकेत मानी जा रही है।

पवार के राजनीतिक दल का आधिकारिक बयान आने के बाद बीसीसीआई की 15 सदस्यीय समिति के अंदर भी श्रीनिवासन का विरोध तेज होने के आसार बन गए हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके इस समिति के सदस्य को पहले ही बीसीसीआई एवं क्रिकेट की बदनामी को लेकर व्यथित हैं। स्पॉट फिक्सिंग विवाद सामने आने के बाद से ही समिति के राजनीतिक सदस्यों की ओर से श्रीनिवासन पर बीसीसीआई अध्यक्ष पद या आईपीएल की टीम चेन्नई सुपर किंग्स में एक को चुनने का दबाव बनाया जा रहा है।

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