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पूर्व रणजी खिलाड़ी पर सबसे अधिक शक, बड़े क्रिकेटरों से हैं संबंध

(राजीव बाजपेयी), लखनऊ। स्पॉट फिक्सिंग की आंच यूपी तक आने के बाद कई क्रिकेटर जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश का एक पूर्व रणजी क्रिकेटर पर सबसे ज्यादा शक की सुई घूम रही है और अब स्पॉट फिक्सिंग में पकड़े गए खिलाडि़यों और सटोरियों से उसके कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है।

By Edited By: Published: Thu, 30 May 2013 11:07 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2013 11:15 AM (IST)
पूर्व रणजी खिलाड़ी पर सबसे अधिक शक, बड़े क्रिकेटरों से हैं संबंध

(राजीव बाजपेयी), लखनऊ। स्पॉट फिक्सिंग की आंच यूपी तक आने के बाद कई क्रिकेटर जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश का एक पूर्व रणजी क्रिकेटर पर सबसे ज्यादा शक की सुई घूम रही है और अब स्पॉट फिक्सिंग में पकड़े गए खिलाडि़यों और सटोरियों से उसके कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है।

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कानपुर, वाराणसी और आगरा में सटोरियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस अब यह मान रही है कि सूबे में बड़े पैमाने पर सट्टेबाजों के तार जुड़े हुए हैं लेकिन 'दैनिक जागरण' ने 17 मई को ही इस बात का खुलासा किया था कि यूपी के कई सटोरिये हैं जो बड़े पैमाने पर आईपीएल में सट्टेबाजी में शामिल हैं। इनमें कई सटोरिये हैं जिनके तार खाड़ी देशों से लेकर मुंबई और दिल्ली में बैठे बड़े बुकी तक से जुड़े हैं। इनमें से कई पुलिस की लिस्ट में भी हैं और जेल तक जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के दस खिलाड़ी इस बार आईपीएल-6 में खेल रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों की छानबीन का दायरा इन क्रिकेटरों से ज्यादा इनके करीबियों और टीम प्रबंधन से जुड़े लोगों से है। एजेंसियों को सबसे ज्यादा ध्यान एक पूर्व रणजी क्रिकेटर पर है जो एक आईपीएल टीम से जुड़ा है। सूत्र बताते हैं कई शीर्ष क्रिकेटरों से उसके दोस्ताना संबंध हैं और यहां तक कि उसके साथ कई बार देखा गया है।

सूत्र बताते हैं कि हाल ही में एक टीम इंडिया के एक क्रिकेटर ने इस पूर्व रणजी क्रिकेटर की मैनेजमेंट कंपनी से अपना करार तोड़ा है। इसके अलावा जांच एजेंसियों की नजर एक और पूर्व क्रिकेटर पर है जो एक साल पहले तक दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़ा था। स्पॉट फिक्सिंग में पांच साल के लिए प्रतिबंधित किए जा चुके यूपी के पूर्व क्रिकेटर शलभ श्रीवास्तव भी उस फेहरिस्त में हैं, जिन पर निगाह है।

यूपी पुलिस के मंगलवार को दिए गए इस बयान के बाद कि यूपी के क्रिकेटर भी जांच के दायरे में हैं खिलाडि़यों में बेचैनी है। पुलिस के हरकत में आने के बाद अब तमाम क्रिकेटर मोबाइल फोन पर बात करने तक से हिचकिचा रहे हैं। पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडेय का इस बारे में कहना है कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है पैसे के लालच में खेल से खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर किसी ने गलत काम नहीं किया तो फिर क्रिकेटरों को सर्विलांस या किसी तरह की जांच से डरने की जरूरत नहीं है।

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