श्रीनिवासन को पवार ही करेंगे बोल्ड
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। बीसीसीआइ अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन अपने दामाद की गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं, जबकि बोर्ड की 15 सदस्यीय समिति में अब अधिसंख्य लोग उन्हें पद पर नहीं देखना चाहते। माना जा रहा है कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का दबाव ही अब श्रीनिवासन को गद्दी छोड़ने पर मजबूर कर सकता है। पिछले 10-12 साल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआइ] और महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन [एमसीए] में पत्ता भी शरद पवार की मर्जी से ही खड़कता रहा है। हालांकि, शरद पवार इस समय चल रहे आइपीएल विवाद पर अभी खुलकर कुछ बोलने के बजाय घटनाक्रम का जायजा भर ले रहे हैं।
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। बीसीसीआइ अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन अपने दामाद की गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं, जबकि बोर्ड की 15 सदस्यीय समिति में अब अधिसंख्य लोग उन्हें पद पर नहीं देखना चाहते। माना जा रहा है कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का दबाव ही अब श्रीनिवासन को गद्दी छोड़ने पर मजबूर कर सकता है। पिछले 10-12 साल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआइ] और महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन [एमसीए] में पत्ता भी शरद पवार की मर्जी से ही खड़कता रहा है। हालांकि, शरद पवार इस समय चल रहे आइपीएल विवाद पर अभी खुलकर कुछ बोलने के बजाय घटनाक्रम का जायजा भर ले रहे हैं।
दूसरी ओर बीसीसीआइ की 15 सदस्यीय समिति में ज्यादातर सदस्यों को लगने लगा है कि श्रीनिवासन का अब पद पर बने रहना भारतीय क्रिकेट की छवि के लिए ठीक नहीं है। समिति के ये सदस्य नहीं चाहते कि रविवार को श्रीनिवासन बीसीसीआइ अध्यक्ष के रूप में आइपीएल फाइनल के सम्मान समारोह में शामिल हों और खिलाड़ियों को ट्राफी देते नजर आएं, जबकि श्रीनिवासन ऐसा करने की जिद पर अड़े हुए हैं। बीसीसीआइ संविधान के मुताबिक तीन-चौथाई सदस्यों की सहमति के बिना बोर्ड अध्यक्ष को हटाना संभव नहीं हो सकता। यहीं शरद पवार की बड़ी भूमिका नजर आ सकती है, क्योंकि इतने सदस्यों को एक तरफ खड़ा करने का काम सिर्फ पवार ही कर सकते हैं। हालांकि श्रीनिवासन का सम्मान बनाए रखने के लिए शरद पवार उन्हें अपने आप पद छोड़ने के लिए भी कह सकते हैं। माना जा रहा है कि पवार का इशारा मिलने के बाद श्रीनिवासन भी अपनी जिद छोड़कर पद छोड़ देंगे, क्योंकि बीसीसीआइ में अच्छा दखल रखने वाले पवार की मर्जी के बिना श्रीनिवासन के लिए क्रिकेट की राजनीति करना मुश्किल होगा।
गुरु के साथ लेनदेन में फंसेंगे श्रीनिवासन
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। बीसीसीआइ चेयरमैन एन. श्रीनिवासन भले ही सीना ठोंककर पद से इस्तीफा नहीं देने की बात कह रहे हों, लेकिन दामाद गुरुनाथ मयप्पन के साथ पिछले दो साल में हुआ आर्थिक लेनदेन उनकी मुसीबत बढ़ा सकता है। शुक्रवार को बड़ी जल्दबाजी में श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट ने मयप्पन से किनारा कर लिया था। इंडिया सीमेंट की तरफ से न सिर्फ इस कंपनी बल्कि आइपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स से भी मयप्पन की दूरी दर्शाने वाले बयान जारी किए गए थे, लेकिन पुलिस ने अब पूरी गंभीरता से श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट व गुरुनाथ मयप्पन की कंपनी एवीएम स्टूडियोज के बीच हुए आर्थिक लेनदेन की तह में जाने की शुरुआत कर दी है।
पता चला है कि इसके लिए मुंबई पुलिस की अपराध शाखा कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भी मदद ले रही है। पुलिस खासतौर से पिछले दो वर्ष में इन दोनों के बीच हुए लेनदेन की पड़ताल पर जोर दे रही है, क्योंकि श्रीनिवासन करीब दो साल पहले ही बीसीसीआइ के अध्यक्ष बने थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर दोनों के बीच आर्थिक संबंध पुष्ट हुए तो श्रीनिवासन से भी पुलिस न सिर्फ पूछताछ कर सकती है, बल्कि उन पर फंदा भी कस सकता है। दूसरी ओर, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार देर रात गुरुनाथ मयप्पन को गिरफ्तार कर शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां उन्हें 29 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। मयप्पन की पुलिस रिमांड मांगते हुए अपराध शाखा ने अदालत को बताया कि उसके पास मयप्पन व विंदू दारा सिंह की बातचीत के रिकॉर्ड हैं, जिनसे पता चलता है कि मयप्पन अपने ससुर श्रीनिवासन की आइपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की रणनीतियों की जानकारी विंदू को दिया करता था।
विंदू के जरिए ये जानकारियां सट्टेबाज जुपिटर व पवन जयपुरिया तक पहुंचती थीं, जिनका इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए किया जाता था। पांच दिन की पुलिस रिमांड के दौरान अपराध शाखा मयप्पन और विंदू से अलग-अलग व दोनों को साथ बैठाकर पूछताछ करेगी। पुलिस जानना चाहती है कि कहीं मयप्पन की बातचीत पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ से तो नहीं होती थी। जांच को आगे बढ़ाने के लिए पुलिस मयप्पन के चार मोबाइल फोन बरामद करने के लिए उनके चेन्नई स्थित आवास पर भी जाने की तैयारी कर रही है।
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