आइसीसी में पूर्व भारतीय खिलाड़ी के चुनाव पर विवाद, लगा गंभीर आरोप
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की समिति में खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के तौर पर बीसीसीआइ समर्थित लक्ष्मण शिवरामकृष्णन की नियुक्ति पर विवाद बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ (फिका) ने मंगलवार को इस नियुक्ति की आइसीसी की नैतिक समिति से स्वतंत्र जांच की मांग की है। फिका ने कहा कि हो सकता है कि कप्तान
मेलबर्न। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की समिति में खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के तौर पर बीसीसीआइ समर्थित लक्ष्मण शिवरामकृष्णन की नियुक्ति पर विवाद बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ (फिका) ने मंगलवार को इस नियुक्ति की आइसीसी की नैतिक समिति से स्वतंत्र जांच की मांग की है।
फिका ने कहा कि हो सकता है कि कप्तानों को ऑस्ट्रेलियाई उम्मीदवार टिम मे के खिलाफ मत देने के लिए बाध्य किया गया हो। शिवरामकृष्णन ने बीसीसीआइ द्वारा प्रतिनिधि पद के लिए पुनर्मतदान कराए जाने के बाद आइसीसी क्रिकेट समिति में खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के रूप में टिम की जगह ली है। टिम फिका के मुख्य कार्यकारी भी हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि शुरुआती मतगणना में टिम ने शिवरामकृष्णन के खिलाफ 9-1 से जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन बीसीसीआइ ने अपनी वित्तीय ताकत का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और जिंबॉब्वे के क्रिकेट बोर्डो को विवश कर दिया कि वे अपने कप्तानों को शिवरामकृष्णन के पक्ष में वोट देने के लिए कहें।
फिका के कानूनी सलाहकार इयान स्मिथ ने कहा कि क्रिकेट संघों पर दबाव डाला गया, जबकि आइसीसी ने पहले ही इस गुप्त मतदान में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी थी। स्मिथ ने कहा कि पुनर्मतदान में आइसीसी के कई बोर्डो को अपने कप्तानों को चुनाव में वोट बदलने के लिए दबाव डाला गया। फिका का अधिकारिक पक्ष यह है कि इन आरोपों की स्वंतत्र और सतर्क जांच की जानी चाहिए।
एल शिवरामकृष्णन, पूर्व भारतीय स्पिनर बोल
'मैंने टिम मे को चुनाव में हराया है। मुझे लगता है कि अब समिति को नए सुझावों की जरूरत है और निश्चित ही अगले तीन वर्षो तक मैं बेहतर काम करके विश्व में क्रिकेट को आगे लेकर जाऊंगा।' -एल शिवरामकृष्णन, पूर्व भारतीय स्पिनर
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