हैरानी! जब पोलार्ड छुड़ा रहे थे छक्के, तब उन्हें बुखार था
मुंबई। सोमवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुंबई के किरोन पोलार्ड जिस वक्त दनादन रन बरसा रहे थे, उस वक्त वे फ्लू से ग्रसित थे। टीम प्रबंधन के अलावा यह बात किसी को मालूम नहीं थी, लेकिन वे किसी भी कीमत पर मुंबई को जीत दिलाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने खेलने का फैसला किया और प्रबंधन ने उन्हें इसकी मंजूरी दी।
मुंबई। सोमवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुंबई के किरोन पोलार्ड जिस वक्त दनादन रन बरसा रहे थे, उस वक्त वे फ्लू से ग्रसित थे। टीम प्रबंधन के अलावा यह बात किसी को मालूम नहीं थी, लेकिन वे किसी भी कीमत पर मुंबई को जीत दिलाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने खेलने का फैसला किया और प्रबंधन ने उन्हें इसकी मंजूरी दी।
मैच समाप्ति के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पोलार्ड ने कहा कि मुझे अभी भी छींके आ रही हैं। मैं पुणे खिलाफ इसलिए नहीं खेल सका, क्योंकि मुझे फ्लू था। मैं अभी भी ठीक नहीं हूं, लेकिन मुझे पता था कि टीम के लिए यह मैच जीतना कितना जरूरी थी। मैंने अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया और अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। इस कारण मैंने सनराइजर्स के खिलाफ मैच खेलने का फैसला किया और प्रबंधन ने मुझे मंजूरी दे दी।
27 गेंदों में नाबाद 66 रन बनाने वाले पोलार्ड ने बताया कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो लक्ष्य 15 रन प्रति ओवर हो गया। उन्होंने कहा कि यह खुद पर भरोसा करने वाली बात थी कि वे अच्छी बल्लेबाजी करेंगे। उन्होंने बताया कि वे पहले ही यह तय कर चुके थे कि किस गेंदबाज पर प्रहार करना है और मैंने वैसा ही किया। गौरतलब है कि पोलार्ड जिस वक्त बल्लेबाजी करने क्रीज पर आए, उस वक्त 99 के स्कोर पर मुंबई के 3 विकेट गिर चुके थे और 40 गेंदों में 80 रनों की जरूरत थी।
पोलार्ड ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझी और ताबड़तोड़ रन बरसाने लगे। उन्होंने 27 गेंदों की अपनी छोटी सी पारी में 2 चौके और 8 गगनचुंबी छक्के लगाए। उनकी इस जबरदस्त पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 7 विकेट से शानदार जीत दर्ज की। तूफानी पारी और मुंबई को जीत दिलाने में अहम भूमिक निभाने के कारण किरोन पोलार्ड को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।
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