जाते-जाते कई सबक दे गया आईपीएल
आईपीएल का पांचवां सत्र समाप्त हो चुका है और कोलकाता नाइटराइडर्स [केकेआर] के रूप में नया चैंपियन सबके सामने है। लेकिन यह टी-20 टूर्नामेंट जाते-जाते टीमों को कुछ सीख भी दे गया जिसका उपयोग कर वे आगे बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं।
मुंबई। आईपीएल का पांचवां सत्र समाप्त हो चुका है और कोलकाता नाइटराइडर्स [केकेआर] के रूप में नया चैंपियन सबके सामने है। लेकिन यह टी-20 टूर्नामेंट जाते-जाते टीमों को कुछ सीख भी दे गया जिसका उपयोग कर वे आगे बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं।
पांच उपयोगी सीख निम्नवत है:::
टीम महत्त्वपूर्ण है खिलाड़ी नहीं
कोलकाता नाइटराइडर्स [केकेआर] के कप्तान गौतम गंभीर ने पहली बार आईपीएल खिताब जीतने के बाद कहा था कि टीम कप्तान को सफल बनाती है। कोई खुद सफल कप्तान नहीं बनता। और उक्त बात आईपीएल के कई मैचों में सही साबित भी हुआ है। इसका शानदार उदाहरण दिया डेनियल विटोरी ने। विटोरी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के नियमित कप्तान हैं लेकिन टूर्नामेंट के ज्यादातर मैचों में विराट कोहली ने टीम की अगुवाई की। आउट आफ फार्म होने के कारण उन्होंने खुद को टीम एकादश से बाहर रखा जिससे उनकी जगह महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन टीम में खेल सके। इसी तरह डेक्कन चार्जर्स के कप्तान कुमार संगकारा ने भी साहसिक फैसला लिया और कई मैचों से बाहर रहे। संगकारा इस सत्र में अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सके थे। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट नस खींच जाने के कारण टूर्नामेंट में नौ मैच नहीं खेले। ओल्ड इज गोल्ड
ट्वंटी-20 को युवाओं का खेल कहा जाता है लेकिन इस बार क्रिकेट जगत के कई बुजुर्ग खिलाडि़यों ने लाजवाब प्रदर्शन कर आलोचकों की बोलती बंद कर दी। किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से मंदीप सिंह और गुरकीरत सिंह जैसे युवा क्रिकेटर थे तो वहीं टीम की अगुवाई 40 साल के एडम गिलक्रिस्ट ने की। गिलक्रिस्ट के अलावा 37 साल के अजहर महमूद और 34 साल के डेविड हसी ने भी कई मैचों में उम्दा प्रदर्शन किया। पाक मूल के क्रिकेटर अजहर ने हरफनमौला खेल भी दिखाया। वहीं राजस्थान रॉयल्स की टीम में 41 साल के ब्रैड हाग के अलावा खुद कप्तान राहुल द्रविड़ 39 और ब्राड हाज 37 साल के हैं। द्रविड़ टूर्नामेंट में कुल 462 रन [16 मैच] बनाकर सर्वाधिक रन बनाने के मामले में सातवें स्थान पर रहे। मुंबई इंडियंस के पूर्व कप्तान 38 साल के सचिन तेंदुलकर ने बतौर ओपनर बल्लेबाजी की और चेन्नई के खिलाफ 74 रन बनाकर टी-20 में भी अपनी ताकत दिखाई। वहीं बूढ़े शेर के रूप में ख्यात पाने वाले सौरव गांगुली ने पुणे वारियर्स की अगुवाई करते हुए कई मौकों पर बल्ले व गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया। 36 साल के जैक्स कालिस ने फाइनल में उम्दा बल्लेबाजी कर केकेआर को चैंपियन बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।
सिर्फ ओपनर ही मैच नहीं जीता सकते
आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में देखा जाए तो सात शीर्ष बल्लेबाजों में छह तो ओपनर ही हैं। क्रिस गेल, गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग शीर्ष पांच बल्लेबाजों में हैं लेकिन मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाजों के योगदान के बगैर ही टीम कुछ नहीं कर सकती। विदेशी खिलाडि़यों का सही प्रयोग हो
पुणे वारियर्स आईपीएल में सबसे नीचले पायदान पर रहे। इसका प्रमुख कारण है कि उसने अपने विदेशी खिलाडि़यों का सही प्रयोग नहीं किया। पुणे ने बांग्लादेश के तमीम इकबाल को एक मैच में भी नहीं खिलाया। जबकि इकबाल बांग्लादेश के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज माने जाते हैं। वहीं दिल्ली डेयरडेविल्स ने कोलकाता के खिलाफ पहले क्वालीफायर मुकाबले में रास टेलर जैसे धाकड़ बल्लेबाज को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने को भेजा। दिल्ली ने इस मामले में एक और गलती की जब मोर्ने मोर्कल जैसे बेहतरीन गेंदबाज को दूसरे प्ले आफ से बाहर कर सबको चौंका दिया। मोर्कल ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लिए हैं।
अंपायर ही सर्वोच्च होता है
मैदान पर अंपायर के शब्द ही आखिरी शब्द होते हैं लेकिन मुंबई इंडियंस के क्रिकेटरों ने आईपीएल के कई मैचों में अंपायर से उनके फैसलों पर उलझ गए। टूर्नामेंट के पांचवें मुकाबले में मुंबई के कप्तान हरभजन सिंह और मुनफ पटेल अंपायर से तीखी बहस कर बैठे। अंपायर ने इस मैच में डेक्कन चार्जर्स के कप्तान कुमार संगकारा को आउट नहीं दिया जबकि टीवी रिप्ले में वह बोल्ड दिख रहे थे। खिलाडि़यों और अंपायर में बहस के बाद संगकारा को आउट करार दिया गया। टीमों के लिए कोशिश होनी चाहिए कि ऐसी घटना फिर नहीं घटे।
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