युवा गेंदबाजों की तिकड़ी ने कमाल का हौसला दिखाया: वीवीएस लक्ष्मण
आइपीएल की खूबसूरती यही है कि यहां पर युवा भारतीय खिलाडि़यों को करीब दो महीने तक विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाडि़यों के साथ खेलने का मौका मिलता है।
वीवीएस लक्ष्मण,
लीग के बीच में अब तक सनराइजर्स हैदराबाद ने आठ में से छह मुकाबले जीत लिए हैं। यह एक अच्छी शुरुआत है, जैसी हम चाहते थे। ऐतिहासिक आठ जीत टीम के प्लेऑफ में पहुंचने के लिए काफी हैं, लेकिन हमारी सोच से यह जरूरी है कि हम हर मैच में सुधार करें, ना की सिर्फ क्वालीफाई करके खुशी मनाएं।
हम खासकर अपनी पिछली तीन जीत से बेहद खुश हैं, जिसमें हमने छोटे लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया। युवा गेंदबाजों के साथ यह जीत तब और खास हो जाती हैं, जब भुवी जैसा गेंदबाज टीम में नहीं था। हमारे रिटेन किए खिलाडि़यों में और विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक भुवनेश्वर हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में सिद्धार्थ कौल, संदीप शर्मा और बासिल थंपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने दबाव के अंदर बहुत कुछ पाया। ऐसे में उनको श्रेय दिया जाना चाहिए। अच्छे कौशल वाले खिलाड़ी भी दबाव में बिखर जाते हैं, लेकिन इन युवा तेज गेंदबाजों की तिकड़ी ने कमाल का हौसला दिखाया है।
मैं साथ ही राशिद खान से भी बहुत प्रभावित हूं, जिन्होंने शानदार व्यक्तित्व दिखाया है। लगातार दो मुकाबलों में राशिद ने काफी रन लुटाए, लेकिन इसके बाद उन्होंने जिस तरह से वापसी की वह काबिले तारीफ है। वह अभी युवा हैं, लेकिन जिस तरह से वह चीजों को सीख रहे हैं वह शानदार है। उनकी मानसिक क्षमता और कौशल उन्हें खास गेंदबाज बना रही है।
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हमारा क्षेत्ररक्षण भी काफी अच्छा रहा है। टीम के खिलाड़ी समझते हैं कि क्षेत्ररक्षण उनके नियंत्रण में है और वह अपनी पूरी क्षमता क्षेत्ररक्षण में लगा रहे हैं। आधे मौकों को खिलाड़ी भुना रहे हैं, रन आउट भी कर रहे हैं। एक प्रतिशत मौके को भी भुना रहे हैं। हम अपनी बल्लेबाजी से जरूर कुछ ज्यादा उम्मीद रखते हैं और मैं आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह सिर्फ समय की बात है। वह जरूर आगे अच्छा प्रदर्शन करेंगे, ऐसी मुझे उम्मीद है।
इस सत्र में भारतीय खिलाडि़यों की सफलता बात करने योग्य है। एमएस धौनी और अंबाती रायुडू जैसे अनुभवी खिलाड़ी कल्पना से ज्यादा अच्छा कर रहे हैं। वहीं श्रेयस अय्यर, पृथ्वी शॉ, रिषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी भी अच्छा कर रहे हैं। गौतम गंभीर की जगह कप्तानी मिलने के बाद भी श्रेयस की बल्लेबाजी पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। पृथ्वी पावरहाउस हैं तो वहीं रिषभ ने टीम इंडिया में पदार्पण करने के बाद से खुद को अच्छा विकसित किया है। इसमें कोई ताज्जुब नहीं है कि वह ऑन साइड के बेहद शानदार बल्लेबाज हैं। वह पहले से ज्यादा परिपक्व हुए हैं और संतुलित हुए हैं, जो उनके भविष्य के लिए काफी अच्छा है।
आइपीएल की खूबसूरती यही है कि यहां पर युवा भारतीय खिलाडि़यों को करीब दो महीने तक विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाडि़यों के साथ खेलने का मौका मिलता है। इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है कि कैसे यह नई पीढ़ी के खिलाड़ी खुद को मिले स्वर्णिम मौके को भुना रहे हैं।