जब धौनी की टीम नहीं कर पाई प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई, IPL के इतिहास में सिर्फ एक बार हुआ है ऐसा
महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स नहीं कर पाई थी IPL 2016 के प्लेऑफ में क्वालीफाई। IPL के इतिहास में सिर्फ एक बार हुआ है ऐसा।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल में सफलता का दूसरा नाम महेंद्र सिंह धौनी है। IPL 2019 को मिलाकर धौनी 8वीं बार बतौर कप्तान इस लीग के फाइनल मैच में उतरेंगे। यहां तक कि इस बार 9वीं बार धौनी आइपीएल का फाइनल मैच खेलेंगे। इसके साथ-साथ धौनी ने चेन्नई सुपर किंग्स को हर बार आइपीएल के प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कराया। लेकिन, एक ऐसा भी मौका था जब बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अपनी टीम को आइपीएल के प्लेऑफ में नहीं पहुंचा सके थे।
हम बात कर रहे हैं साल 2016 की जब महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स दो साल के आइपीएल से बैन कर दी गई थी। ऐसे में धौनी को आइपीएल की नई फ्रैंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स ने मोटी रकम में अपने साथ जोड़ा था। साल 2016 में धौनी आरपीएस के कप्तान बने। धौनी की कप्तानी में पुणे की टीम ने शानदार आगाज किया और पहले मैच में मुंबई इंडियंस को हरा दिया। इसके बाद जो हुआ वो धौनी की कप्तानी का सबसे बुरा आइपीएल सीजन था।
IPL 2016 में धौनी की कप्तानी में टीम 14 में से कुल पांच मुकाबले जीती थी। आइपीएल के 9वें सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स 7वें स्थान पर रही थी। ऐसा पहली बार था जब धौनी बतौर कप्तान अपनी टीम को आइपीएल के प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं करवा पाए थे। यही वो साल था जब धौनी प्लेऑफ का कोई मैच नहीं खेले थे। अन्यथा इस सीजन के अलावा धौनी हर बार प्लेऑफ खेले हैं।
सीएसके को बतौर कप्तान तीन बार चैंपियन और लगातार 10 बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कराने वाले धौनी सिर्फ एक बार टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में असफल रहे है। इतना ही नहीं, उस साल धौनी के बल्ले से रन भी नहीं निकले थे। धौनी ने 14 मैचों में 12 पारियों में सिर्फ 284 रन बनाए थे। यही वजह रही कि अगले साल धौनी से कप्तानी छीनकर स्टीव स्मिथ को सौंप दी गई। स्मिथ की कप्तानी में टीम ने अगले साल(IPL 2017) फाइनल खेला। लेकिन, खिताब मुंबई इंडियंस के हाथ लगा।
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