संजय मांजरेकर ने कहा ये दो स्पिनर आइपीएल में हैं गेम चेंजर, एक भारतीय भी है शामिल
मुंबई इंडियंस के खिलाफ राशिद खान मैन ऑफ द मैच चुने गए। उनके स्पैल में खास बात थी कि उन्होंने 18 गेंदों पर कोई रन नहीं दिया था।
(संजय मांजरेकर का कॉलम)
आइपीएल में पिछले कुछ दिनों में दो युवा स्पिनरों ने अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ी है। जी हां, ये स्पिनर हैदराबाद के राशिद खान और आरसीबी के वाशिंगटन सुंदर हैं। जब टी-20 क्रिकेट का जन्म हुआ था तब किसने सोचा था कि स्पिन इस प्रारूप में गेम चेंजर बन सकती है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ राशिद खान मैन ऑफ द मैच चुने गए। उनके स्पैल में खास बात थी कि उन्होंने 18 गेंदों पर कोई रन नहीं दिया था। इसका मतलब ये हुआ कि तीन ओवर में एक भी रन नहीं। राशिद का लेग स्पिन व गुगली का एक्शन बेहद मिलता-जुलता है। इसका नुकसान ये है कि गेंद ज्यादा टर्न नहीं लेती, लेकिन इसका बड़ा फायदा ये है कि बल्लेबाज को गेंद भांपने में मुश्किल होती है और इसका फायदा गेंदबाज को विकेट के रूप में मिलता है। ऐसे में हर गेंद को मैदान के बाहर मारने के लिए उतावले बल्लेबाज के लिए तेजी से फेंकी गई राशिद की गेंद किसी भयावह सपने से कम नहीं है।
वाशिंगटन सुंदर टी-20 क्रिकेट के असाधारण गेंदबाज हैं। वह फिंगर स्पिनर की खत्म होती प्रजाति का प्रतिनिधित्व करते हैं। न कोई रहस्य और न बड़ी विविधता। वह क्लासिक ऑफ स्पिनर हैं जो अंगुलियों के इस्तेमाल से बल्लेबाज को तंग करते हैं। टी-20 स्पिनर के तौर पर उनकी सफलता और प्रभाव चकित करता है। यहां तक कि कप्तान को उन्हें दायें हाथ के गेंदबाज के आगे गेंद कराने में भी कोई झिझक नहीं होती। वह इसलिए क्योंकि सुंदर दायें और बायें हाथ के बल्लेबाजों के लिए अलग-अलग जाल बुनते हैं। तो क्या चीज उन्हें अलग बनाती है। मुझे लगता है कि उनका गेंद को ऊंचाई से छोड़ने का अंदाज बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करता है। वे ज्यादा टर्न नहीं कराते हैं, ऐसे में बल्लेबाज के पास गेंद को सीधे खेलने के अलावा कोई चारा नहीं होता। मगर ऑफ स्पिनर पर चौका और छक्का लगाने का प्रयास करते वक्त बल्लेबाज सीधे खेलने के विकल्प पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।
(टीसीएम)