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IPL 2019: नो बॉल विवाद में धौनी पर तो लगा जुर्माना पर क्यों नहीं उठी उंगली ?

IPL 2019 धौनी ने जो किया वो गलत था लेकिन अंपायर ने जो किया उसे भी सही नहीं ठहराया जा सकता।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 04:17 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 12:27 AM (IST)
IPL 2019: नो बॉल विवाद में धौनी पर तो लगा जुर्माना पर क्यों नहीं उठी उंगली ?
IPL 2019: नो बॉल विवाद में धौनी पर तो लगा जुर्माना पर क्यों नहीं उठी उंगली ?

नई दिल्ली, जेएनएन। IPL 2019 आइपीएल में चेन्नई और राजस्थान के बीच खेले गए 25वें मैच के आखिरी पल में सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने जो किया वो खेल भावना कि विपरीत थी। इसके लिए धौनी को सजा मिली और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार भी की। धौनी जिस कद के खिलाड़ी हैं और अपने जिस व्यवहार के लिए जाने जाते हैं इस मैच में वो उससे बिल्कुल अलग दिखे। धौनी का ये रूप देखकर हर कोई हैरान था और यही सोच रहा था कि दुनिया का सबसे कूल कप्तान का ऐसा गुस्सा क्या जायज है। 

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अब जरा उस घटना के बारे में जानते हैं। दूसरी पारी में आखिरी ओवर राजस्थान की तरफ से बेन स्टोक्स फेंक रहे थे। ये आखिरी ओवर की चौथी गेंद थी और बेन का सामना सैंटनर कर रहे थे। बेन की ये गेंद स्लोअर फुलटॉस थी जो सैंटनर की कमर से उंची थी और उन्होंने उसे लांग ऑन की तरफ खेल दिया था। गेंदबाज की छोर पर खड़े अंपायर उल्हास गंधे ने इस गेंद को नो बॉल करार दिया लेकिन लेग अंपायर ब्रुस ऑक्सनफोर्ड ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई इशारा नहीं किया और ये सही गेंद है। इससे बात उल्हास के लिए मुसीबत खड़ी हो गई और वो अपने फैसले को ही पलटने का इशारा करने लगे। इस दौरान बल्लेबाजी कर रहे दोनों बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और सैंटनर भी हैरान थे कि आखिर अंपायर ने अपना फैसला क्यों बदला। वहीं उसी वक्त डगआउट में मौजूद धौनी पहले फील्ड के बाहर से अपनी बात कहते नजर आए और जब उन्हें लगा कि इस पर कोई सही फैसला नहीं किया गया तो वो मैदान पर आ गए। 

धौनी का मैदान पर आना, अंपायर से बात करना, खेल का कुछ देर के लिए प्रभावित होना ये सबकुछ गलत था और पूरी दुनिया का ध्यान इस तरफ ही केंद्रित होकर रह गया पर उस अंपायर का क्या जिन्होंने इस विवाद को जन्म दिया। अगर फील्ड पर मौजूद अंपायर कोई सही फैसला नहीं कर पा रहे थे तो वो तीसरे अंपायर की मदद ले सकते थे। हालांकि इस दौरान कमेंट्री कर रहे कुछ पूर्व खिलाड़ियों का भी यही कहना था कि ये नो बॉल थी। यानी धौनी के मैदान पर आते ही अंपायर की गलती छुप गई जो साफ तौर पर इस घटना के लिए जिम्मेदार थे तो उनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सारी बात धौनी पर ही आकर खत्म हो गई और वो विलेन बन गए। 

इस सीजन में ये दूसरा बड़ा मौका था जब अंपायर के किसी फैसले पर इतना विवाद हुआ। इससे पहले भी बैंगलोर के एक मैच के दौरान अंपायर ने आखिरी गेंद जो कि नो बॉल थी उस पर ध्यान नहीं दिया और काफी विवाद हुआ। खबर तो यहां तक आई थी कि विराट ने इसके बाद मैच रेफरी से बातचीत की और उन्हें काफी भला बुरा कहा। इस मैच में धौनी तो सिर्फ बात करने आए थे। अब सवाल ये उठता है कि क्या अंपायर हर बार सही होते हैं अगर वो कोई गलत फैसला भी दे दें तो। अंपायर का एक गलत फैसला मैच का रुख मोड़ देता है और ये हमेशा से ही होता रहा है। ऐसी स्थिति में अंपायर कुछ गलत फैसला करता है तो उस पर भी उंगली उठनी चाहिए क्योंकि फील्ड पर अंपायर सबसे बड़ा बॉस होता है और सिर्फ इस वजह से उन्हें कुछ भी करने का हक है। 


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