IPL 2019: जब विरोधी टीम के कप्तान ने माना, धौनी पिच पर होते हैं तो 'डर' जाते हैं बॉलर्स!
चेन्नई से हार का सामना करने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने माना है कि जब धौनी मिडिल ऑर्डर में रहते हैं तो बल्लेबाज दबाव में आ जाते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhoni) मैदान में नहीं होते हैं तो सीएसके की दावेदारी कमजोर हो जाती है और जब वो टीम में होते हैं, तो विरोधी गेंदबाज भी दबाव में आ जाते हैं। यह बात चेन्नई के खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि विरोधी टीम के खिलाड़ी भी मानते हैं। जी हां, हाल ही में चेन्नई से हार का सामना करने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने माना है कि जब धौनी मिडिल ऑर्डर में रहते हैं तो बल्लेबाज दबाव में आ जाते हैं।
वहीं, चेन्नई के बल्लेबाज सुरेश रैना ने भी कहा है कि जब धौनी पिच पर होते हैं तो विरोधी टीम पर खास दबाव होता है और जब भी वो वहां नहीं होते हैं तो उनकी जगह भरना मुश्किल होता है। बता दें कि आइपीएल (IPL) के इस सीजन में धौनी ने तबीयत खराब की वजह से मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दो मैचों नहीं खेले और दोनों मैचों में ही उनकी टीम सीएसके को हार का सामना करना पड़ा।
बुधवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुए मैच में धौनी ने अपने बल्ले का कमाल दिखाया। मैच में धौनी ने ना सिर्फ महज 22 गेंदों पर 44 रन बनाए बल्कि टीम को 80 रन से जीतने में मदद भी दिलवाई। वहीं, कुछ मैचों में धौनी की अनुपस्थिति को लेकर रैना का कहना है, 'मुझे लगता है कि धौनी का कप्तान ना होना, कोई दिक्कत की बात नहीं है, लेकिन एक बल्लेबाज के रूप में उन्हें खोना हमारे लिए काफी मुश्किल है। ऐसा ही हैदराबाद और मुंबई के खिलाफ हुआ।'
रैना ने कहा कि जब वो क्रीज पर आते हैं तो दूसरी टीम पर दबाव बढ़ जाता है और जब वो टीम में नहीं होते हैं तो हम बदलाव देख पाते हैं। साथ ही रैना ने यह भी कह दिया कि वो जब चाहे सीएसके की कप्तानी छोड़ सकते हैं। रैना ने कहा,'उन्होंने पिछले सालों में एक टीम मेंटर और बल्लेबाज के रूप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन वो तक तक खेलेंगे जब तक कि वो चेन्नई के लिए खेलना चाहते हैं और आप चेन्नई और उन्हें जानते हों।' साथ ही रैना ने धौनी की स्टपिंग की भी तारीफ की।
वहीं चेन्नई से मिली हार के बाद दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने धौनी को लेकर कहा, 'हम अपने बल्लेबाजों को इसलिए दोष नहीं दे सकते, क्योंकि उनके पास मिडिल ऑर्डर में धौनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। वो एक बॉल से पूरे गेम को बदल सकते हैं और अगर वो आखिरी तक टिक जाएं तो वो टीम को गुड टोटल तक ले जा सकते हैं। वहीं जब धौनी पिच पर होते हैं तो गेंदबाज दबाव में होते हैं।'