IPL 2019: मैच के बीच में लाइट ऑफ होने से सवालों के घेरे में आया कैब
ईडन में इस तरह की घटना नई नहीं है। पहले भी कई दफा ऐसे मामले हो चुके हैं।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। ईडन गार्डेंस स्टेडियम में रविवार को आइपीएल मैच के दौरान बत्तियां गुल होने को लेकर बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) फिर सवालों में घिर गया है। कैब के अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि जिस समय यह घटना हुई, उस समय कैब अध्यक्ष सौरव गांगुली मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में थे, जहां कुछ देर बाद ही मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स में मैच शुरू होने वाला था। मालूम हो कि गांगुली को आइपीएल के मौजूदा सत्र के लिए दिल्ली कैपिटल्स का सलाहकार नियुक्त किया गया है। बत्तियां गुल होने के तुरंत बाद उन्हें फोन कर इसकी जानकारी दे दी गई। गांगुली ने तुरंत जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
ईडन में इस तरह की घटना नई नहीं है। पहले भी कई दफा ऐसे मामले हो चुके हैं। आइपीएल ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान भी, जिससे विश्व के सबसे बड़े व प्रतिष्ठित क्रिकेट स्टेडियमों में शुमार ईडन की साख पर असर पड़ा। 2008 के आइपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स और डेक्कन चार्जर्स में मैच के दौरान ईडन में एक फ्लड लाइट की बत्तियां गुल हो गई थीं। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि उस समय भी हाईकोर्ट एंड वाली फ्लडलाइट की बत्तियां ही गुल हुई थीं। इसके अगले ही साल दिसंबर में भारत-श्रीलंका के बीच यहां हुए चौथे वनडे मैच के दौरान भी एक फ्लडलाइट की बत्तियां 23 मिनट तक गुल रही थी। मार्च, 2016 में न्यूजीलैंड-बांग्लादेश के बीच टी-20 विश्व कप के एक मैच के दौरान भी ईडन में11 मिनट के लिए बत्तियां गुल रही थीं। कुछ लोग दबे शब्दों में इसके पीछे साजिश बताते रहे हैं, हालांकि कैब ने हमेशा इससे इन्कार किया है। कैब इसे लेकर कई बार बिजली वितरित करने वाली कंपनी, राज्य के लोकनिर्माण विभाग एवं स्टेडियम में जेनरेटर का प्रभार संभालने वाली कंपनी के साथ बैठक भी कर चुका है। फ्लड लाइट की मरम्मत भी की जा चुकी है।
यूं हुई घटना : हैदराबाद की ओर से खेलने वाले अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान 16वें ओवर की तीसरी गेंद डालने जा रहे थे कि रोशनी कम होते देख अंपायर ने उन्हें रोक दिया। उस समय कोलकाता के सलामी बल्लेबाज नीतीश राणा स्ट्राइकिंग एंड पर थे। स्टेडियम के हाईकोर्ट एंड वाले टावर की कुछ बत्तियां बुझ गई थीं। बत्तियां गुल देख अंपायरों ने समझदारी दिखाते हुए 'स्ट्रैटेजिक टाइम आउट' घोषित कर दिया। उस समय शाम के 7.20 बजे थे। स्ट्रैटेजिक टाइम आउट का समय पूरा होने तक बत्तियां नहीं जज सकीं। खिलाड़ी मैदान पर सुस्ताने लगे। 11 मिनट बाद यानी 7.31 बजे बत्तियां फिर से जलीं और आगे का खेल शुरू हुआ।