IPL 2019: 38 वर्ष के इस स्पिनर ने टीम इंडिया के लिए फिर से खेलने की इच्छा जताई
38 वर्ष का ये दिग्गज स्पिनर एक बार फिर से नीली जर्सी पहनने को बेताब है लेकिन क्या उन्हें मौका मिल सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। IPL 2019 में अब तक मौजूदा चैंपियन चेन्नई की टीम ने पांच में से चार मुकाबले अपने नाम किए हैं। टीम की इस कामयाबी में 38 वर्ष के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है। धौनी ने पांच में से तीन मैचों में हरभजन सिंह को मौका दिया और उन्होंने हर मैच में खुद को साबित किया। टर्बनेटर भज्जी ने विरोधी बल्लेबाजों के सामने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल किया और नतीजा ये रहा कि वो ना तो पिटे और उन्हें विकेट भी मिले।
अपने इस बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भज्जी ने एक बार फिर से टीम इंडिया के लिए खेलने की बात कही है। भज्जी ने नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700 से ज्यादा विकेट हैं और उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें टीम इंडिया की जर्सी दोबारा पहनने का मौका मिलता है तो इससे ज्यादा खुशी की बात उनके लिए और क्या हो सकती है। हरभजन सिंह ने कहा कि अगर उनका चयन टीम इंडिया में किया जाता है तो वो इसके लिए तैयार हैं।
आइपीएल के इस सीजन की बात करें तो उन्होंने तीन मैचों में 13.40 की औसत से पांच विकेट लिए हैं। भज्जी ने क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स जैसे बल्लेबाजों को इस सीजन में आउट किया है। वो पिछले दो सीजन से चेन्नई के लिए खेल रहे हैं, इससे पहले वो दस वर्षों तक मुंबई इंडियंस के लिए खेल चुके थे। मुंबई ने जब उन्हें रीलीज कर दिया तो भज्जी को चेन्नई ने अपनी टीम में शामिल कर लिया और वो जिस वर्ष इस टीम में शामिल हुए धौनी ने एक बार फिर से खिताब जीता। पिछले सीजन में अपनी टीम को विजेता बनाने में भज्जी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
चेन्नई के लिए खेलने वाले भज्जी ने कहा कि इस टीम की तरफ से जब वो खेलते हैं तो उन्हें ज्यादा दबाव महसूस नहीं होता, लेकिन मुंबई की टीम में उनपर काफी दबाव रहता था। मैं मुंबई की इज्जत करता हूं और इस सीजन में वो अच्छा खेल रहे हैं पर उस टीम में जीतने का दबाव ज्यादा रहता था। चेन्नई में भी खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है को वो जीतें पर जीतना हमारे लिए जिंदगी और मौत की तरह नहीं होता है।
भज्जी ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट व वनडे वर्ष 2015 में जबकि टी 20 मैच वर्ष 2016 में खेला था। उसके बाद से वो टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। टीम इंडिया में फिर से खेलने की उनकी इच्छा अब शायद ही सच हो पाए क्योंकि इसके लिए उन्हें टीम के युवा स्पिनर्स कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ियों को पीछे छोड़ना पड़ेगा। टेस्ट में भी उन्हें अश्विन व जडेजा जैसे खिलाड़ियों को भी कड़ी टक्कर देनी पड़ेगी।