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IPL 2019 CSK vs DC: बड़े मुकाबले के लिए तैयार दिल्ली व चेन्नई, ये हैं इनकी ताकत और कमजोरी

IPL 2019 दिल्ली व चेन्नई दोनों ही टीमें अच्छी हैं लेकिन इन दोनों टीमों की कुछ मजबूती और कमजोरियां भी हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 09:31 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 09:27 AM (IST)
IPL 2019 CSK vs DC: बड़े मुकाबले के लिए तैयार दिल्ली व चेन्नई, ये हैं इनकी ताकत और कमजोरी
IPL 2019 CSK vs DC: बड़े मुकाबले के लिए तैयार दिल्ली व चेन्नई, ये हैं इनकी ताकत और कमजोरी

नई दिल्ली, जेएनएन। IPL 2019 के दूसरे क्वालीफायर के लिए दिल्ली व चेन्नई की टीम पूरी तरह से तैयार हैं। इस लीग में दोनों ही टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया है इसी का नतीजा है कि ये दोनों फाइनल में जगह बनाने के काफी करीब हैं। युवा टीम दिल्ली और अनुभवी टीम चेन्नई का ये मुकाबला फाइनल से कम नहीं होगा लेकिन हर टीम की कुछ ताकत होती है और कुछ कमजोरियां भी। आइए एक नजर डालते हैं दोनों टीमों की ताकत और कमजोरियों पर- 

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चेन्नई की पांच मजबूती-
1. टीम की सबसे बड़ी ताकत खुद कप्तान महेंद्र सिंह धौनी हैं। धौनी के होने से टीम के लिए चीजें बहुत आसान हो जाती हैं।
2. टीम में ऐसे विदेशी खिलाड़ी हैं जो या तो संन्यास ले चुके हैं या फिर राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं। ऐसे में अंतिम-11 के लिए सभी विदेशी खिलाड़ी मौजूद होंगे।
3. टीम के पास इमरान ताहिर, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा के रूप में बेहतरीन स्पिनर हैं जो उसके लिए सफलता की कुंजी साबित हुए हैं।
4. टीम किसी एक खिलाड़ी पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है। किसी ना किसी मैच में उसका कोई ना कोई खिलाड़ी चल निकलता है।
5. चेन्नई की टीम में ज्यादातर ऑलराउंडर खिलाड़ी मौजूद हैं। ऐसे में कप्तान धौनी को गेंदबाजी में कई विकल्प मिलते हैं। आठवें और नौवें नंबर तक टीम के खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं।

चेन्नई की पांच कमजोरियां-
1. शेन वॉटसन लगातार फेल हो रहे हैं जबकि फाफ डु प्लेसी टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह जोड़ी टूर्नामेंट में सिर्फ दो बार पहले विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभा सकी है। ये दोनों बल्लेबाज भी निजी तौर पर बहुत ज्यादा सफल नहीं हुए हैं।
2. टीम की सबसे बड़ी समस्या मध्य क्रम साबित हुआ है। धौनी और रैना को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई बल्लेबाज नजर नहीं आया जो इन दोनों के असफल होने पर अपने कंधों पर जिम्मेदारी उठाए। रायुडू ने कुछ उम्मीद जगाई, लेकिन वह खरे नहीं उतरे।
3. रिकॉर्ड बताता है कि धौनी और रैना ने मध्य क्रम में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन ये भी सच है कि दोनों ने कई मौकों पर विकेट भी आसानी से और सस्ते में गंवा दिए हैं। इस तरह दोनों के प्रदर्शन में अस्थिरता बनी हुई है।
4. डेथ ओवरों में कमजोर गेंदबाजी भी चेन्नई की समस्या रही है।
5. चेन्नई ने क्वालीफायर-1 अपने घरेलू मैदान और अपनी पसंदीदा परिस्थितियों में खेला, लेकिन फिर भी उसे हार का सामना करना पड़ा। इस हार से निश्चित तौर पर उसका मनोबल गिरा हुआ होगा और यह बात उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

दिल्ली की पांच मजबूती-
1. सलामी बल्लेबाज शिखर धवन शानदार फॉर्म में हैं और उनके जोड़ीदार पृथ्वी शॉ ने भी पिछले मैच में बेहतरीन पारी खेलकर वापसी की है।
2. रिषभ पंत किसी भी समय आक्रामक बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं और कभी भी मैच का रुख बदलकर रख देते हैं। एलिमिनेटर में भी उन्होंने ऐसा ही करके दिखाया।
3. श्रेयस अय्यर बतौर कप्तान अच्छे फैसले ले रहे हैं और लगातार रन बना रहे हैं।
4. कैगिसो रबादा की गैरमौजूदगी का भी टीम पर ज्यादा असर नहीं दिखा और अन्य गेंदबाजों ने उनकी कमी नहीं खलने दी।
5. दिल्ली के पास रिकी पोंटिंग और सौरव गांगुली जैसे अनुभवी पूर्व कप्तानों का साथ मौजूद है। 

दिल्ली की पांच कमजोरियां
1. तेज गेंदबाज कैगिसो रबादा का चोटिल होने के बाद स्वदेश लौटना।
2. अच्छी साझेदारी होने के बाद गुच्छे में दो-तीन विकेट गंवा देना।
3. लक्ष्य के करीब पहुंचकर डगमगा जाना।
4. टीम में ज्यादातर खिलाड़ी युवा है और अनुभव की कमी है। कई मौकों पर उनका जोश हावी हो जाता है और अनुभव की कमी खलने लगती है।
5. अमित मिश्रा के अलावा कोई अन्य शीर्ष स्पिनर टीम में नहीं है।

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