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विश्व कप को लेकर कोई भय नहीं है: केविन ओ ब्रायन

केविन ओ ब्रायन ऐसे खिलाड़ियों में से हैं जिनके डीएनए में खेल समाहित है। ब्रायन के परिवार के सदस्य विभिन्न खेलों से जुड़े हैं। पिता ब्रैंडन आयरलैंड के लिए क्रिकेट खेलते थे|

By chandan kumarEdited By: Published: Tue, 18 Nov 2014 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 18 Nov 2014 06:33 PM (IST)
विश्व कप को लेकर कोई भय नहीं है: केविन ओ ब्रायन

केविन ओ ब्रायन ऐसे खिलाड़ियों में से हैं जिनके डीएनए में खेल समाहित है। ब्रायन के परिवार के सदस्य विभिन्न खेलों से जुड़े हैं। पिता ब्रैंडन आयरलैंड के लिए क्रिकेट खेलते थे, भाई नैल उनके साथ ही राष्ट्रीय टीम में हैं और बहन कायरा हॉकी की खिलाड़ी हैं।

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केविन ओ ब्रायन को विश्व कप 2011 में तब पहचान मिली जब इंग्लैंड के 327 रनों का पीछा करते हुए उनकी टीम ने मैच में जीत हासिल की। इस मैच में खेलते हुए ब्रायन ने विश्व कप के इतिहास में केवल 50 गेंदों का सामना करते हुए सबसे तेज शतक जमाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। अपनी पारी में उन्होंने 63 गेंदों पर 113 रन बनाए जिसमें 13 चौके और 6 छक्के शामिल थे।

पिछले वर्ष आयरलैंड ने अपने क्रिकेट इतिहास में नए अध्याय जोड़े हैं जिसमें ओ ब्रायन ने अहम भूमिका निभाई है; चाहे वो 50 ओवरों की पेप्सी आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग(डब्ल्यूसीएलसी) हो या वर्ष 2013 की आईसीसी वर्ल्ड 20-20 क्वालिफायर अथवा आईसीसी अंतर-महाद्वीपीय कप हो। आयरलैंड एक कैलेंडर वर्ष में आईसीसी की तीन विभिन्न प्रारूपों में टूर्नामेंट जीतने वाली विश्व की पहली टीम बन गई है। ब्रायन के बेहतर प्रदर्शन और टीम में उनकी महत्तवपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें वर्ष 2013 के आईसीसी असोसिएट और अफिलिएट क्रिकेटर ऑफ दि ईयर के सम्मान से भी नवाज़ा गया है।

हाल ही में विश्व कप की तैयारी के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे से मैच खेल कर वापस आए ओ ब्रायन से बातचीत के कुछ अंश:

आगामी विश्व कप के लिए आयरलैंड की तैयारी कैसी चल रही है?
हमारी टीम अभी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से चार सप्ताह का अभ्यास मैच खेल कर वापस आई है। यह अत्यंत लाभदायक रहा; विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए जिन्होंने इन देशों में पहले कभी नहीं खेला है। मैंने वहाँ कभी नहीं खेला, इसलिए वहाँ की परिस्थितियों में उनके साथ खेलना एक अच्छा अनुभव रहा।

हमने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के उन मैदानों पर सात से आठ मैच खेल जहाँ वर्ल्ड कप होना है। वहाँ की परिस्थितियों, विकेटों पर खेल कर उनके बारे में जानना सभी खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा अवसर साबित हुआ। यह एक दुर्लभ दौरा था। हालांकि परिणाम हमारी इच्छानुरूप नहीं आए, लेकिन विश्व कप के लिए यह पूर्वाभ्यास बेहतर था।

विश्व कप क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड आपके नाम पर है। कैसा महसूस होता है?
यह एक सुखद अहसास है। मैं सम्मानित और गर्वीला महसूस करता हूँ। लेकिन इस बात को चार वर्ष बीत चुके हैं और ये इतिहास की किताबों में दर्ज़ हैं। मैं छह महीने के बाद आने वाले समय पर ध्यान दे रहा हूँ जब हम पुन: मैदान पर होंगे। उम्मीद है कि यह रिकॉर्ड ध्वस्त नहीं होगा। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ने बल्लेबाजों के लिए कम गेंदों पर शतक जमाने को आसान बना दिया है इसलिए मैं निश्चिंत हूँ।

असोसिएट राष्ट्रों के बीच आयरलैंड की सफलता का श्रेय आप किसे देंगे?
पिछले सात-आठ वर्षों में हमने लगातार आक्रामक क्रिकेट खेला है; फिर चाहे वो 20-20 हो या 50 ओवरों वाले मैच हो अथवा चार दिवसीय मैच। हमने निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मैं यह देखता हूँ कि स्कॉटलैंड और अफगानिस्तान जैसी टीमें तेजी से हमारा अनुकरण करने की कोशिश कर रही है। इसलिए हमारे लिए यह महत्तवपूर्ण हो गया है कि हम लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहें।

आगामी विश्व कप में आयरलैंड की जीत में आपकी क्या भूमिका रहेगी?
किसी एक खिलाड़ी की भूमिका के बारे में कहना मुश्किल है। किसी को भी एक टीम के रूप में अच्छा खेलना होता है। अगर हम सभी अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो लंबा रास्ता तय किया जा सकता है। ये कोई टूर्नामेंट नहीं है जिसमें एक खिलाड़ी समूह के सभी छह या सात मैचों में अच्छा खेल सकता है। हम एक टीम हैं जिसमें सेमीफाइनल या अंतत: फाइनल तक पहुँचने के लिए अलग-अलग स्तरों पर सभी के योगदान की जरूरत होगी।


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