नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। दक्षिण अफ्रीका टी20 लीग में डरबन सुपरजाइंट्स के लिए खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका के भारतीय मूल के स्पिनर केशव महाराज का कहना है कि इस साल के अंत में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप के दौरान ओस का प्रभाव रहेगा, लेकिन टीम को भारतीय वातारण में खेलने का अनुभव है। जो इस वैश्विक टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका के काम आएगा। इसी को लेकर दैनिक जागरण के संवाददाता अभिषेक त्रिपाठी ने केशव महाराज से खास बातचीत की।

आप दक्षिण अफ्रीका टी-20 लीग के बारे में क्या सोचते हैं?

- यह बहुत रोमांचक लीग है और पिछले कई वर्षों से इसका आयोजन कराने की बात चल रही थी। दक्षिण अफ्रीका को ऐसी लीग की जरूरत थी। मैं दक्षिण अफ्रीका के लिए लंबे समय से खेल रहा हूं। इस लीग में मैं डरबन सुपरजाइंट्स के लिए खेल रहा हूं। जिस तरह से दर्शक भी आगे बढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं वो देखना सुखद है।

यह सत्र डरबन के लिए अच्छा नहीं रहा है?

- हां, हमारी शुरुआत अच्छी नहीं रही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम वापसी नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि टीम वापसी करने में सफल रहेगी। टीम के खिलाड़ियों को अपनी कमजोरी को पहचानकर उसमें सुधार करने की जरूरत है। हम ऐसा ही करेंगे।

दक्षिण अफ्रीका की पिचें स्पिनरों के लिए फायदेमंद नहीं रहतीं, ऐसे में स्पिनरों के लिए यहां कितनी चुनौती होती है?

- दक्षिण अफ्रीका में तेज गेंदबाजों को मदद देने वाली ज्यादा पिचें हैं, लेकिन हमारी कोशिश होती है कि बल्लेबाजों को फिरकी से परेशान कर सकें। स्पिनरों को वातावरण को समझने की जरूरत होती है और हमें उस हिसाब से ही गेंदबाजी करनी पड़ती है।

सीमित ओवर के क्रिकेट में क्या आप स्पिन गेंदबाजी को मुख्य आक्रमण के रूप में देखते हैं?

- स्पिन कई तरीके से आक्रमण की भूमिका निभा सकती है। ऐसा नहीं है कि स्पिनर सिर्फ विकेट निकालने के लिए होते हैं, उनके होने से रन गति पर भी लगाम लगती है। अगर रक्षात्मक रणनीति अपना रहे हैं तो स्पिनर मुख्य आक्रमण की भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन यह निर्भर करता है कि टीम जिस पिच पर खेल रही है वो कैसी है।

एक गेंदबाज होने के साथ ही आप बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। अपनी बल्लेबाजी को कितना गंभीरता से लेते हैं?

- पिछले दो साल से मैंने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना शुरू किया है। बल्लेबाजी कोच और मुख्य कोच ने मेरी बल्लेबाजी को लेकर काफी मेहनत की है। मैं बस बल्लेबाजी का आनंद लेता हूं और इससे टीम के लिए जितना योगदान दे सकूं मेरे लिए वो अच्छा होता है।

उपमहाद्वीप में ओस स्पिनरों के लिए चुनौती खड़ी करती है। ऐसे में आप विश्व कप में इससे कैसे पार पाएंगे?

- इसके लिए पहले मुझे विश्व कप की टीम में शामिल होना पड़ेगा। हां, वहां पर चीजें थोड़ी अलग होती हैं और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। ओस का प्रभाव रहता है और भारत में खेलने से गेंद पर ओस का असर देखने को मिलता है। हालांकि हमें भारत में खेलने का अनुभव है और वहां के हालात से अच्छी तरह परिचित हैं तो विश्व कप के दौरान यह अनुभव हमारे काम आएगा।

फटाफट क्रिकेट के दौर में 50 ओवर के विश्व कप को किस तरह देखते हैं?

-यह बहुत रोमांचक होता है और साथ ही इसमें कड़ी चुनौती मिलती है। टी-20 में तेजी से चीजें बदलती हैं, लेकिन वनडे विश्व कप में 50 ओवर खेलने होते हैं और टीम के पास वापसी करने का मौका रहता है। मैं 50 ओवर के क्रिकेट का आनंद लेता हूं और यह प्रारूप मुझे काफी पसंद है।

दक्षिण अफ्रीका टी-20 लीग में कोई भारतीय नहीं होने पर भी दर्शक इससे जुड़ रहे हैं?

-कई सारे मैदान भर रहे हैं। मैं सोच रहा हूं कि अगर भारतीय खिलाड़ी भी इस लीग का हिस्सा होते तो माहौल कैसा रहता। दर्शक भारी मात्रा में स्टेडियम पहुंच रहे हैं, लेकिन अगर भारत के खिलाड़ी यहां खेलते तो और अनुभवी लोग दिखते।

साल के अंत में दो टेस्ट मैचों के लिए भारत को दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है। आपको नहीं लगता यह सीरीज कम से कम तीन मैचों की होनी चाहिए थी?

- इसका फैसला ऊपर के लोग करते हैं और मैं इसे लेकर कुछ नहीं कह सकता। मैं बस क्रिकेट खेलना चाहता हूं और भारत के खिलाफ खेलना हमेशा ही उत्साहित भरा होता है क्योंकि वह शीर्ष टीम है। मैं ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलना चाहता हूं लेकिन कितने मैचों की सीरीज होनी है इसका फैसला शीर्ष अधिकारी ही करते हैं।

आप भारतीय टीम को कैसे आंकते हैं?

-हम भारत को बहुत गंभीरता से लेते हैं क्योंकि वह काफी मजबूत है। आप अगर विश्व की नंबर एक टीम के खिलाफ खेलते हैं तो उसके लिए तैयारियां करनी होती है। भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में पिछली दो सीरीज में टीम ने जिस तरह प्रदर्शन किया है, हमारी कोशिश उसी तरह का प्रदर्शन दोहराने की होगी।

दक्षिण अफ्रीका टी-20 लीग में दर्शकों का जो समर्थन मिला, ऐसे में दक्षिण अफ्रीका का खिलाड़ी होने के नाते आपको कैसा लग रहा है?

-ईमानदारी से कहूं तो यह वाकई शानदार है। यह दक्षिण अफ्रीका के युवाओं के लिए अवसर है कि वे उच्च स्तर का अनुभव लें। आइपीएल जैसी लीग है जिसमें उन्हें खेलना का मौका मिल सकता है। यह नई प्रतिभाओं के लिए और दक्षिण अफ्रीका के लिए भी अच्छा है। उम्मीद है कि आगे भी लोग इससे जुड़ते रहेंगे और यह सफल रहेगा।

Edited By: Umesh Kumar