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इस तूफानी भारतीय खिलाड़ी ने तो मेरी जिंदगी ही बदल दी: डेविड मिलर

मैं यह कह सकता हूं कि सहवाग ने मेरे करियर को ही बदल दिया।

By Bharat SinghEdited By: Published: Thu, 04 May 2017 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 04 May 2017 02:26 PM (IST)
इस तूफानी भारतीय खिलाड़ी ने तो मेरी जिंदगी ही बदल दी: डेविड मिलर
इस तूफानी भारतीय खिलाड़ी ने तो मेरी जिंदगी ही बदल दी: डेविड मिलर

किंग्स इलेवन पंजाब आइपीएल-10 में नौ में से चार मैच ही जीत पाई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उसके मुख्य बल्लेबाजों में शामिल डेविड मिलर की खराब फॉर्म है। इस ताबड़तोड़ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज को जल्द फॉर्म में लौटने की उम्मीद है। अभिषेक त्रिपाठी ने डेविड मिलर से कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं इस बातचीत के मुख्य अंश-

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पंजाब का इस सत्र का प्रदर्शन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। टीम एक बार फिर वह जज्बा नहीं दिखा पाई?

मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा है। हमने पुणे, आरसीबी, गुजरात और दिल्ली के खिलाफ मैच जीते। हालांकि सनराइजर्स, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली के खिलाफ मुकाबले में पराजय का भी सामना करना पड़ा, लेकिन इसमें से कई हार करीबी थीं। अभी हम अंक तालिका में पांचवें नंबर पर हैं और अच्छा प्रदर्शन करके प्लेऑफ में पहुंच सकते हैं। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

कप्तान मैक्सवेल, मेंटर सहवाग और आपकी बल्लेबाजी शैली एक जैसी है। इससे कितना फायदा मिलता है?

यह टीम के लिए बहुत अच्छा है। जब मेंटर और कप्तान का खेल आपसे मिलता जुलता हो तो आपको और आक्रामक खेलने की ताकत मिलती है। निश्चित तौर पर मुझे भी अपना खेल खेलने की आजादी मिलती है। इससे खेल में मदद मिलती है और हम अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। 

आइपीएल में मैक्सवेल और मिलर की जोड़ी को बेहद आक्रामक माना जाता हैं, लेकिन इस सत्र में आपका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा?

आपकी बात ठीक है। मैंने इस सत्र में पांच मैच खेले हैं। उसमें 01, 24, 28 और नाबाद 30 रन बनाए। यहां पर मुझसे अच्छी पारियों की अपेक्षा थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं बड़ी पारी नहीं खेल पाया। मुझे लगता है कि एक बड़ी पारी आने वाली है, ये बस एक क्लिक का मामला है। हालांकि आइपीएल से पहले मैं दक्षिण अफ्रीका में घरेलू टूर्नामेंट में एक शतक और कई अर्धशतक लगाकर आया था। मुझे नहीं लगता कि फॉर्म कोई मसला है।

सहवाग के साथ काम करना कैसा रहा? वह क्या सख्त मेंटर हैं?

उनका मेंटर होना टीम के लिए बहुत बेहतर है। उनकी वजह से टीम बहुत शांत और आराम से रहती है। वह दबाव नहीं बनाते और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं। मैं यह कह सकता हूं कि उन्होंने ही मेरे करियर को बदल दिया। उन्होंने मुझे काफी मदद की। वह सबको काफी आजादी देते हैं। एक कोच या मेंटर के तौर पर वह परफेक्ट हैं। यही कारण है कि टीम का हर खिलाड़ी खुद अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करता है।

आइपीएल के दसों सत्र को देखें तो पंजाब अपनी टीम के स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाई। कहां गलतियां हुईं?

इसमें कोई शक नहीं कि हमारी टीम बहुत अच्छी है। कई सालों से मैं इस टीम से जुड़ा हूं। मैंने कप्तानी भी की। कभी-कभी आप बहुत कम अंतर से मैच हार जाते हो, इसका असर भी दिखाई देता है।

प्लेऑफ में पहुंचने के लिए आपकी रणनीति क्या रहेगी?

अच्छा खेलना सबसे बड़ी रणनीति है। अभी हमारे पांच मैच बाकी हैं। हम एक-एक मैच को लेकर रणनीति अपना रहे हैं क्योंकि अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।

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