एक कप्तान के रूप में सबको सुनना पड़ता है: मैथ्यूज
एंजेलो मैथ्यूज ने श्रीलंका के टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीमों के कप्तान के रूप में पदभार संभाल लिया है। मैथ्यूज ने अपनी बल्लेबाजी को पहले से और ज्यादा निखारा है।
एंजेलो मैथ्यूज ने श्रीलंका के टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीमों के कप्तान के रूप में पदभार संभाल लिया है। मैथ्यूज ने अपनी बल्लेबाजी को पहले से और ज्यादा निखारा है। श्रीलंकाई लोगों को उनसे काफी अपेक्षाएं हैं। अब तक बतौर कप्तान उन्होंने अपनी टीम के लिए बहुत ही काम किया है।
एक बल्लेबाज और कप्तान के रूप में एंजेलो मैथ्यूज अपने सीनियर खिलाड़ी महेला जयवर्धने से क्या सीखा है और एक कप्तान के रूप में वह कैसे हैं? विज्डन इंडिया के साथ बातचीत के कुछ अंश:
श्रीलंका के कप्तान आप तब बने जब टीम टेस्ट क्रिकेट में अच्छा नहीं कर रही थी अब आपके सामने कौन सी चुनौती है?
मैं इसे इस तरह से नहीं देखता। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिस उम्र में मुझे कप्तानी सौपी गई वह मेरे लिए एक चुनौती से कम नहीं था। कम उम्र में श्रीलंका का कप्तान बनना मेरे लिय गर्व और सम्मान की बात थी। मैं सिर्फ एक कप्तान और एक खिलाड़ी के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता था। आज भी मेरी यही सोच है। मैंने अपनी टीम की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हमेशा कोशिश की है।
आप मैच के दौरान कठिनाइयों को देखकर परेशान नहीं होते हैं। इसका क्या कारण है?
जब भी मैं बैटिंग या बॉलिंग करने जाता हूँ तो दबाव रहता है। यह खेल की प्रकृति है। यह सच है हर कोई दबाव महसूस करता है। मैं उन सभी से कोई अगल नहीं हूँ, लेकिन यह भी सच है कि मैं मैदान में अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखता हूं। खिलाडी गलतियाँ करते हैं, लेकिन मैं उन्हें कुछ ऐसा नहीं कहता जिससे उन्हें बुरा लगे।
आप अपनी गेंदबाजी को किस तरह से देखते हैं?
मैं अभी हाल में चोटिल था लेकिन मैं उन चोटो पर अब काबू पा चुका हूँ। मैं अपने कामों को संतुलित करने की पूरी कोशिश करता रहता हूँ। एक हरफनमौला खिलाड़ी के लिए तीनों प्रारूपों में खेलना बहुत बड़ी चुनौती है। मैंने टेस्ट मैचों में ज्यादा गेंदबाजी नहीं की है। एक कप्तान के रूप में मुझ पर ज्यादा जिम्मेदारी है इसलिय गेंदबाजी पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ।
आप किस तरह विश्व कप में श्रीलंका की संभावनाओं को देखते हैं?
विश्व कप में अपने आपको साबित करने के लिए हम सब के पास एक अच्छा अवसर है। हम एक समय में एक ही गेम खेलते हैं ज्यादा आगे की नहीं सोचते। फिलहाल हमारे सामने पाकिस्तान के साथ एक सीरिज है। हमें इसमें अच्छा करने की जरुरत है। आगे चलकर हमें न्यूजीलैंड के साथ भी खेलना है।
आपको कप्तान के रूप में लगभग दो साल हो गएं हैं। अब तक आपने क्या सबक सीखा है ?
बतौर कप्तान हर किसी से सुनने की क्षमता आपके अंदर होनी चाहिए। यह कप्तान के प्रबंधन का एक हिस्सा है। एक टीम में खिलाड़ियों की सोच अलग–अलग तरह की होती है। हम एक ही नजर से सबको देख नहीं सकते। हमें यह भी देखना होता है कि सामूहिक निर्णय ही लिया जाए ताकि किसी को कोई तकलीफ न हो। एक टीम के कप्तान के रूप में जहाँ भी संभव हो मैं अपना योगदान देता हूँ। मैं अंतरराष्ट्रीय मैच में तब आया जब महेला जयवर्धने मेरे कप्तान थे। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। उन्होंने कहा था कि खेल में दबाव को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना।