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ICC के फैसले से दुखी क्रिकेटर बोला- मैं इस तरह से क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था

आईसीसी की सालाना बैठक में जिम्बाब्वे क्रिकेट को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले के जिम्बाब्वे में खिलाड़ी और प्रशंसक सभी निराश हैं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 11:20 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 11:22 AM (IST)
ICC के फैसले से दुखी क्रिकेटर बोला- मैं इस तरह से क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था
ICC के फैसले से दुखी क्रिकेटर बोला- मैं इस तरह से क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था

नई दिल्ली, एएनआई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल यानि आईसीसी ने जिम्बाब्वे क्रिकेट को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दुनियाभर में क्रिकेट के प्रसार के लिए काम करने वाली संस्था के इस फैसले से जिम्बाब्वे के खिलाड़ी काफी निराश हैं। एक खिलाड़ी सिकंदर रजा ने ट्वीट करके अपना दर्द बयान किया है। उन्होंने लिखा- 'मैं इस तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था।'

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पढ़ें सिकंदर रजा का ट्वीट

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'कैसे एक निर्णय ने टीम के सदस्यों को आपस में अजनबी बना दिया। कैसे एक निर्णय ने बहुत से लोगों को बेरोजगार कर दिया। कैसे एक निर्णय ने बहुत से परिवारों पर असर डाला। कैसे एक फैसले से कई करियर खत्म हो गए। मैं इस तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा नहीं कहना चाहता था।'

जिम्बाब्वे के लिए विकेटकीपिंग करने वाले ब्रैंडन टेलर ने भी आईसीसी के इस फैसले को लेकर दुख प्रकट किया है। उन्होंने लिखा - 'आईसीसी जिम्बाब्वे क्रिकेट को सस्पेंड करने का आपका यह फैसला दिल तोड़ने वाला है। सैकड़ों ईमानदार लोग, खिलाड़ी, सपोर्ट स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ जो पूरी तरह से जिम्बाब्वे क्रिकेट के लिए समर्पित थे वे सभी अब बेरोजगार हो गए हैं।'

बता दें कि आईसीसी ने गुरुवार को यह निर्णय लिया है। जिसमें जिम्बाब्वे क्रिकेट को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके पीछे आईसीसी का तर्क है कि इस देश में क्रिकेट में सरकार हस्तक्षेप कर रही है। आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर का कहना है कि जिम्बाब्वे में आईसीसी नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है।

आईसीसी ने अपने निर्णय के पक्ष में कहा है कि हम किसी भी सदस्य देश को सस्पेंड करने का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेते, लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने खेल को राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रखें। जिम्बाब्वे में जो कुछ हो रहा है वह आईसीसी नियमों का खुला उल्लंघन है और हम यह सब होते नहीं दे सकते। आईसीसी चाहता है कि जिम्बाब्वे में क्रिकेट जिंदा रहे, लेकिन बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के।

बता दें कि आईसीसी की सालाना बैठक सोमवार से शुरू हुई थी और इसमें जिम्बाब्वे क्रिकेट पर सुशासन के सिद्धांतों का पालन नहीं करने के लिए कड़ा जुर्माना लगाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।


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