युवराज सिंह ने रोहित शर्मा से कहा, मौजूदा टीम में सीनियर का सम्मान थोड़ा कम करते हैं युवा खिलाड़ी
Yuvraj told that Young players do not respect seniors in current Indian cricket team युवराज सिंह ने कहा कि युवा क्रिकेटर्स अब सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करते।
नई दिल्ली, जेएनएन। Yuvraj told that Young players do not respect seniors in current Indian cricket team: पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने कहा है कि मौजूदा टीम में शामिल युवाओं को सीनियर का सम्मान करना सीखना होगा। युवराज ने टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा से इंस्टाग्राम लाइव पर बात की और काफी बातें शेयर की।
रोहित ने युवराज से पूछा कि आपको मौजूदा टीम में और जब आप खेल रहे थे उस टीम में क्या अंतर लगता है। क्या वह चीज है जिस पर हम सुधार कर सकते हैं, तो युवराज ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। युवराज ने कहा कि अब तो मैं संन्यास ले चुका हूं। कुछ भी बोल सकता हूं। मुझे जो अंतर समझ आता है वो ये कि अब सीनियर खिलाड़ियों को ज्यादा सम्मान नहीं मिलता। हम अपने सीनियर की इज्जत करते थे, लेकिन यह तीसरी पीढ़ी है इसे सीखने की जरूरत है।
युवराज सिंह ने कहा कि अब सोशल मीडिया आ गया है। मुझे लगता है कि टीम में बहुत कम लोग हैं जो सीखना चाहते हैं। उन्हें सीनियर का सम्मान करने की समझ नहीं है। उन्हें सीखना चाहिए कि कैसे ये सभी बड़े खिलाड़ी बने। अब सीनियर और जूनियर में बहुत पतली लाइन बन गई है, कुछ भी बोल सकते हैं। जूनियर खिलाड़ी सोशल मीडिया, पार्टी या फिर केएल राहुल-हार्दिक के साथ जो हुआ यह हमारे साथ नहीं था। हम यह सब सोच भी नहीं सकते थे। हम सीनियर का सम्मान करते थे। गलती करते थे तो सीनियर हमें बोलते थे, समझाते थे।
सिक्सर किंग युवराज ने आगे कहा कि अब वह माहौल नहीं है। लड़के वो करते हैं जो चाहते हैं। यह उनकी भी कमी नहीं है। आइपीएल आ गया है। करियर की शुरुआत में ही बड़ा पैसा मिलता है, उन्हें पता नहीं है कैसे पैसा खर्च करना है। उन्हें सीनियर और कोच जरूरत है। बताने की जरूरत है कि क्या जरूरी है। यही कि मैदान पर मेहनत करो। सचिन तेंदुलकर ने हमें एक ही बात सिखाई थी कि प्रदर्शन करो तो हर कोई आपके पीछे दौड़ेगा। मैं जब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में था तो वहां कुछ लड़के थे जो टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहते थे, वनडे क्रिकेट खेलना चाहते थे, क्योंकि उससे उन्हें आइपीएल में मौका मिलता।
रोहित ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल क्रिकेट फैंस सकारात्मक तौर पर कर सकते हैं तो युवराज ने जवाब में कहा कि भारत-पाकिस्तान के मैच में सब अपने देश के बारे में सोचने लगते हैं। हर खिलाड़ी 100 प्रतिशत दे रहा है। कभी वो जीतेंगे, कभी हम जीतेंगे। हम ज्यादा अच्छे से संभालते हैं दबाव। पहले उनकी टीम काफी अच्छी थी। रोहित ने जवाब में कहा कि लोग चाहते हैं कि टीम जीते हम कोशिश करते हैं। सामने वाली टीम भी जीतना चाहती है, लेकिन किसी खिलाड़ी की फॉर्म को लेकर नहीं बोलना चाहिए। आप सिर्फ क्रिकेट का लुत्फ लो, हमारी टीम ज्यादा बार जीतती है।
इसके बाद रोहित ने युवराज सिंह के 2007 टी-20 विश्व कप के समय के माइंडसेट के बारे में पूछा। रोहित ने कहा कि वह ऐसा दौर था जब हमें आपको देखकर लगता था कि आप किसी भी गेंदबाज की गेंद को उड़ा दोगे। विश्व कप से पहले आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में भी आप मैन ऑफ द सीरीज थे। टी-20 विश्व कप के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी घरेलू सीरीज में आप ऐसा खेले। 2019 विश्व कप के समय मेरा भी ऐसा ही माइंडसेट था। मैं मनीष पांडे, रिषभ से इसके बारे में बात करता हूं। मैं उनसे कहता हूं कि उन्हें अंदर से लगना चाहिए यह उनका दिन है। आप भी उस समय ऐसा ही सोचते होंगे?
युवराज ने जवाब दिया कि माइंडसेट के बारे में बात करने के लिए मुझे तुमसे बेहतर इंसान नहीं मिल सकता है। तुम में भी हिटिंग की क्षमता है। मुझे लगता है कि उस जोन में आने के लिए अनुभव आना जरूरी है। हम अभी रिषभ, पृथ्वी से ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते हैं। अभी शुभमन आएगा तो उनसे उम्मीद करेंगे कि आते ही ऐसा खेले। ऐसा नहीं होगा, लेकिन समय के साथ होगा, जब वह लंबा खेलने लगेंगे। घरेलू क्रिकेट खेलेंगे, जब उनके पास ऐसे पारी होंगी, तो उनके पास अनुभव आ जाएगा। उन्हें पता होगा कैसे बड़ी पारियां खेलनी हैं। युवा खिलाडि़यों से अभी नहीं होगा, उनके पास अनुभव नहीं है। जब वह घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू करेंगे, किसी भी तरह के क्रिकेट में खेलेंगे, विपरित पिचों पर खेलेंगे तो उन्हें ज्यादा मैच खेलने का अनुभव मिलेगा।
युवराज ने रोहित से कहा कि जब तुम मध्य क्रम में खेले तो तुमने 70, 80 रन की पारियां खेली, मैच जिताए। वहीं जब तुमने ओपन करना शुरू किया तो तुमने 100 को 150 में, 150 को 200 में और 200 को 250 में तब्दील किया, क्योंकि तुम्हे आठ से 10 साल का अनुभव हो गया। है। रोहित ने जवाब दिया कि मैं युवा खिलाडि़यों को बताता हूं कि यह सब चीज अभी से ही सीखो, लेकिन यह अनुभव से मिलता है आप ठीक कहते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि ऐसा खेलो कि यह आपके करियर की आखिरी पारी है। अनुभव धीरे-धीरे आ जाएगा।