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World Cup 2019 में इस हाइटेक डिवाइस को लगाकर खेलेगी टीम इंडिया, मिलेगी ये मदद

World Cup 2019 में टीम इंडिया के खिलाड़ियों का वर्कलोड जानने के लिए उनके शरीर पर एक हाइटेक डिवाइस लगाइ जाएगी।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 09:02 PM (IST)
World Cup 2019 में इस हाइटेक डिवाइस को लगाकर खेलेगी टीम इंडिया, मिलेगी ये मदद
World Cup 2019 में इस हाइटेक डिवाइस को लगाकर खेलेगी टीम इंडिया, मिलेगी ये मदद

 नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम इंडिया 22 मई को इंग्लैंड के लिए रवाना हो रही है। इससे पहले भारतीय टीम के हर एक प्लेयर ने आइपीएल के दर्जनों मैचों में हिस्सा लिया है। आइपीएल से पहले टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड दौरे आइ थी। ऐसे में देखा जा सकता है कि भारतीय टीम लगातार मैच खेल रही है। ऐसे में बीसीसीआइ खिलाड़ियों का वर्कलोड जानने के लिए वर्ल्ड कप में एक हाइटेक डिवाइस का प्रयोग करने जा रही है। 

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साल 1992 में थर्ड अंपायर, साल 2008 में डीआरस और फिर एलईडी स्टंप्स की तरह न जाने कितने बदलाव क्रिकेट हो गए हैं। हर तरह के मूवमेंट के लिए हाइटेक पॉलिसी अपना जा रही है, जिसका परिणाम कुछ ही सेकेंड में आपके सामने होता है। ऐसी ही एक हाइटेक डिवाइस को पहनकर टीम इंडिया वर्ल्ड कप में उतरेगी, जिससे कि खिलाड़ियों को वर्कलोड चेक किया जा सके। 

30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में शुरू हो रहे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को एक हाइटेक डिवाइस पहनी होगी। टीशर्ट के अंदर इंग्लैंड की कंपनी स्टैटस्पोर्ट्स द्वारा बनाई गई डिवाइस को लगाना होगा। इसी से टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस और वर्ल्डलोड की जानकारी मिलेगी। बीसीसीआइ और स्टैटस्पोर्ट्स कंपनी इस डिवाइस के लिए डील हो गई। वहीं, कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में खिलाड़ियों को इसका डेमो भी दिया था।

टीम इंडिया से पहले इस डिवाइस का प्रयोग इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका जैसी टीमों ने किया है। ये चोटी से चिप एक जीपीएस की तरह शरीर को ट्रैक करेगी। ये डिवाइस यूजर फ्रैंडली के साथ-साथ एकदम सटीक जानकारी शरीर से रिलेटेड देती है। कंपनी के मैनेजर ने भी ये माना है कि इंडियन क्रिकेटर दुनिया के सबसे ज्यादा बिजी रहने वाले एथलीट हैं। ऐसे में उनके वर्कलोड को मापने के लिए ये डिवाइस सही रहेगी। 

ये जीपीएस सिस्टम खिलाड़ी के फिटनेस लेवल के साथ-साथ शरीर के सैकड़ों गतिविधियों को ट्रैक करेगा, जिसमें दूरी, तेजी, हाइ स्पीड रनिंग और डाइनामिक स्ट्रेस लोड जैसे तमाम बिंदू शामिल हैं। इस डिवाइस के जरिए टीम के फीजियो या फिर ट्रेनर को मदद मिलेगी। इसी के मदद से ट्रेनर्स और फीजियो जान पाएंगे कि किस खिलाड़ी को आराम की जरूरत है और कौन इंजर्ड हुआ है।  

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