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टीम इंडिया के लिए बांग्लादेश को हराना आसान नहीं, दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने कबूली बात

ICC Cricket World Cup 2019 टीम इंडिया के लिए बांग्लादेश को हराना आसान बात नहीं दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने सुनील गावस्कर ने इस बात को कबूल किया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 09:52 PM (IST)
टीम इंडिया के लिए बांग्लादेश को हराना आसान नहीं, दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने कबूली बात
टीम इंडिया के लिए बांग्लादेश को हराना आसान नहीं, दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने कबूली बात

सुनील गावस्कर का कॉलम। जैसी की उम्मीद थी कि इंग्लैंड के खिलाफ भारत का मैच अंतिम ओवरों तक खिंचा, हालांकि आखिरी ओवरों में यह साफ हो गया था कि भारतीय टीम इंग्लैंड के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाएगी। इस मैच और इससे पिछले मैच ने दिखा दिया कि शिखर धवन के चोट के चलते बाहर होने के बाद भारतीय टीम दो बल्लेबाजों वाली टीम बनकर रह गई है। अगर विराट कोहली और रोहित शर्मा रन नहीं बनाते हैं, तो बाकी बल्लेबाज मैच जिताऊ बड़ी पारी खेलने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं। खासतौर से जब आप बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे हों।

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राहुल के पास खूब प्रतिभा है, लेकिन एक बार फिर उनके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिख रही है। यह बताता है कि प्रतिभा से ज्यादा धैर्य की जरूरी है। जब प्रतिभा और संयम का मिलन होता है, तब आपको तेंदुलकर, द्रविड़, सहवाग और कोहली जैसे खिलाड़ी मिलते हैं। अगर राहुल को इन खिलाडि़यों जैसा बनना है, तो उन्हें अपनी मानसिक क्षमता पर काम करना होगा क्योंकि उनकी क्षमता पर किसी को शक नहीं है। हार्दिक पांड्या ने काफी कोशिश की और जैसे कपिल देव ने क्रिकेट में अनुभव हासिल करने के बाद टीम को मैच जिताना शुरू किया था, पांड्या भी जल्द ही ऐसा करेंगे। वह हर मैच के साथ बेहतर होते जा रहे हैं।

भारत की हार का कारण गेंदबाजी करते वक्त आखिरी तीन ओवर रहे। शमी ने इन ओवरों में 45 रन लुटा दिए। भले ही उन्होंने पांच विकेट लिए हों, लेकिन जब बल्लेबाज छक्के मारने की कोशिश में होता है, तो अक्सर वे विकेट गंवा देते हैं। शानदार बल्लेबाजी कर रहे बेन स्टोक्स के सामने फुल टॉस और लेंथ बॉल करना बेहद ही खराब था। दुख की बात यह भी रही कि कप्तान या सीनियर खिलाडि़यों से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। वे शमी से राउंड द विकेट आने को कह सकते थे ताकि बायें हाथ के बल्लेबाज के लिए गेंद का एंगल बदलता।

अंदर के घेरे में फील्डिंग करने वाले बुमराह भी अपने साथी को सलाह और भरोसा दे सकते थे। हालांकि इंग्लैंड को अपने स्टाइल का क्रिकेट खेलने का पूरा श्रेय जाता है और इस जीत के साथ उनका अभियान फिर से पटरी पर आ गया है। जेसन रॉय के टीम में आने और पहले बल्लेबाजी करने पर स्पष्ट तौर पर इंग्लैंड एक बेहतर टीम दिखती है। भारत को सिर्फ एक दिन का ब्रेक मिला है और फिर उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार करने वाली दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम बांग्लादेश से भिड़ना है। एक मुश्किल मैच के बाद यह मुकाबला आसान नहीं होने वाला है। भारत को इस मैच में सावधानी से खेलना होगा।

शाकिब अभी तक इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर साबित हुए हैं और मुश्फिकुर रहीम के साथ उनकी बल्लेबाजी शानदार रही है। तमीम हालांकि अपने चिर परिचित अंदाज में नहीं खेल पा रहे हैं, लेकिन जेसन रॉय की तरह अगर वह बांग्लादेश को तेज शुरुआत देते हैं, तो अन्य बल्लेबाज इसका फायदा उठाकर बड़ा स्कोर बना सकते हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ जिस ढंग से उन्होंने 300 से ज्यादा के स्कोर का पीछा किया और कई ओवर पहले जीत दर्ज की, वह उनकी बल्लेबाजी में गहराई को दिखाती है। हालांकि उनकी गेंदबाजी चिंता का विषय है, लेकिन अगर वे रोहित और विराट को जल्दी आउट कर देते हैं, तो 2007 जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।


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