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मैं रफ्तार से समझौता नहीं करूंगा- शमी अहमद

भारत के नए युवा तेज गेंदबाज शमी अहमद के मुताबिक वह अपनी लाइन लेंथ को महत्व देना जरूरी समझते हैं लेकिन कभी भी इसके लिए वह अपनी गेंद की रफ्तार को कम करने की नहीं सोचेंगे।

By Edited By: Published: Thu, 31 Jan 2013 08:16 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2013 08:16 AM (IST)
मैं रफ्तार से समझौता नहीं करूंगा- शमी अहमद

नई दिल्ली। भारत के नए युवा तेज गेंदबाज शमी अहमद के मुताबिक वह अपनी लाइन लेंथ को महत्व देना जरूरी समझते हैं लेकिन कभी भी इसके लिए वह अपनी गेंद की रफ्तार को कम करने की नहीं सोचेंगे।

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शमी ने कहा, मेरे लिए पेस और स्विंग मेरी गेंदबाजी का मुख्य आकर्षण हैं। मुझे पता है कि लाइन और लेंथ महत्वपूर्ण है लेकिन मैं कभी अपनी रफ्तार से समझौता नहीं करूंगा क्योंकि यह मेरी सबसे बड़ी ताकत साबित हुई है जिसके दम पर मैं यहां तक पहुंचा हूं। अपने करियर के पहले वनडे मैच में लगातार चार मेडन ओवर फेंकने का भारतीय रिकॉर्ड बनाने के कारनामे के बारे में शमी ने कहा, मैंने बस अपने कप्तान द्वारा लगाई गई फील्डिंग को नजर में रखते हुए गेंदबाजी की। आप ऐसी चीजों को प्लान नहीं करते हो लेकिन यह मेरे लिए हो गया और मैं इससे खुश हूं। मुझे अपनी काबिलियत पर हमेशा भरोसा था और मैं मेहनत करने को भी तैयार था। पाकिस्तान के खिलाफ लो स्कोरिंग मैच में करियर का आगाज करने वाले शमी के मुताबिक उन्होंने सिर्फ अपने कप्तान की बात को ध्यान में रखकर गेंदबाजी की। शमी ने कहा, धौनी भाई ने मुझे बस इतना बोला कि मैं नर्वस ना हूं और रणनीति से से ना भटक जाऊं। इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए सीरीज के आखिरी वनडे मैच के बाद धौनी ने कहा था कि शमी के पास पेस मौजूद है लेकिन क्रिकेट के लंबे प्रारूप में आने के लिए अभी उन्हें काफी सुधार की जरूरत है। वहीं शमी की ख्वाइश है कि वह भारतीय टीम की तरफ से सफेद जर्सी पहनकर टेस्ट क्रिकेट में भी टीम इंडिया के हिस्सा बन सकें। शमी ने कहा, रणजी ट्राफी खेलते हुए मैंने यह सीखा लिया है कि आपको लंबे प्रारूप के खेल में संयम बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। वनडे में आप बेशक तमाम चीजें जैसे स्लोअर गेंद और बाउंसर पर प्रयोग करके देख सकते हो लेकिन लंबे प्रारूप में संयम ही सफलता का राज होता है। इस स्तर पर जो बल्लेबाज आपके सामने होता है वह काफी अनुभवी होता है और उसकी बल्लेबाजी में वह माहिर होता है। आपको इंतजार करना होता है कि वह कब गलती करे।

टीम इंडिया के साथ पिछले एक महीने से जुड़े रहने के बाद शमी को अहसास हो गया है कि उनके अंदर भी लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की जर्सी को पहनने का दम है। शमी ने कहा, धौनी, विराट कोहली, गौतम गंभीर व युवराज सिंह जैसे खिलाडि़यों से आप काफी कुछ सीखते हो। ऐसा नहीं है कि वह आपको कोचिंग देते हैं लेकिन उनकी छोटी-छोटी सलाह कारगर साबित हो सकती हैं। ड्रेसिंग रूम में मेरे साथ मेरी राज्य टीम के खिलाड़ी अशोक डिंडा भी मौजूद थे जिससे मुझे उस माहौल में ढलने में भी आसानी हुई। मैं और डिंडा बंगाल के लिए गेंदबाजी की शुरुआत करते हैं और हमारे बीच में अच्छी समझ है। बंगाल के कोच रमन व केकेआर के कोच वसीम अकरम से मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है। अब मैं यार्कर्स पर काम करने की तैयारी में हूं।

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