जीत महत्वपूर्ण, सोशल मीडिया की बातें बेमानी: शास्त्री
भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा कि टीम के लिए जीत महत्वपूर्ण होती है, सोशल मीडिया पर कही गई बातें नहीं। शास्त्री को टीम इंडिया का निदेशक पद संभाले 14 महीने हो गए और इस दौरान टीम ने काफी उतार-चढ़ाव देखे। शास्त्री दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट
मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा कि टीम के लिए जीत महत्वपूर्ण होती है, सोशल मीडिया पर कही गई बातें नहीं।
शास्त्री को टीम इंडिया का निदेशक पद संभाले 14 महीने हो गए और इस दौरान टीम ने काफी उतार-चढ़ाव देखे। शास्त्री दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम के प्रदर्शन से बहुत खुश है। उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खतरनाक पिचों का इस्तेमाल हुआ। लोग जो चाहे कह सकते हैं, लेकिन परिणाम यह दर्शाता है कि हमने यह सीरीज 3-0 से जीती। टीम के लिए जीत महत्वपूर्ण होती है, सोशल मीडिया पर कहीं गई बातें नहीं। लोग ट्विटर पर चाहे जो कहे, कुछ वर्षों बाद आप सिर्फ परिणाम देखेंगे। परिणाम दर्ज हो चुका है जिसे बदला नहीं जा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया जीत की सच्ची हकदार थी। उन्होंने कहा- हमने टेस्ट सीरीज में 70 विकेट हासिल किए। यदि बेंगलुरू टेस्ट में बारिश ने बाधा नहीं डाली होती तो सीरीज का परिणाम 4-0 हो सकता था। हमने इस सीरीज में पूरी तरह दक्षिण अफ्रीका को दबाए रखा।
अश्विन करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में :
खुद स्पिनर रहे शास्त्री ने कहा कि अश्विन अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है। उन्होंने बेसिक्स पर ध्यान दिया और संयम के साथ अपने खेल में सुधार करते रहे। वे क्रिकेट की समझ रखने वाले स्मार्ट क्रिकेटर हैं। वे इस समय निर्विवाद रूप से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं।
धौनी एक चैंपियन खिलाड़ी :
शास्त्री ने इस बात से इंकार किया कि धोनी के खेल का स्तर गिरावट पर है। उन्होंने कहा- वे एक चैंपियन प्लेयर हैं। वे अपनी प्रतिभा साबित कर चुके हैं और यदि खिताब जीतने की बात की जाए तो अन्य कोई उनके सामने नहीं टिकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें विराट कोहली को मीडिया को ठीक से हैंडल करने के लिए समझाना चाहिए, शास्त्री ने कहा- हम इस बारे में विचार नहीं करते हैं। हमारा काम रन बनाना, विकेट लेना, कैच पकड़ना और सीरीज जीतना है। इसके बाद लोग जो चाहे कह सकते हैं। उन्हें अपनी तरफ से कुछ भी लिखने और कहने का अधिकार हैं।