...जब धौनी ने बढ़वाया यात्रा भत्ता
महेंद्र सिंह धौनी सही मायनों में नेतृत्वकर्ता थे। वह न केवल मैदान पर अपनी टीम की अगुआई करते थे, बल्कि उसके बाहर भी यह जिम्मेदारी निभाते थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के सचिव संजय पटेल ने कुछ ऐसी घटनाओं का खुलासा किया जिससे धौनी के उदार स्वभाव की झलक
हरित जोशी (मिड-डे), मुंबई। महेंद्र सिंह धौनी सही मायनों में नेतृत्वकर्ता थे। वह न केवल मैदान पर अपनी टीम की अगुआई करते थे, बल्कि उसके बाहर भी यह जिम्मेदारी निभाते थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के सचिव संजय पटेल ने कुछ ऐसी घटनाओं का खुलासा किया जिससे धौनी के उदार स्वभाव की झलक मिलती है। धौनी ने मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर सबको हैरत में डाल दिया था।
संजय पटेल ने जुलाई में लॉडर्स में खेले गये टेस्ट मैच के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं लॉडर्स टेस्ट मैच देखने गया था और उस दौरान मैंने कुछ समय धौनी के साथ गुजारा। हम टीम किस तरह गढ़ी जाए इस पर चर्चा कर रहे थे कि धौनी ने एक तथ्य से अवगत कराया। बोर्ड इंग्लैंड में टीम के सदस्यों को यात्रा भत्ते के रूप में 100 डॉलर (लगभग 6300 रुपये) देता है। धौनी ने कहा कि यह 100 डॉलर यूके की करेंसी में तब्दील होने के बाद केवल 50-60 पौंड रह जाते हैं। उसने अनुरोध किया कि इस मामले में कुछ किया जाना चाहिए। क्योंकि खिलाडिय़ों के साथ पत्नी और बच्चों के रहने के बाद यह राशि पर्याप्त नहीं होती। मैंने तुरंत ही इसे 100 पौंड (लगभग 9800 रुपये) करने पर सहमति जता दी। मैंने इस मामले पर बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा की तो सदस्य हैरान थे कि आखिर यह बात उनके दिमाग में क्यों नहीं आयी।
पटेल ने बताया कि धौनी ने पूर्व गेंदबाजी कोच जो डावेस और पूर्व क्षेत्ररक्षण कोच ट्रेवर पेनी को बीसीसीआइ द्वारा हटाये जाने का विरोध किया था। पटेल ने याद करते हुए कहा, 'जब बोर्ड ने अगस्त में सपोर्ट स्टाफ के दो सदस्यों (डावेस और पेनी) को बदलने का फैसला किया तो धौनी ने मुझसे कहा कि ये हमारी टीम का हिस्सा हैं। यह मेरी टीम और सपोर्ट स्टाफ है और मैं उनके हितों की रक्षा करूंगा। हालांकि बाद में बीसीसीआइ ने संजय बांगड़ और आर श्रीधर को टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में शामिल कर डावेस और पेनी को बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट अकादमी से जुडऩे का प्रस्ताव दिया था। लेकिन दोनों ने अपने अनुबंध खत्म कर स्वदेश लौटने का फैसला किया।
पटेल ने कहा, 'मैं 18 माह से इस पद (बीसीसीआइ सचिव) पर हूं, लेकिन धौनी ने अपने लिए कुछ नहीं मांगा। वह हमेशा अपनी टीम के बारे में सोचता है। वह एक नायाब क्रिकेटर है, बेहद ईमानदार और शानदार व्यक्ति।