वेस्टइंडीज के दर्जनों क्रिकेटर हुए परेशान, इस साल नहीं मिली है मैच फीस
कुछ क्रिकेट बोर्ड कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं लेकिन वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड जनवरी से ही आर्थिक रूप से मुश्किल में है।
बारबाडोस, पीटीआइ। एक तरह जहां कोरोना वायरस महामारी ने क्रिकेट पर विराम लगा दिया और क्रिकेट बोर्ड इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को झेल रहे हैं। वहीं, वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड जनवरी से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। यही कारण है कि वेस्टइंडीज में क्रिकेटरों को इस साल मैच फीस ही नहीं मिली है। हालांकि, वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों की रिटेनरशिप फीस का भुगतान पहले ही कर दिया है।
वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों को जनवरी से उनकी मैच फीस का भुगतान नहीं किया गया है, क्योंकि संचालन संस्था इस समय आर्थिक रूप से काफी मुश्किल में है। क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) ने स्वीकार किया कि खिलाड़ियों की 'रिटेनर' राशि दी जा चुकी है, लेकिन मैच फीस का भुगतान नहीं किया गया है। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पहले भी इस तरह के हालातों से गुजर चुका है, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी की बीच बोर्ड पर ये बड़ा संकट है।
वेस्टइंडीज खिलाड़ी संघ (डब्ल्यूआइपीए) के सचिव वेन लुइस ने कहा है, "मासिक वेतन (और भत्ते) दे दिए गए हैं। समस्या यह है कि प्रथम श्रेणी प्रतियोगिताओं में रिटेन खिलाड़ियों को अभी तक आठ दौर की मैच फीस नहीं दी गई है।" मैच फीस का भुगतान नहीं होने से तमाम छोटे खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार पुरुष टीम को जनवरी में आयरलैंड के खिलाफ सीरीज (तीन वनडे और तीन टी20) और फरवरी-मार्च में श्रीलंका दौरे (तीन वनडे और दो टी20) के लिए मैच फीस नहीं दी गई हैं। वहीं, महिला खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में फरवरी-मार्च में हुए टी20 विश्व कप में खेले गए चार मैचों की मैच फीस भी दी जानी है।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के चीफ एग्जक्यूटिव ऑफिसर जॉनी ग्रेव ने ये आश्वासन दिया है कि निकट भविष्य में खिलाड़ियों की मैच फीस का भुगतान कर दिया जाएगा। ग्रेव ने कहा है कि साल 2018 में जब श्रीलंका और बांग्लादेश की टीम कैरेबियाई दौरे पर आई थीं तब उन्हें भारी नुकसान हुआ था। बोर्ड को 22 मिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है।