सहवाग को आया गुस्सा, ट्विटर पर इस तरह निकाली अपनी भड़ास, जानिए क्या है वजह
क्रिकेट से संन्यास के बाद से ही सहवाग ट्विटर पर दुनिया के तमाम गंभीर मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग जिस तरह से पहले मैदान पर गेंदबाज़ों की धुनाई करते थे, ठीक उसी तरह अब वो ट्विटर पर अपनी बेबाक राय रखते हैं। क्रिकेट से संन्यास के बाद से ही सहवाग ट्विटर पर दुनिया के तमाम गंभीर मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। इस बार सहवाग ने छोटे बच्चों की किताबों के छपे कॉन्टेंट को लेकर एक ट्वीट किया है।
सहवाग ने उठाया ये मुद्दा
सहवाग ने अब प्राइमरी स्कूल की किताबों में छपे कॉन्टेंट पर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में सहवाग ने इंग्लिश की किताब में छपे कॉन्टेंट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में अंग्रेजी की किताब में बड़े परिवार पर लिखी गई बातों पर गुस्सा जाहिर किया है। किताब में छात्रों को यह पढ़ाया जा रहा है कि एक बड़ा परिवार कभी सुखी जीवन नहीं बिताता। इस किताब में बड़े परिवार की परिभाषा कुछ इस तरह से बताई गई है - 'बड़े परिवार में माता-पिता के अलावा दादा-दादी के अलावा कई बच्चे होते हैं। एक बड़ा परिवार कभी भी सुखी जीवन नहीं जीता।'
A lot of such crap in school textbooks. Clearly the authorities deciding and reviewing content not doing their homework pic.twitter.com/ftaMRupJdx— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 5, 2018
कॉन्टेंट आथॉरिटी पर उतारा गु्स्सा
सहवाग ने ट्वीट में इन बातों को हाइलाइट करते हुए इन पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने लिखा, 'स्कूल की किताब में इस तरह की और भी बहुत सारी बकवास शामिल है। मतलब साफ है कि किताब में कॉन्टेंट के लिए जिम्मेदार अथॉरिटी कॉन्टेंट का निरीक्षण ठीक से नहीं कर रही है।'
यानी इन कॉन्टेंट के लिए जिम्मेदार अथॉरिटी अपना होमवर्क ठीक से नहीं कर पा रही। सहवाग के इस ट्वीट पर हजारों लोगों ने अपनी सहमति जताई है और ऐसे कॉन्टेंट के लिए संबंधित विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
देखिए सहवाग के ट्वीट पर लोगों ने किस तरह से अपनी सहमति ज़ाहिर की है-
Who so ever has finalized this curriculum hasn't done his homework! @PrakashJavdekar ji @PMOIndia sir if this is true kindly have a look! pic.twitter.com/LAbnl0kDRO — Raj👒 (@ImBylu) August 5, 2018
Schools have to be educated first before children !!— Suman Narayana (@NarayanaSuman) August 5, 2018
Ise padne ke vajai bachche illiterate hi rahe toh achcha hai... what’s the use of textbooks that doesn’t teach moral values and importance of a family... raddhi hai raddhi... — Harshavardhan (@Harshasrvardhan) August 5, 2018
Such a waste of education.. publications and authorities does not even look at this type of crap... they are just filling their pockets !!— ankit daksh (@ankitdaksh1) August 5, 2018