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'विराट का व्यक्तित्व रोबदार, इस समय टीम इंडिया की कप्तानी किसी और को नहीं सौंपेंगे'

Nasser Hussain on split captaincy in Indian cricket team नासिर ने कहा कि विराट के लिए किसी और को कप्तानी सौंपना आसान नहीं होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 02:25 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 06:12 PM (IST)
'विराट का व्यक्तित्व रोबदार, इस समय टीम इंडिया की कप्तानी किसी और को नहीं सौंपेंगे'
'विराट का व्यक्तित्व रोबदार, इस समय टीम इंडिया की कप्तानी किसी और को नहीं सौंपेंगे'

नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया में भी अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान होने चाहिए और ये बात चर्चा का विषय तब बनी थी जब रोहित शर्मा ने पिछले साल रिकॉर्ड चौथी बार मुंबई इंडियंस को आइपीएल का खिताब दिलाया था। वहीं विराट की कप्तानी वाली आरसीबी ने एक बार भी खिताब नहीं जीता है जिसकी वजह से उन पर सवाल खड़े होते रहे हैं।

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कई लोगों का मानना है कि रोहित सिमित ओवर के प्रारूप में टीम इंडिया की कमान संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वर्तमान में उन्हें टीम की कमान तब सौंपी जाती है जब विराट को आराम दिया जाता है। रोहित के बारे में दिलचस्प बात ये भी है कि उन्होंने बल्लेबाज के रूप में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इसी मामले पर बात करते हुए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा है कि वर्तमान भारतीय कप्तान इस समय अपनी कप्तानी सौंपना पसंद नहीं करेंगे। 

नासिर ने कहा कि उन्हें लगता है कि ये आपके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है जब बात कप्तानी के बंटवारे की आती है। इसके लिए उन्होंने इयोन मोर्गन और जो रूप का उदाहरण दिया। इस वक्त मोर्गन इंग्लैंड वनडे और टी20 टीम के कप्तान हैं जबकि जो रूट टेस्ट टीम के कप्तान हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों का व्यक्तित्व विराट कोहली से विपरीत है। 

नासिर ने कहा कि यह सब चरित्र पर निर्भर करता है। विराट कोहली का चरित्र रोबदार है और उनके लिए कप्तानी हैंडओवर करना आसान नहीं होगा। वो कुछ भी किसी और को सौंपना नहीं चाहेंगे। वहीं इंग्लैंड के पास इयोन मोर्गन और जो रूट हैं जो आकर्षक और शांत चरित्र वाले हैं। उन्होंने ये सारी बातें क्रिकबज से बात करते हुए कही। 

नासिर हुसैन ने कहा कि अब इंटरनेशनल क्रिकेट में सभी फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच होने चाहिए क्योंकि बहूत ज्यादा क्रिकेट खेली जा रही है। उन्होंने कहा कि कोचिंग सबसे अहम है और कोचों के पास करने के लिए बहुत कुछ है। अगर अलग-अलग कोच होंगे तो उनके पास काफी कुछ करने को होगा। उन्होंने इंग्लैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि उजले गेंद के क्रिकेट में इंग्लैंड ट्रेवर बेलिस की कोचिंग में काफी अच्छा कर रहा है, लेकिन टेस्ट में प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं है ऐसे में हमें दो कोच की जरूरत है ताकि हम सही दिशा में आगे बढ़ सकें। 


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