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विराट- गंभीर ने तभी भुला दी थी दुश्मनी, लड़ाई वाले दिन साथ किया था डिनर

यह बहुत कम लोगों को पता है कि गंभीर और विराट के बीच कड़वी यादें नहीं हैं और दोनों खिलाड़ियों ने लड़ाई वाले दिन ही एक साथ डिनर किया था।

By bharat singhEdited By: Published: Sat, 08 Oct 2016 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 08 Oct 2016 03:23 PM (IST)
विराट- गंभीर ने तभी भुला दी थी दुश्मनी, लड़ाई वाले दिन साथ किया था डिनर

इंदौर (जेएनएन)। गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच आइपीएल 2013 में हुई लड़ाई तो सभी को याद है और इसी के आधार पर दोनों के बीच दुश्मनी के कयास भी लगाए जाते रहे हैं। हालांकि, यह बहुत कम लोगों को पता है कि उनके बीच ऐसी कड़वी यादें नहीं हैं और दोनों खिलाड़ियों ने लड़ाई वाले दिन ही एक साथ डिनर किया था।

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लड़ाई वाले दिन साथ किया था डिनर

गंभीर के इस करीबी दोस्त ने टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू में बताया था कि गंभीर को कोहली या एमएस धौनी से कोई परेशानी नहीं है, जैसा कि मीडिया में अक्सर दिखाया जाता है। इस दोस्त ने कहा, 'असल में विराट और गंभीर ने बेंगलुरू में आइपीएल 2013 में हुई अपनी लड़ाई के बाद ताज गार्डेनिया होटल में साथ बैठकर डिनर किया था। लेकिन मीडिया में इस तरह की खबरें नहीं आईं। गौतम विराट को 'चीक्स' कहता है तो विराट गौतम को 'भइया' कहकर बुलाता है। दोनों की फेवरिट फुटबॉल टीम मैनचेस्टर यूनाइटेड है, फेवरिट वीडियो गेम प्लेस्टेशन है और दोनों ने इंदौर के जिम में टीम इंडिया के ट्रेनर शशांक बसु के साथ समय भी बिताया।'


धौनी से भी कोई परेशानी नहीं

गंभीर के इस दोस्त ने खिलाड़ियों की बायोपिक पर उनकी राय का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि गंभीर का मतलब धौनी पर बनने वाली फिल्म से नहीं था। आपको बता दें कि गंभीर ने हाल ही में एक ट्वीट किया था कि खिलाड़ियों पर बायोपिक नहीं बननी चाहिए। अभी कुछ दिनों पहले ही धौनी पर बनी फिल्म रिलीज हुई है, इसलिए गंभीर के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा हुई। गंभीर के दोस्त का इस पर कहना है, 'उसने किसी के खिलाफ ट्वीट नहीं किया। उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों के बजाए सैनिकों पर बायोपिक बननी चाहिए। उसे कभी ऐसा नहीं लगा कि उसके टीम से निकलने की वजह धौनी रहा है।' गंभीर के एक और दोस्त ने बताया कि अगर वह क्रिकेटर नहीं होते तो सेना में जाते। कुछ साल पहले तक वह टेरिटोरियल आर्मी में जाना चाहते थे।

'चीक्स' और 'भइया' का रहा है पुराना साथ

दिल्ली के इन दोनों खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट और वनडे में कई अहम साझेदारियां निभाईं। 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में इन दोनों की साझेदारी की बदौलत ही भारत फाइनल जीतने में सफल रहा था। इसके एक साल बाद कोहली ने भारतीय टीम में गंभीर की जगह ले ली और उप-कप्तान बन गए। इसके बाद मीडिया में रिपोर्टें आईं कि दोनों के बीच के रिश्ते ठीक नहीं रहे। हालांकि दोनों ने हमेशा मीडिया में यही कहा कि उनके बीच कोई टकराव नहीं है।

हिम्मत नहीं हारी, लेंगर से सीखी बैंटिग

अब गौतम गंभीर की दो साल बाद टेस्ट टीम में वापसी हुई है और उन्हें दिल्ली के अपने जूनियर विराट कोहली की कप्तानी में खेलने का मौका मिला है। गंभीर को यह मौका केएल राहुल और शिखर धवन की चोट और दिलीप ट्रॉफी में अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मिला है। मुरली विजय, राहुल और धवन के टीम में आने के बावजूद गंभीर ने हिम्मत नहीं हारी और ऑस्ट्रेलिया में जस्टिन लेंगर के साथ समय बिताया ताकि उनकी बैटिंग मजबूत हो सके। इसका नतीजा दिलीप ट्रॉफी में देखने को मिला।

गुस्सैल नहीं, भावुक इंसान हैं गंभीर

वैसे गंभीर अपने गुस्सैल व्यवहार के लिए भी चर्चा में रहे हैं। शेन वॉट्सन, सिमोन काटिच , कामरान अकलम और फिर विराट कोहली और मनोज तिवारी के साथ उनकी तनातनी की खबरें सामने आती रहीं। इस साल भी आइपीएल में उनकी टीम की हार के बाद कुर्सी पर लात मारने के लिए उन्हें जुर्माना भरना पड़ा था। हालांकि गंभीर के करीबी दोस्त बताते हैं कि उनका व्यवहार असल में ऐसा नहीं है और यह केवल मैदान में दिखने वाला उनका रूप है। गंभीर के दोस्त ने कहा है कि वह काफी भावुक इंसान हैं।

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