इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इन दो गेंदबाजों से बचना होगा भारतीय बल्लेबाजों को
एंडरसन और ब्रॉड ने भारत के पिछले इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में कमाल की गेंदबाजी की थी।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। इंग्लैंड का दौरा हो, लाल ड्यूक गेंद हो और स्विंग न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता। इस बार गर्मी ज्यादा है तो स्विंग कितनी होगी इसका अंदाजा एक अगस्त से बर्मिघम में होने वाले पहले टेस्ट में ही पता चल जाएगा। 2014 में जब महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड का दौरा किया था तो जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड ने अपनी स्विंग से भारतीय उम्मीदों को उधेड़ कर रख दिया था। इस बार भी यह दोनों गेंदबाज इंग्लिश आक्रमण की अगुआई करेंगे। इनके साथ बेन स्टोक्स, सैम कुर्रन और जेमी पोर्टर को भी इंग्लिश टीम में शामिल किया गया है। इसके अलावा ऑलराउंडर मोइन अली और आदिल राशिद स्पिनर के तौर पर इंग्लैंड टीम में हैं। हालांकि इस समय पूरा फोकस जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड पर है। दोनों अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। एंडरसन इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा 540 और ब्रॉड उनके बाद 417 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। पिछले तीन सालों में एंडरसन ने 21 टेस्ट में 137 और ब्रॉड ने 27 टेस्ट में 130 विकेट हासिल किए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली एशेज में एंडरसन ने 27 के औसत से 17 विकेट लिए थे। ये दोनों भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
जेम्स एंडरसन-
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने कहा है कि एंडरसन बडे़ खिलाड़ी हैं। अब यह देखना होगा कि इंग्लिश परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाज उनकी स्विंग और गेंदबाजी का सामना कैसे करते हैं। अगर भारतीय बल्लेबाज एंडरसन के खिलाफ अच्छा खेलते हैं तो यह बड़ा अंतर पैदा करेगा। मुझे लगता है कि एंडरसन इस सीरीज की मुख्य कुंजी होंगे।
निश्चित तौर पर एंडरसन भारत के लिए बहुत खतरनाक साबित हुए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2007 में तीन टेस्ट में 14, 2011 में चार टेस्ट में 21 और 2014 में पांच टेस्ट में 25 विकेट लिए थे। एंडरसन अब सिर्फ टेस्ट मैच खेलते हैं। उन्होंने जून में पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच खेला था और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में दो टेस्ट में उन्होंने नौ विकेट झटके। एंडरसन ने खुद को इंग्लैंड के इतिहास में सबसे कुशल और प्रभावशाली तेज गेंदबाजों में से एक साबित कर दिया है। टेस्ट क्रिकेट में उनकी स्विंग की प्रतिभा विशेष रूप से इंग्लिश कंडीरशन में अद्भुत रही है। किसी भी उम्र में किसी भी स्विंग गेंदबाज के साथ तुलनात्मक रूप से वह बेहतर बैठते हैं। वह तीन विजयी एशेज अभियानों का अभिन्न अंग रहे हैं। वह इयान बॉथम के 383 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड को तोड़कर इंग्लैंड की तरफ से 500 टेस्ट विकेट लेने इकलौते गेंदबाज हैं। एंडरसन दायें हाथ से लेंथ बॉल फेंकने में यकीन रखते हैं जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्विंग मिलती है। वह (540) ग्लेन मैक्ग्रा (563) और कर्टनी वॉल्स (519) के बाद 500 विकेट लेने वाले विश्व के तीसरे तेज गेंदबाज बने थे। वह हवा में भी गेंद को स्विंग कराने का माद्दा रखते हैं। 2007 में सचिन तेंदुलकर, 2011 में वीवीएस लक्ष्मण और 2014 में विराट कोहली को उन्होंने बहुत परेशान किया। टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले एंडरसन ने विराट को झूठा बताते हुए कहा था कि अगर वह कहते हैं कि उनके व्यक्तिगत रन उनके लिए मायने नहीं रखते तो वह झूठ बोल रहे हैं। दुनिया के सबसे आक्रामक स्विंग गेंदबाज ने 2014 में विराट को चार बार आउट किया था। हालांकि अब वह 35 के हो गए हैं और गर्मी व सूखी पिच के कारण उन्हें उतनी तेजी नहीं मिलेगी। हालांकि नई गेंद से स्विंग कराने का माद्दा अब भी रखते हैं। वह 3.5-4.0 के इकॉनमिक रनरेट से ज्यादा रन नहीं देंगे।
स्टुअर्ट ब्रॉड-
पिछले दो महीने से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन का कहना है कि अब यहां के विकेट काफी फ्लैट हो गए हैं। यह गेंदबाजी के लिए कठिन और बल्लेबाजी के लिए अच्छे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि एंडरसन और ब्रॉड ने मिलकर इंग्लैंड के लिए 957 विकेट लिए हैं। छह फिट पांच इंच लंबे ब्रॉड अब 32 साल के हो गए हैं लेकिन स्टेन का कहना है कि उम्र मायने नहीं रखती। ब्रॉड ने हमेशा बेहतर किया है। वह उन परिस्थितियों में शानदार हैं। उनकी स्किल अद्भुत हैं। उन्हें पता है कि इंग्लैंड में क्या करना है।
ब्रॉड ने 2014 में भारत के खिलाफ पांच टेस्ट में 19 विकेट झटके थे। एंडरसन की तरह वह भी अब सिर्फ टेस्ट मैच ही खेलते हैं और दायें हाथ से लेंथ बॉल फेंककर स्विंग हासिल करने में माहिर हैं। उनकी गेंद भी काफी स्विंग होती है। वह समय-समय पर अच्छी बाउंसर भी मारते हैं। सबसे खास बात यह है कि वह ब्रॉड और एंडरसन एक-दूसरे के पूरक हैं। जब दोनों छोर से ये दोनों गेंदबाजी करते हैं तो बल्लेबाजों पर जबदरस्त दबाव बन जाता है जिससे विकेट मिलना आसान हो जाता है। वह इंग्लिश इतिहास के कुछ उत्साही खिलाडि़यों में से एक हैं। एंडरसन के साथ उनकी नई गेंद की साझेदारी ने इंग्लैंड के टेस्ट अटैक को बरकरार रखा है। उनकी आक्रामकता और पिच से उछाल हासिल करने की क्षमता एंडरसन की तकनीकी उत्कृष्टता के साथ अच्छी तरह से बढ़ रही है। ब्रॉड गर्म कंडीशन में भी विकेट लेने में सक्षम हैं। वह सात बार एक ही स्पैल में पांच विकेट ले चुके हैं। वह कड़ी मेहनत करते हैं और इससे विरोधी टीम पर खतरा बढ़ जाता है। उनकी आक्रामक तेज गेंदबाजी और अस्थिर स्वभाव उनकी ताकत को दर्शाता है लेकिन समय-समय पर उनके व्यवहार की आलोचना भी होती रही है।
बेन स्टोक्स, सैम कुर्रन और पोर्टर-
देर रात में खराब हरकत करने के कारण ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को एशेज सीरीज से बाहर कर दिया गया था। इस सीरीज के दौरान ही उस केस की सुनवाई होगी जो निश्चित तौर पर दायें हाथ के इस गेंदबाज के लिए परेशानी का सबब होगी। वह एक मैच मिस भी कर सकते हैं। हालांकि अगर उनकी गेंदबाजी की बात की जाए तो वह काफी तेज गेंदबाजी के साथ बाउंस भी प्राप्त करते हैं। उनके अलावा युवा सैम कुर्रन और जेमी पोर्टर को भी तेज गेंदबाज के तौर पर टीम में शामिल किया गया है। जिंबाब्वे के पूर्व क्रिकेटर केविन कुर्रन के बेटे सैम सिर्फ 20 साल के हैं और पिछले महीने पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। इंग्लैंड लायंस की तरफ से खेलते हुए भारत-ए के खिलाफ उन्होंने एक मैच में सात विकेट लिए थे। वहीं 25 वर्षीय तेज गेंदबाज जेमी पोर्टर को पहली बार इंग्लैंड की टेस्ट टीम में बुलाया गया है। एसेक्स की तरफ से इंग्लिश काउंटी डिवीजन-2 में 2016 में 55 और 2017 में 75 विकेट लेने वाले पोर्टर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 61 मैचों में 24.05 के औसत से 240 विकेट लिए हैं।
राशिद और मोइन के भरोसे स्पिन-
इस बार इंग्लैंड में गर्मी है और इसलिए चयनकर्ताओं ने ऑलराउंडर मोइन अली के साथ दायें हाथ के लेग ब्रेक स्पिनर आदिल राशिद को टीम में शामिल किया है। राशिद ने 2018 काउंटी सत्र से पहले लाल गेंद की क्रिकेट यानि चार दिवसीय या पांच दिवसीय मैच खेलना छोड़ दिया था। पिछले साल सितंबर के बाद से वह प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं खेले हैं। हाल ही में भारत के खिलाफ सीमित ओवरों के क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तीन वनडे में छह और तीन टी-20 में दो विकेट लिए। चयनकर्ताओं ने वर्तमान परिस्थितियों में स्पिन की गुंजाइश को देखते हुए उन्हें टीम में शामिल किया है। हालांकि इंग्लैंड के इस फैसले की आलोचना भी हो रही है क्योंकि उनमें ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर जैसी स्पिन की क्षमता नहीं है। इसके अलावा मोइन अली बल्लेबाजी के साथ स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। अब यह देखना होगा कि इंग्लिश कप्तान जो रूट इनका प्रयोग किस तरह से करते हैं।
इंग्लिश गेंदबाजों का प्रदर्शन
टेस्ट में ओवरऑल प्रदर्शन
गेंदबाज, मैच, पारी, गेंद, रन, विकेट, पारी में सर्वश्रेष्ठ, मैच में सर्वश्रेष्ठ, औसत, 5, 10
जेम्स एंडरसन, 138, 257, 30398, 14705, 540, 7/42, 11/71, 27.23, 25, 03
स्टुअर्ट ब्रॉड, 118, 215, 24346, 12050, 417, 8/15, 11/121, 28.89, 16, 02
बेन स्टोक्स, 42, 72, 5926, 3316, 98, 6/22, 8/161, 33.83, 04, 00
सैम कुर्रन, 01, 02, 85, 43, 02, 1/10, 2/43, 21.50, 00, 00
मोइन अली, 50, 87, 8936, 5411, 133, 6/53, 10/112, 40.68, 04, 01
आदिल राशिद, 10, 18, 2544, 1626, 38, 5/64, 7/178, 42.78, 01, 00
2014 टेस्ट सीरीज में भारत के खिलाफ प्रदर्शन
गेंदबाज, मैच, पारी, ओवर, रन, विकेट, पारी में सर्वश्रेष्ठ, मैच में सर्वश्रेष्ठ, औसत, 5, 10
जेम्स एंडरसन, 05, 10, 199.1, 515, 25, 5/53, 7/77, 20.60, 01, 00
स्टुअर्ट ब्रॉड, 05, 09, 175.5, 437, 19, 6/25, 6/25, 23.00, 01, 00
बेन स्टोक्स, 02, 04, 87.5, 232, 07, 3/51, 5/91, 33.14, 00, 00
मोइन अली, 05, 08, 123.4, 437 19, 6/67, 8/129, 23.00, 01, 00