सनराइजर्स हैदराबाद के इस गेंदबाज को लगता है इन दो बातों से डर!
सनराइजर्स हैदराबाद ने तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर की भाषा की समस्या का तोड़ अपने खिलाड़ी रिकी भुई को अनुवादक की भूमिका सौंपकर निकाला।
नई दिल्ली। सनराइजर्स हैदराबाद के बांग्लादेशी तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान इन दिनों आइपीएल में धूम मचा रहे हैं। डेथ ओवरों में उनकी किफायती गेंदबाजी ने कप्तान डेविड वॉर्नर की मुसीबतें आसान कर दी है, लेकिन इस ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के लिए अपने इस प्रमुख गेंदबाज से बात करना आसान नहीं है।
मुस्ताफिजुर को सिर्फ दो बातों से डर लगता है बल्लेबाजी और इंग्लिश बोलना। 20 वर्षीय वंडर किड मुस्ताफिजुर को इंग्लिश बिलकुल भी नहीं आती है, इसलिए टीम प्रबंधन और कप्तान वॉर्नर के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि उनसे बात किस तरह की जाए। मुस्ताफिजुर बंगाली बोलते है और सनराइजर्स टीम के रिकी भुई को बंगाली आती है। भुई 2014 और 2016 अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया के सदस्य थे और रहमान को पहले से जानते भी थे। सनराइजर्स के मैनेजर को जैसे ही इस बात का पता चला उन्होंने भुई की ड्यूटी अनुवादक के रूप में लगा दी।
भुई ने कहा- मेरी और मुस्ताफिजुर की अच्छी बनती है। वो इंग्लिश नहीं बोल पाता है, इसलिए मैं उनकी बातों का अनुवाद करता हूं। इसके चलते हमारे संबंध मजबूत हो गए हैं। भुई ही अब टीम प्रबंधन की बातों को मुस्ताफिजुर को बांग्ला में अनुवाद कर बताते हैं कि शुरुआती 10 ओवरों में उन्हें क्या करना है। वे स्ट्रेटेजिक टाइम आउट के दौरान मैदान में जाते हैं और वॉर्नर के निर्देशों को मुस्ताफिजुर को समझाते हैं।
मुस्ताफिजुर मैदान में आमतौर पर साइन लैंग्वेज का उपयोग करते हैं। वे इशारों से बता देते है कि अब वो कैसी गेंद डालने वाले हैं। बाउंसर के लिए सिर का इशारा, धीमी गेंद के लिए कलाई घुमाना। वे अंग्रेजी में सिर्फ दो शब्द बोल पाते हैं, प्रॉब्लेम और नो प्रॉब्लेम।
मुस्ताफिजुर इस समय भुवनेश्वर कुमार के साथ सनराइजर्स के गेंदबाजी आक्रमण की जान बने हुए हैं। उन्होंने 15 मैचों में 24 की औसत से 16 विकेट लिए हैं। उनका इकानॉमी रेट भी मात्र 6.73 है जबकि वे अपने अधिकांश ओवर पारी के अंत में डालते हैं।