बीसीसीआइ में होने वाला है बड़ा बवाल, सीओए के खिलाफ एकजुट हुई त्रिमूर्ति
पहली बार मुंबई के बीसीसीआइ दफ्तर में इन तीनों ने एक साथ बैठक की।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। बीसीसीआइ में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब प्रशासकों की समिति (सीओए) के खिलाफ बीसीसीआइ के तीन पदाधिकारियों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में सिर्फ तीन पदाधिकारी कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी बचे थे। इन तीनों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के सुपरविजन में काम करना था लेकिन अमिताभ विनोद राय के नेतृत्व वाली सीओए और बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी के साथ मिल गए। ऐसे में अनिरुद्ध और सीके अकेले हो गए लेकिन अब ये तीनों एक हो गए हैं। शुक्रवार को पहली बार मुंबई के बीसीसीआइ दफ्तर में इन तीनों ने एक साथ बैठक की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही अमिताभ के सीओए के पक्ष में रहने के कारण से पिछले एक साल में विनोद राय व डायना इडुलजी ज्यादा मजबूत दिखे और अधिकतर फैसले उन्होंने ही लिए। इसमें से कई ऐसे फैसले हैं जो बीसीसीआइ पदाधिकारियों या उसकी आमसभा को करने थे। अनिरुद्ध ने जब उनके निर्णयों का किया तो उन्हें न बोलने की हिदायत देकर चुप करा दिया गया। बीसीसीआइ सूत्रों के मुताबिक, सीओए की तरफ से अनिरुद्ध को ईमेल किया गया कि वह किसी फैसले के खिलाफ हैं तो वह उसे सीधे किसी कमर्चारी या अधिकारी से नहीं कर सकते बल्कि उन्हें सीओए को इसके लिए ईमेल करना होगा। हाल ही में सीओए ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सातवीं स्टेटस रिपोर्ट जमा की और उसमें तीनों पदाधिकारियों का समयकाल पूरा होने के कारण उन्हें हटाकर फिर से नए चुनाव कराने की सिफारिश की। यही नहीं पिछले सप्ताह उन्होंने नया निर्देश जारी करते हुए तीनों पदाधिकारियों के कामकाजी अधिकार छीन लिए। इसके बाद अमिताभ भड़क गए और दो लंबे ईमेल भेजकर उन्होंने सीओए की बखिया उधेड़ दी। अभी तक सीओए के साथ रहने वाले अमिताभ अब उनके ही खिलाफ हो गए हैं।
सीके और अनिरुद्ध शुरू से ही चाहते थे कि बीसीसीआइ के बचे हुए मात्र तीन पदाधिकारी साथ रहें जिससे वे मजबूत होंगे और सीओए के सामने अपनी बात मजबूती से रख सकेंगे लेकिन अमिताभ के खेमा बदलने के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे। निश्चित तौर पर इन तीनों के एक होने से अलग संदेश जाएगा और सीओए व सीईओ स्वतंत्र होकर फैसले लेने से बचेंगे। बैठक में शामिल एक पदाधिकारी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चलना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अगर सीओए बनाया तो उनके आदेश के मुताबिक ही तीनों पदाधिकारियों को बीसीसीआइ का रोजमर्रा का काम भी देखना है लेकिन पिछले एक साल में देखा गया कि सीओए पदाधिकारियों को एक तरफ रखकर खुद ही सबकुछ करने लगा। अमिताभ ने विनोद को भेजे ईमेल में चेताया भी था।