Move to Jagran APP

अरुण जेटली को अध्यक्ष बनाने के लिए बदला था बोर्ड का संविधान, कई क्रिकेटरों को निखरने में की मदद

अरुण जेटली के अध्यक्ष रहते ही गंभीर सहवाग विराट कोहली शिखर धवन इशांत शर्मा और आकाश चोपड़ा जैसे दिल्ली के कई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमके।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 02:16 AM (IST)
अरुण जेटली को अध्यक्ष बनाने के लिए बदला था बोर्ड का संविधान, कई क्रिकेटरों को निखरने में की मदद
अरुण जेटली को अध्यक्ष बनाने के लिए बदला था बोर्ड का संविधान, कई क्रिकेटरों को निखरने में की मदद

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। एक सफल राजनेता, जाने-माने वकील, पार्टी के संकटमोचक और बेहतरीन वक्ता होने के साथ-साथ अरुण जेटली (Arun Jaitley) एक अद्भुत खेल प्रशासक भी थे। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में इंटर क्लास क्रिकेट खेलने वाले जेटली 1998 में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सदस्य और पैटर्न बने। अगले साल ही वह डीडीसीए के अध्यक्ष बने और दिसंबर 2013 तक इस पद पर बने रहे। वह कई सालों तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के उपाध्यक्ष रहने के साथ 2008 से 2015 तक बीसीसीआइ की कार्यकारी संचालन परिषद के सदस्य भी रहे।

loksabha election banner

वैश्विक स्तर पर चमके दिल्ली के क्रिकेटर

फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को नया स्वरूप देने वाले जेटली के अध्यक्ष रहते ही गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, शिखर धवन, इशांत शर्मा और आकाश चोपड़ा जैसे दिल्ली के कई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमके। अंतरराष्ट्रीय ही नहीं घरेलू क्रिकेटरों के निजी कामों के लिए भी उपलब्ध रहने वाले जेटली ने 2014 में मोदी सरकार में वित्त मंत्री बनने के बाद खुद को आधिकारिक तौर पर क्रिकेट राजनीति से अलग कर लिया था लेकिन इसके बावजूद बीसीसीआइ व डीडीसीए के चुनाव में ही नहीं भारतीय क्रिकेट के नीतिगत फैसलों में उनका दखल सबसे ज्यादा था।

जेटली को अध्यक्ष बनाने के लिए बदला था बोर्ड का संविधान

बीसीसीआइ में जेटली के रुतबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2012 में अध्यक्ष पद के संबंध में बीसीसीआइ के संविधान में संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि भाजपा के शीर्ष नेता जेटली वर्ष 2014 में बोर्ड प्रमुख बन जाएं। 2014 में पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के चेयरमैन शशांक मनोहर ने रहस्योद्घाटन किया था कि 2012 में बीसीसीआइ के संविधान में संशोधन किया गया, जिसमें विभिन्न जोन से एक पदाधिकारी अध्यक्ष बन सकता है। अगर उसका नाम उस जोन द्वारा प्रस्तावित और अनुमोदित किया जाए, जिस जोन की प्रमुख चुनने का बारी हो। मनोहर ने कहा था कि मेरा मानना है कि सदस्यों ने संविधान में संशोधन के पक्ष में फैसला इसलिए किया था कि अरुण जेटली (तत्कालीन डीडीसीए अध्यक्ष और बीसीसीआइ उपाध्यक्ष) का पूर्वी क्षेत्र से बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो जाए। यह खास तौर से जेटली के लिए किया गया, क्योंकि वह सदस्यों के बीच सर्वसम्मत पसंद थे। हालांकि 2014 में भाजपा सत्ता में आ गई और जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री बन गए जिसके बाद उन्होंने बीसीसीआइ की राजनीति को छोड़ दिया।

जेटली के बंगले पर ही हुई थी सहवाग की शादी

अरुण जेटली ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की शादी के लिए अपना सरकारी आवास दे दिया था। शादी में खेल, बॉलीवुड और राजनीति जगत की कई हस्तियों ने शिरकत की। शादी सही मायने में हरियाणवी अंदाज में हुई थी। इस दौरान न सिर्फ जेटली ने शादी के लिए आवास दिया था बल्कि अपने स्टाफ के लोगों को भी इस समारोह में मदद के लिए लगाया था। साथ ही कैटरिंग तक की व्यवस्था जेटली ने खुद की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.