भारत में आइपीएल की तरह नहीं हुआ टेस्ट क्रिकेट का प्रचार : गौतम गंभीर
गंभीर ने कहा कि बीसीसीआइ ने टेस्ट क्रिकेट के प्रचार और प्रसार के लिए कुछ खास नहीं किया।
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि बीसीसीआइ ने भले ही क्रिकेट को बेहद लोकप्रिय और सफल आइपीएल दी, लेकिन उसने टेस्ट क्रिकेट के प्रचार और प्रसार के लिए कुछ खास नहीं किया। अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर गंभीर ने प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जौहरी की मौजूदगी में यह बात कही।
गंभीर ने क्रिकेट इतिहासकार बोरिया मजूमदार की किताब 'इलेवन गॉड्स एंड बिलियन इंडियंस' के लांचिंग कार्यक्रम के दौरान कहा, 'मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआइ ने टेस्ट क्रिकेट का उस तरह से प्रचार और प्रसार किया जैसा कि उसने वनडे और टी-20 के मामले में किया। मुझे वेस्टइंडीज के खिलाफ (2011 में) ईडन गार्डेंस पर खेला गया टेस्ट मैच याद है। भारत पहले दिन बल्लेबाजी कर रहा था और सिर्फ 1000 लोग स्टेडियम में थे। कल्पना करो कि वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण खेल रहे हों और केवल 1000 दर्शक मौजूद हों।
ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट दूसरी श्रेणी के शहरों में आयोजित किया जाना चाहिए, लेकिन गंभीर को यह समाधान नहीं लगता। भारत की तरफ से 58 टेस्ट और 147 वनडे खेलने वाले गंभीर ने कहा, 'मैं नहीं जानता, लेकिन कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है। हो सकता है कि उन्हें टी-20 और वनडे में कटौती करनी पड़े।
भारत को 27 जून से शुरू होने वाले आगामी इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले तीन टी-20 और तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलनी हैं। आइसीसी के साल के सर्वश्रेष्ठ श्रेष्ठ बल्लेबाज रह चुके गंभीर को लगता है कि टेस्ट मैचों से पहले सीमित ओवरों के मैच खेलने से कुछ मदद मिल सकती है। दो बार के आइपीएल खिताब विजेता कप्तान गंभीर ने कहा, 'सफेद गेंद से क्रिकेट खेलना टेस्ट क्रिकेट में लाल ड्यूक गेंद से खेलने से बिलकुल अलग है। तीन टी-20 और तीन वनडे इस बात के संकेत नहीं देंगे कि आप टेस्ट के लिए कितने तैयार हैं।