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टीम इंडिया को यही दोस्ती पड़ गई भारी, अब क्या होगा?

बुधवार को कोच्चि में दुनिया की नंबर 8 पर मौजूद वनडे टीम वेस्टइंडीज ने शीर्ष पर मौजूद भारतीय टीम को जिस अंदाज में 124 रनों

By Edited By: Published: Thu, 09 Oct 2014 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 09 Oct 2014 10:02 AM (IST)
टीम इंडिया को यही दोस्ती पड़ गई भारी, अब क्या होगा?

(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। बुधवार को कोच्चि में दुनिया की नंबर 8 पर मौजूद वनडे टीम वेस्टइंडीज ने शीर्ष पर मौजूद भारतीय टीम को जिस अंदाज में 124 रनों से करारी शिकस्त दी उसने सभी की आंखें खोल दी हैं। यूं तो इस शर्मनाक हार के कई कारण गिनाए जाएंगे लेकिन एक हकीकत ऐसी है जिसको सुधारना अब शायद बीसीसीआइ या भारतीय क्रिकेट के लिए आसान नहीं होने वाला। क्या है ये हकीकत, आइए जानते हैं।

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- ये कैसी दोस्ती?:

शोले फिल्म का वो गाना 'ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे' बेशक काफी लुभावना लगता हो लेकिन मैदान पर प्रतिद्वंद्वी टीमों के सामने ये काम नहीं आता। पैसा कमाने के चक्कर में बीसीसीआइ ने जाने-अंजाने भारतीय क्रिकेट को वो घाव दे दिया है जिसका सुधरना शायद अब आसान नहीं होगा। हम बात कर रहे हैं आइपीएल की। ये टी20 टूर्नामेंट बेशक युवा खिलाड़ियों को मौका देता आया है, बेशक इस टूर्नामेंट ने कई नई प्रतिभाओं को अपना जलवा दिखाने का मंच दिया लेकिन एक हकीकत ये भी है कि विदेशी खिलाड़ियों से आइपीएल और चैंपियंस लीग का स्तर बढ़ाने के चक्कर में हमने उन्हें भारतीय हालातों को बेहतर समझने में मदद कर दी है। एक समय था जब कोई भी विदेशी टीम भारत में खेलने से घबराती थी लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है और कल के मुकाबले में भी यही देखने को मिला। खिलाड़ी, कमेंटेटर और टीम के नए डायरेक्टर रवि शास्त्री भी ये राग अलापते रहे कि आइपीएल ने क्रिकेट में नई जान फूंक दी है लेकिन क्या किसी ने दूसरा पहलु देखा?

- रवि शास्त्री का वो बयानः

टीम इंडिया के नए डायरेक्टर रवि शास्त्री ने अभी दो ही दिन पहले कोच्चि वनडे से पहले काफी बड़बोले शब्द कह थे। उन्होंने कहा था कि टी20 क्रिकेट और आइपीएल जैसे टूर्नामेंट ही वो वजह है जिस वजह से टेस्ट और वनडे क्रिकेट में जान बाकी है। गावस्कर जैसे कई दिग्गजों ने कमेंट्री के दौरान जब-जब भारतीय खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के साथ हल्के मूड में देखा तो हर बार उन्होंने खुशी से इस बात का जिक्र किया कि खिलाड़ियों के बीच की ये दोस्ती आइपीएल की ही देन है लेकिन जैसे-जैसे ये मैच बीता, वैसे-वैसे हकीकत सामने आती गई।

- ये हैं हैरान करने वाली बातेंः

जिन टीम इंडिया के खिलाड़ियों को हम आइपीएल व चैंपियंस लीग की फॉर्म की वजह से सिर आंखों पर बिठाते रहे, उन्होंनेे ही भारतीय टीम की आंखें खोल दीं। कल भारतीय पारी के 17वें ओवर में जब सबसे इन फॉर्म बल्लेबाज व हाल की चैंपियंस लीग में दो शतक जड़ने वाले सुरेश रैना पिच पर आए तो लगा 322 का लक्ष्य भी पूरा हो सकता है लेकिन वो पहली ही गेंद पर आउट हो गए और उन्हें आउट करने वाले थे उन्हीं की आइपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ ड्वेन ब्रावो। ये खिलाड़ी अब नेट्स पर इतने सालों से करीब रहकर खेले हैं कि जाहिर तौर पर अब कैरेबियाई खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों व पिचों के सारे राज जान चुके हैं। इसके अलावा वेस्टइंडीज की पारी की धुआंधार शुरूआत करने वाले ड्वेन स्मिथ (46 रन) हों या फिर मैच में शतक जड़ने वाले (नाबाद 126 रन) मार्लन सैमुअल्स। दोनों को ही अपने करियर में आइपीएल से काफी मदद मिली। जहां स्मिथ ने पहले मुंबई इंडियंस को आइपीएल खिताब दिलाने में मदद की वहीं इस बार उन्होंने चेन्नई को भी चैंपियंस लीग खिताब दिलाने में भूमिका निभाई। वहीं मार्लन सैमुअल्स अपने करियर में लगे प्रतिबंध के जब दोबारा मैदान पर लौटे थे तो दो साल पहले इसी आइपीएल ने काफी हद तक उनकी वापसी का डंका पीटा था। वैसे सिर्फ यही दोनों नहीं, कल की कैरेबियाई टीम में तकरीबन सात खिलाड़ी ऐसे थे जो हाल में आइपीएल से ही स्टार बने हैं। अब शायद आने वाले दिनों में यही टीम इंडिया को भारी भी पड़ने वाला है।

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