बांग्लादेश के खिलाफ मिली जीत से भारत को मिली बड़ी सीख, बाहर हो सकते हैं कई खिलाड़ी
India vs Bangladesh T20 Series बांग्लादेश के खिलाफ भारत को सीरीज में जीत जरूर मिल गई लेकिन अभी भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। India vs Bangladesh T20I Series: अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20 विश्व कप की तैयारियों के मद्देनजर टीम इंडिया अनुभवी खिलाड़ियों की जगह युवाओं को मौका दे रही है। अब तक कई T20 मैच खेले जा चुके हैं, लेकिन भारत की 15 सदस्यीय टीम में एक नाम जो युवा गेंदबाज के तौर पर तय है वह तेज गेंदबाज दीपक चाहर का नाम है।
रविवार को नागपुर के विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में जब बांग्लादेशी बल्लेबाजों के लगातार आक्रामक खेल के बाद कप्तान रोहित शर्मा के सिर पर अपनी कप्तानी में पहली सीरीज हारने का डर सता रहा था। उनके चेहरे पर शिकन साफ थी। आइपीएल में सबसे ज्यादा खिताब जीतने वाले कप्तान रोहित को उस समय उनकी सबसे बड़ी विरोधी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के सबसे कामयाब गेंदबाज चाहर का सहारा मिला।
दीपक चाहर ने अकेले दम पर ही बांग्लादेशी बल्लेबाजों को अपनी स्विंग की करामात दिखाकर भारतीय टीम को 30 रनों से जीत दिला दी। भारतीय टीम ने मिडिल ऑर्डर बैट्समैन श्रेयस अय्यर (62) और केएल राहुल (52) की पारियों के दम पर 20 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 174 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को 19.2 ओवर में 144 रनों पर समेट कर मैच और सीरीज दोनों अपने नाम कर ली।
स्विंग के सौदागर दीपक का कमाल
175 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश के शुरुआती क्रम को स्विंग के नए सौदागर दीपक चाहर ने नेस्तोनाबूत कर दिया। चाहर ने शुरुआती तीन ओवर के अंदर ही लिटन दास (09) और सौम्य सरकार (00) के विकेट निकालकर मेहमान टीम को मुश्किल में डाल दिया। इसके बाद मुहम्मद मिथुन (27) और मुहम्मद नईम (81) की जोड़ी खतरनाक दिख होती दिखी। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 98 रनों की साझेदारी करके बांग्लादेश की मैच में वापसी करा दी।
इस साझेदारी को तोड़ने में दीपक ही काम आए और उन्होंने मिथुन को चलता करके मेहमान टीम को चौथा तीसरा झटका दिया। दीपक यहीं नहीं रुकने वाले थे। धौनी की सेना के युवा शागिर्द दीपक ने अंतिम ओवरों में अमिनुल इस्लाम (09), शैफुल इस्लाम (04) और मुस्तफिजुर रहमान (01) के विकेट निकालकर अपने छह विकेट पूरे कर लिए। दीपक ने मात्र सात रन देकर छह विकेट पूरे किए। इसमें एक शानदार और ऐतिहासिक हैट्रिक भी शामिल रही।
शिवम दुबे का कमाल
मेजबान टीम दिल्ली की हार को भूली नहीं थी, जहां अनुभवी बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम ने कमाल की बल्लेबाजी करके मैच जिताया था, लेकिन नागपुर में युवा ऑलराउंडर शिवम दुबे ने उन्हें पहली ही गेंद पर पवेलियन भेजकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया। इसके बाद अपने अगले ही ओवर में दुबे ने खतरनाक दिख रहे बल्लेबाज नईम और अफिफ हुसैन को आउट करके बांग्लादेश की जीत की उम्मीदें खत्म कर दी।
हालांकि, बल्लेबाजी में शिवम दुबे अपने हाथ नहीं दिखा पाए। हार्दिक पांड्या की जगह बतौर ऑलराउंडर टीम का हिस्सा बने शिवम दुबे को अभी कुछ और मैच खेलने का मौका मिल सकता है। पहली बार कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा किया था कि उनसे 4 ओवर कराए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल 2.3 ओवर करने वाले दुबे ने इस मैच में 4 ओवर कराए और दो विकेट चटकाए।
रोहित शर्मा हुए फ्लॉप
इससे पहले, बांग्लादेश के कप्तान महमूदुल्लाह ने टॉस जीतकर भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया। पिछले मैच में आतिशी पारी खेलने वाले रोहित शर्मा (02) से एक बार फिर नागपुर के दर्शकों को ऐसी ही पारी की उम्मीद थी। इससे पहले की रोहित ऐसा कुछ दोबारा कर पाते पारी के दूसरे ओवर में ही शैफुल इस्लाम ने उन्हें बोल्ड करके चलता कर दिया। रोहित के जल्द आउट होने पर बांग्लादेशी खिलाडि़यों में जबरदस्त खुशी थी, क्योंकि उनकी इस विकेट के साथ भारत के खिलाफ पहली टी-20 सीरीज जीतने की उम्मीदें भी बढ़ गई थी।
राहुल ने कराई वापसी, धवन फ्लॉप
रोहित के आउट होने के बाद पूरा दारोमदार शिखर धवन (19) और राहुल पर था। धवन को दिल्ली और राजकोट में खेले गए पहले दो टी-20 मुकाबलों में धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस बार भी दिल्ली के बल्लेबाज धवन रनों की गति को नहीं सुधार सके। धवन 16 गेंद में सिर्फ 19 रन बना सके और शैफुल की गेंद पर सीमा पार भेजने के चक्कर में कैच आउट हो गए।
दूसरी ओर राहुल, विराट कोहली की अनुपस्थिति में नंबर तीन के स्थान पर भरोसेमंद बल्लेबाजी करते दिखे। हालांकि, राहुल अपनी पारी में कोई छक्का नहीं लगा सके, लेकिन 35 गेंद में 52 रनों की उनकी पारी ने भारतीय टीम को मैच में वापसी करा दी। अल अमीन हुसैन ने जिस वक्त राहुल को पवेलियन भेजा उस वक्त टीम का स्कोर 94 रन था।
पंत का क्या करें?
अब टीम प्रबंधन समेत पूरी टीम के जहन में यह सवाल घर कर गया है कि आखिर रिषभ पंत (06) का क्या किया जाए। टेस्ट में तो पंत को बेंच पर बैठा दिया गया है, लेकिन टी-20 में उनके आक्रामक खेल को देखते हुए एक बार फिर इस सीरीज में उन्हें संजू सैमसन पर तरजीह दी गई। नतीजा एक बार फिर यही रहा कि वह दबाव में खुद को संभाल नहीं सके।
टीम के लिए जिस वक्त दूसरे छोर पर अय्यर रनों की बरसात कर रहे थे। उस वक्त पंत गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए। पंत के लिए अच्छा यह होगा कि उन्हें आगामी टेस्ट सीरीज में बेंच पर बैठाने की जगह टीम से रिलीज कर दिया जाए। जिससे वह सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में खेलकर अपने खोए आत्मविश्वास को पा सकें।
श्रेयस ने पक्की की टीम में जगह
रविवार के मुकाबले में जिस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी में छाप छोड़ी, वह अय्यर ही थे। अय्यर ने अपने घरेलू क्रिकेट के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए खूब रन बटोरे। अफिफ हुसैन के पहले ओवर में उन्होंने लगातार तीन छक्के जड़कर यह साबित भी कर दिया कि आगामी टी-20 विश्व कप में वह टीम के लिए सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बनने जा रहे हैं।
दाएं बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने मात्र 33 गेंद में तीन चौके और पांच छक्कों की मदद से 62 रनों की शानदार पारी खेली और टीम के स्कोर को 150 के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। यह उनके टी-20 करियर का पहला अर्धशतक भी रहा। हालांकि अय्यर सौम्य सरकार की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में पवेलियन लौट गए।
पांडे ने बड़ा स्कोर दिलाया
सीरीज का पहला मुकाबला खेल रहे कर्नाटक के अनुभवी बल्लेबाज मनीष पांडे ने मिले मौके को भुनाते हुए स्लॉग ओवरों में दमदार शॉट खेले। मात्र 13 गेंद में नाबाद 22 रन बनाने वाले मनीष पांडे ने अपनी पारी में तीन चौके लगाए। शिवम दुबे के साथ उन्होंने पारी को अंजाम तक पहुंचाया।
अच्छे गेंदबाजों की कमी
जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति में केवल दीपक चाहर ही तेज गेंदबाज के रूप में उभर कर सामने आए हैं। खलील अहमद इस सीरीज में भी फ्लॉप साबित रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भुवी और बुमराह के लौटने के बाद इन सभी गेंदबाजों पर भरोसा किया जाएगा या फिर दीपक चाहर इन गेंदबाजों का साथ देंगे।