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कप्तान विराट कोहली के भरोसे भारतीय क्रिकेट टीम, नहीं है ये अच्छा संकेत

विराट ने इस टेस्ट सीरीज में अब तक 544 रन बनाए हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 10:31 AM (IST)
कप्तान विराट कोहली के भरोसे भारतीय क्रिकेट टीम, नहीं है ये अच्छा संकेत
कप्तान विराट कोहली के भरोसे भारतीय क्रिकेट टीम, नहीं है ये अच्छा संकेत

अभिषेक त्रिपाठी, साउथैंप्टन। कोई भी टीम सिर्फ एक खिलाड़ी के भरोसे विदेश में सीरीज नहीं जीत सकती और ऐसा ही भारतीय क्रिकेट टीम के साथ हो रहा है। इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत पर 3-1 से अजेय बढ़त ले ली है और इसका सबसे बड़ा कारण टीम इंडिया का विराट कोहली पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होना है। इससे पहले टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका में भी तीन मैचों की सीरीज में 1-2 से पराजय का सामना करना पड़ा था। दोनों सीरीज में विराट दोनों ही टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इंग्लैंड में चल रही सीरीज में उन्होंने दो शतक के साथ 544 रन बनाए हैं। दोनों ही टीमों में ऐसा और कोई नहीं कर पाया है। विराट इस समय भारत ही नहीं, दुनिया के नंबर-एक बल्लेबाज हैं। उन्होंने सीरीज के चार मैच में 68.00 के औसत से रन बनाए हैं, लेकिन टीम का कोई भी और बल्लेबाज 250 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सका है। कोहली पर इस निर्भरता ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया, बल्कि दूसरी टीम को यह भरोसा भी दिया कि भारतीय बल्लेबाजी कमजोर है।

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वहीं, इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज में भारतीय कप्तान विराट ने एक शतक के साथ सबसे ज्यादा 286 रन बनाए थे। उनके अलावा इस सीरीज में दोनों ही टीमों का कोई बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया था, लेकिन फिर भी दोनों ही सीरीज में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके अलावा टीम इंडिया में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं है जिसने निरंतरता दिखाई। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीकी टीम में विराट जैसा प्रदर्शन किसी ने नहीं किया, लेकिन सामूहिक प्रयास से उनकी टीम सीरीज जीतने में सफल रही।

ओपनर से लेकर मध्य क्रम तक फेल : अगर वर्तमान दौरे की बात की जाए तो भारत ने अच्छी शुरुआत की। विराट ने पहले ही मैच में शतक मारा, लेकिन बाकी कोई बल्लेबाज चल नहीं पाया। विराट का पिछला इंग्लैंड दौरा खराब रहा था, लेकिन उन्होंने अपनी तकनीक में सुधार करते हुए गजब का प्रदर्शन किया। वहीं, ओपनर शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, मध्य क्रम में दिनेश कार्तिक, रिषभ पंत, हार्दिक पांड्या जरूरी सहयोग भी नहीं दे पाए। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे भी इस सीरीज में कुछ उपयोगी पारी खेल पाए। ऐसा ही कुछ दक्षिण अफ्रीका में हुआ था जहां विराट ने अकेले दम तीन मैचों में 286 रन बनाए थे तो उनके बाद हार्दिक पांड्या (119), मुरली विजय (102) और भुवनेश्वर कुमार (101) का नंबर था। अब इस बल्लेबाजी लाइन अप से कैसे मैच जीत सकते हैं। यह अब विराट को भी समझना होगा और अगले मैच में कठिन फैसले लेने होंगे।

ओपनिंग बड़ी समस्या : भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर भारत की ओपनिंग बड़ी समस्या है। विराट की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टीम इंडिया ने ओपनर के तौर पर मुरली विजय, शिखर धवन और केएल राहुल को खिलाया, लेकिन ये तीनों बुरी तरह फेल हुए। दक्षिण अफ्रीका में विजय 17 के औसत से 102 तो धवन एक मैच में 16 के औसत से 32 रन बना पाए थे। राहुल ने दो मैच में 7.5 के औसत से 30 रन बनाए थे। हालत यह थी कि राहुल और धवन जैसे भारतीय ओपनरों से ज्यादा रन भुवी, फिलैंडर, कैगिसो रबादा, केशव महाराज और मुहम्मद शमी ने बनाए थे। यह समस्या इंग्लैंड में भी बरकरार है। इस सीरीज में दो मैच खेलने वाले मुरली विजय सिर्फ 26 रन बना सके और दो बार शून्य पर आउट हुए। उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया है। राहुल ने तीन मैचों में ओपनिंग की और बर्मिघम टेस्ट में तीसरे नंबर पर उतरे। उन्होंने चार मैचों में 14.12 के औसत से 113 रन बनाए। धवन का प्रदर्शन भी ओपनर के स्तर का नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब भारत के ओपनर विदेशी दौरों पर पिछले सात मैचों में एक अर्धशतक नहीं लगा सकते तो उन्हें खिलाने का क्या मतलब?

तकनीक के मामले में पूरी तरह फेल : वर्तमान भारतीय टीम में विराट के अलावा पुजारा और रहाणे ऐसे बल्लेबाज हैं जो तकनीक से समृद्ध हैं। इसके अलावा इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर खेलने लायक कोई बल्लेबाज नहीं है। हिलती हुई गेंदों के सामने धवन का हिलना बदस्तूर जारी है। साउथैंप्टन में भी वह वैसे ही आउट हुए। पिच पर उछाल और स्विंग के सामने इनका डर जगजाहिर है। राहुल अभी भी टी-20 व वनडे बल्लेबाज की छवि से बाहर नहीं आ पाए हैं। स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर वह दूसरी पारी में जिस तरह आउट हुए उसने उनकी क्षमता पर सवाल उठा दिए हैं। विजय को तकनीक वाला बल्लेबाज माना जाता था, लेकिन वह भी फेल साबित हुए। इनसे अच्छी तकनीक से तो रविचंद्रन अश्विन ने बल्लेबाजी की।

नंबर गेम :

-00 अर्धशतक या शतक भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पिछले सात टेस्ट मैचों की 14 पारियों में भारतीय ओपनरों ने लगाए हैं

-544 रन विराट कोहली ने सबसे ज्यादा इंग्लैंड में तो 286 रन दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर बनाए, लेकिन दोनों जगह टीम को हार का सामना करना पड़ा

इंग्लैंड दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन

बल्लेबाज, मैच, पारी, रन, उच्चतम, औसत, शतक, अर्धशतक

विराट कोहली, 4, 8, 544, 149, 68.00, 2, 3

चेतेश्वर पुजारा, 3, 6, 241, 132*, 48.20, 1, 1

अजिंक्य रहाणे, 4, 8, 220, 81, 27.50, 0, 2

हार्दिक पांड्या, 4, 8, 164, 52*, 23.42, 0, 1

शिखर धवन, 3, 6, 158, 44, 26.33, 0, 0

रविचंद्रन अश्विन, 4, 8, 126, 33*, 21.00, 0, 0

केएल राहुल, 4, 8, 113, 36, 14.12, 0, 0

पिछले दक्षिण अफ्रीकी दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन

बल्लेबाज, मैच, पारी, रन, उच्चतम, औसत, शतक, अर्धशतक

विराट कोहली, 3, 6, 286, 153, 47.66, 1, 1

हार्दिक पांड्या, 3, 6, 119, 19.83, 0, 1

मुरली विजय, 3, 6, 102, 46, 17.00, 0, 0

भुवनेश्वर कुमार, 2, 4, 101, 33, 33.66, 0, 0

चेतेश्वर पुजारा, 3, 6, 100, 50, 16.66, 0, 1

रविचंद्रन अश्विन, 2, 4, 90, 38, 22.50, 0, 0

रोहित शर्मा, 2, 4, 78, 47, 19.50, 0, 0


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