सीरीज में बने रहने के लिए टीम इंडिया को दिखाना होगा दमखम
लगातार दो हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में बने रहने के लिए शनिवार को होने वाले तीसरे वनडे मैच को हर हालत में जीतना होगा और उसके लिए सही टीम संयोजन को उतारना जरूरी है।
ऑकलैंड। लगातार दो हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में बने रहने के लिए शनिवार को होने वाले तीसरे वनडे मैच को हर हालत में जीतना होगा और उसके लिए सही टीम संयोजन को उतारना जरूरी है।
पहले दो मैच हारकर नंबर वन रैंक गंवाने वाली भारतीय टीम शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के हारने के कारण फिर से सर्वोच्च पायदान पर पहुंच गई है। दोबारा आइसीसी रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंची भारतीय टीम अगर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा वनडे हारती है तो फिर से उसके ताज को खतरा हो सकता है। यही नहीं पांच मैचों की सीरीज में बने रहने का यह उसके पास आखिरी मौका है। यदि भारत यह मैच नहीं जीत पाता है तो उपमहाद्वीप के बाहर दक्षिण अफ्रीका के हाथों सीरीज हारने के बाद यह उसकी लगातार दूसरी शिकस्त होगी। भारत को नेपियर में पहले वनडे में 24 रन से पराजय झेलनी पड़ी, जबकि हैमिल्टन में दूसरा वनडे डकवर्थ लुईस प्रणाली के आधार पर उसने 15 रन से गंवाया। धौनी एंड कंपनी ने उपमहाद्वीप के बाहर पिछले पांच में से चार वनडे गंवाए हैं। इससे विदेशी पिचों पर भारतीयों की कई कमजोरियां उजागर हुई हैं। आर अश्विन को दोनों मैचों में एक भी विकेट नहीं मिला, लेकिन दोष अकेले उन्हीं का नहीं है। धौनी अपने मुख्य गेंदबाजों से छोटे स्पेल कराते हैं और उनसे पावरप्ले व डेथ ओवरों में भी गेंदबाजी कराई जाती है। बीच के ओवरों में विकेट लेने की बजाय बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने की भारत की रणनीति नाकाम रही है, क्योंकि 35वें ओवर से पहले अधिक विकेट गिरे ही नहीं हैं। नेपियर में 35 ओवर से पहले सिर्फ तीन विकेट गिरे। हैमिल्टन में भी हालात ऐसे ही थे। अश्विन ने पिछले पांच मैचों में 5.89 की औसत से रन दिए हैं, जबकि ईशांत शर्मा (छह विकेट) ने चार मैचों में 6.12 प्रति ओवर की दर से रन लुटाए। रवींद्र जडेजा ने छह रन प्रति ओवर के हिसाब से रन दिए और भुवनेश्वर कुमार का औसत तीन मैचों में 5.73 प्रति ओवर रहा है। मुहम्मद शमी ने 6.70 प्रति ओवर के हिसाब से रन दिए। ईडन पार्क मैदान का छोटा आकार भारतीय बल्लेबाजों के लिए खुशी की बात होनी चाहिए लेकिन सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और रोहित शर्मा टीम को अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रहे हैं।
रोहित खुलकर खेल पाने में नाकाम रहे हैं, चूंकि तेज गेंदबाजों के अनुकूल हालात में नई गेंद पारी की शुरुआत में उन्हें परेशान करती रही है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में उछाल से परेशान रहे धवन यहां गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे। पिछले साल 22 मैचों में 1247 रन जोड़ने वाली इस जोड़ी के उपमहाद्वीप के बाहर नाकाम रहने से कई सवाल उठने लगे हैं। चौथे नंबर पर अजिंक्य रहाणे ने दूसरे वनडे में विराट कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 90 रन जोड़े। यह बड़ा स्कोर तो नहीं है, लेकिन भारतीय खेमे ने राहत ली होगी कि कोहली और धौनी के अलावा किसी और ने भी रन बनाए हैं।
दक्षिण अफ्रीकी दौरे के बाद युवराज सिंह को बाहर किये जाने से सुरेश रैना पर काफी दबाव था और वह बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं। शुक्रवार को नेट पर बल्लेबाजी करते हुए रैना अपने बायें हाथ में चोट लगवा बैठे जिसके बाद उन्हें बर्फ के पैक लगाने पड़े। टीम मैनेजर डा. आरएन बाबा ने कहा कि रैना ठीक हैं और उनके खेलने पर फैसला मैच से पहले किया जाएगा। धौनी को इस अहम मैच के लिए अपनी अंतिम एकादश पर पुनर्विचार करना होगा। अंबाती रायुडू, स्टुअर्ट बिन्नी, अमित मिश्रा, ईश्वर पांडे और वरुण एरोन अभी तक एक भी मैच नहीं खेल सके हैं लिहाजा टीम प्रबंधन उन्हें मौका दे सकता है। दूसरी ओर न्यूजीलैंड का इरादा तीसरा मैच जीतकर सीरीज अपने नाम करने का होगा। ईडन पार्क की पिच पर तेज गेंदबाज हामिश बैनेट का कीवी टीम में रहना तय है। पिच क्यूरेटर ब्लेयर क्रिस्टियनसेन ने कहा है कि विकेट तेज और उछालभरी होगी, जिससे गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को मदद मिलेगी।
टीमें : भारत-एमएस धौनी (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, स्टुअर्ट बिन्नी, रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, ईश्वर पांडे, वरुण एरोन, अमित मिश्रा।
न्यूजीलैंड : ब्रैंडन मैकुलम (कप्तान), कोरे एंडरसन, मार्टिन गुप्टिल, मिशेल मैक्लीनेगन, नाथन मैकुलम, काइल मिल्स, जेम्स नीशाम, ल्यूक रोंची, जेसी राइडर, टिम साउथी, रॉस टेलर, केन विलियमसन, हामिश बैनेट।
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