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टी-20 विश्व कप: ज्यादा मैचों की मेजबानी को लेकर बीसीसीआइ अध्यक्ष और सचिव उलझे

आइसीसी टी-20 विश्व कप में सिर्फ दो केंद्रों नागपुर और धर्मशाला को लगभग आधे मैचों (35 में से 17) की मेजबानी सौंपी जाने को लेकर ‍बीसीसीआइ के अंदर खलबली मच गई है। भारत में इस टूर्नामेंट का आयोजन अगले वर्ष 8 मार्च से 3 अप्रैल के बीच होना है और

By sanjay savernEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2015 03:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2015 06:49 PM (IST)
टी-20 विश्व कप: ज्यादा मैचों की मेजबानी को लेकर बीसीसीआइ अध्यक्ष और सचिव उलझे

मुंबई। आइसीसी टी-20 विश्व कप में सिर्फ दो केंद्रों नागपुर और धर्मशाला को लगभग आधे मैचों (35 में से 17) की मेजबानी सौंपी जाने को लेकर बीसीसीआइ के अंदर खलबली मच गई है। भारत में इस टूर्नामेंट का आयोजन अगले वर्ष 8 मार्च से 3 अप्रैल के बीच होना है और मैचों के आवंटन में बोर्ड अध्यक्ष और सचिव के केंद्रों का दबदबा रहा है।

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इस टी-20 विश्व कप में पुरुषों के वर्ग में कुल 35 मैच खेले जाएंगे जिनमें से सबसे ज्यादा 9 मैचों के आयोजन की जिम्मेदारी नागपुर को दी गई है। नागपुर बीसीसीआइ तथा आइसीसी के प्रमुख शशांक मनोहर का गृहनगर है। इसी तरह धर्मशाला को 8 मैचों का आयोजन सौंपा गया है। गौरतलब है कि धर्मशाला बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर का गृहनगर है। इन आठ मैचों में भारत और पाकिस्तान के बीच 19 मार्च को होने वाला महत्वपूर्ण मैच भी शामिल है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार विश्व कप के मैच कुल सात जगहों पर आयोजित किए जाने है। नागपुर और धर्मशाला में 17 मैच होंगे जबकि अन्य 5 केंद्रों पर कुल 18 मैचों का आयोजन होना है। विश्व कप का खिताबी मुकाबला ईडन गार्डंस में खेला जाएगा।

देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन 20 शहरों में होता रहा है, लेकिन इस टूर्नामेंट के लिए सिर्फ 7 शहरों का चयन किया गया। हैरत की बात यह है कि भारत-पाकिस्तान जैसे महत्वपूर्ण मैच का दायित्व धर्मशाला को दिया गया जिसकी दर्शक क्षमता मात्र 23 हजार है। इस महत्वपूर्ण मैच को महाराष्ट्र के बाहर उत्तर या दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में करवाया जा सकता था जहां दर्शक क्षमता 40-50 हजार रहती तो ज्यादा दर्शक इससे लाभान्वित होते। महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा पाकिस्तानी टीम के विरोध के चलते इसका आयोजन वहां नहीं करने का निर्णय लिया गया।

बीसीसीआइ ने कुछ समय पहले 6 नए केंद्रों को टेस्ट दर्जा प्रदान किया, लेकिन इनमें से सिर्फ धर्मशाला को विश्व कप के 8 मैचों की जिम्मेदारी दी गई, जबकि पुणे, राजकोट, इंदौर, रांची और विशाखापत्तनम को एक भी मैच नहीं दिया गया। चेन्नई सबसे पुराने केंद्रों में से एक है, लेकिन तीन खाली स्टैंड्स की वजह से उसे विश्व कप में पुरुष वर्ग के मैच नहीं दिए गए। चेन्नई में महिला वर्ग के चार मैच होंगे।

इस संबंध में पूछे जाने पर बीसीसीआइ उपाध्यक्ष और टूर प्रोग्राम एंड फिक्चर्स कमेटी के चेयरमैन जी. गंगाराजन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे मामले की पूरी जानकरी लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त कर पाएंगे।

आइसीसी की तरफ से बीसीसीआइ को विश्व कप में पुरुष वर्ग के मैचों के लिए 55.2 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 35 मैचों के लिहाज से हर मैच के लिए 1.6 करोड़ रुपए मिलेंगे। बीसीसीआइ विश्व कप के हर मैच स्थल को गेट मनी प्रदान करेगी, जो हर मैच में 2-3 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। छोटे से छोटे केंद्र पर भी यह हर मैच में कम से कम 1 करोड़ रुपए हो सकती है। इस लिहाज से धर्मशाला को कम से कम 8 करोड़ की आय होगी। बीसीसीआइ के कई सदस्यों ने इस तरह दो केंद्रों को करीब आधे मैचों की मेजबानी सौंपने का विरोध किया है, लेकिन खुलकर अभी कोई सामने नहीं आ रहा है।

विश्व कप में पुरुष वर्ग के मैच : कुल मैच : 35, नागपुर : 9, धर्मशाला : 8, मुंबई 4 (एक सेमीफाइनल शामिल), कोलकाता 4 (फाइनल समेत), दिल्ली 4 (सेमीफाइनल शामिल), मोहाली 3, बेंगलुरू 3 मैच।

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