T20 world cup 2021: पिचों को 'जिंदा' रखने के लिए की गई खास तैयारी, टूर्नामेंट बीतने के साथ बल्लेबाजों को मिलेगी खूब मदद
T20WC 2021 आयोजकों ने कार्यक्रम इस तरह बनाया और पिचों का इस्तेमाल ऐसे किया जा रहा है कि आइपीएल और विश्व कप के बीच जिस पिच पर मैच खेला जाए उसमें कम से कम दो सप्ताह का अंतर हो। जैसे दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में नौ पिचें हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, दुबई। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 31 मैचों के बाद मस्कट और संयुक्त अरब अमीरात में टी-20 विश्व कप के 45 मैच आयोजित हो रहे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा था कि पिचें धीमी हो जाएंगी और इस पर रन बनाना मुश्किल हो जाएगा। आइपीएल के आखिर में कुछ मैचों में ऐसा दिखाई भी देने लगा था, लेकिन टी-20 विश्व कप में ऐसा नहीं हुआ है और उसका कारण है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने पिच को लेकर एक खास रणनीति बनाई थी जो अब तक बढ़िया काम कर रही है।
क्या थी रणनीति : जब कोरोना के कारण पहले आइपीएल और बाद में विश्व कप भारत की जगह यूएई में होना तय हुआ तब से ही इस रणनीति पर काम किया जाने लगा कि दो महीनों में तीन आयोजन स्थल में 70 मैच आयोजित करने के बावजूद पिचों को जिंदा कैसे रखा जाए। कुल 76 में से छह क्वालीफायर मैच मस्कट में हुए, जबकि बाकी 70 मैच यूएई के तीन अमीरात दुबई, शारजाह और अबूधाबी में आयोजित हो रहे हैं। आयोजकों ने कार्यक्रम इस तरह बनाया और पिचों का इस्तेमाल ऐसे किया जा रहा है कि आइपीएल और विश्व कप के बीच जिस पिच पर मैच खेला जाए उसमें कम से कम दो सप्ताह का अंतर हो। जैसे दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में नौ पिचें हैं।
हालांकि सबसे किनारे की दो पिचों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मैचों में कम ही करते हैं क्योंकि उससे एक तरफ की बाउंड्री बहुत ज्यादा छोटी हो जाती है। जैसे 15 अक्टूबर को आइपीएल फाइनल दुबई की सेंट्रल पिच पर खेला गया। इसके बाद क्वालीफायर मस्कट, अबूधाबी और शारजाह में हुए। अभ्यास मैच भी दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की जगह पास में ही स्थित आइसीसी क्रिकेट अकादमी के मैदान में किए गए। आइपीएल के बाद 23 अक्टूबर को दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में इंग्लैंड वेस्टइंडीज का मैच खेला गया। यह किनारे की उस पिच पर खेला गया जिस पर करीब दो सप्ताह पहले आइपीएल का मैच हुआ था।
पानी का रहा अहम किरदार : रेगिस्तान में पानी का किरदार हमेशा अहम रहता है। यूएई में दिन में जला देने वाली धूप होती है और इस कारण पिच के सूखने और टूटने का खतरा बना रहता है, लेकिन आइसीसी के पिच क्यूरेटर आइपीएल और टी-20 विश्व कप में पिचों पर हैवी वाटरिंग (ज्यादा पानी) कर रहे थे। जब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के मैच के दौरान स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन किया तो लग रहा था कि अगले दिन भारत और पाकिस्तान के मैच में भी ऐसा होगा क्योंकि वह मैच भी उसी पिच पर होना था, लेकिन इंग्लैंड-वेस्टइंडीज मैच के बाद ही पिच के पैच शानदार तरीके से रिपेयर किए गए। गेंदबाजों के पैरों के निशान वाली जगह पर अच्छा काम किया गया। पिच के बीच वाले हिस्से में औसत और दोनों छोर पर ज्यादा पानी डाला गया। रात में जब हम देख रहे थे तो लग ही नहीं रहा था कि इतना पानी डालने के बाद अगले दिन पर इस पर मैच होगा, लेकिन यहां के क्यूरेटर को पता है कि अगले दिन यहां इतनी धूप पड़ेगी कि ज्यादा पानी डालने से पिच अच्छी होगी। नमी सूख जाएगी, पिच बंधी रहेगी और चमकेगी।
रोलिंग भी बढ़िया गई : यहां के एक सूत्र ने बताया कि आइपीएल से ही हम पिच पर हल्की रोलिंग कर रहे हैं जिससे वह बंधी रहे। हैवी रोलिंग नहीं कर रहे क्योंकि उससे पिच के टूटने और दरार आने का खतरा बना रहता है। ज्यादा पानी डाल रहे जिससे पिच बंधी रहे, सूखे नहीं। सही समय पर धूप दी जा रही है। अगर हम आइपीएल के समय ही पिच को ड्राई कर देते तो पिच अब तक फुस्स हो जाती। यही कारण था कि आइपीएल के दौरान कुछ पिचें भूरी दिखाई दे रही थीं और अब वे चमकदार दिख रही हैं, क्योंकि उस समय उन पर काफी पानी दिया गया था। यही कारण था कि आइपीएल में कुछ मैचों में गेंदें रुक कर आ रही थीं। मुझे लगता है कि जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा पिचें बल्लेबाजों के लिए और बेहतर होती जाएंगी।