Move to Jagran APP

आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में जांच समिति के गठन पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने आइपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआइ के निर्वतमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और 12 अन्य क्रिकेटरों के खिलाफ जांच के लिए समिति गठित करने पर मंगंलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

By Edited By: Published: Tue, 29 Apr 2014 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 30 Apr 2014 12:14 AM (IST)
आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में जांच समिति के गठन पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने आइपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआइ के निर्वतमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और 12 अन्य क्रिकेटरों के खिलाफ जांच के लिए समिति गठित करने पर मंगंलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले सुझाव दिया था कि न्यायमूर्ति मुदं्गल समिति ही आगे भी जांच करे, लेकिन बीसीसीआइ और श्रीनिवासन ने इसका विरोध किया है। अदालत ने कहा है कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सही तरीके से गठित जांच समिति आरोपों की विस्तार से तफ्तीश नहीं करती, वह श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ मुदं्गल समिति की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए ही उसने मुदं्गल समिति से आगे की जांच कराने का सुझाव दिया था।

इस बीच मुदं्गल समिति ने शीर्ष अदालत से कहा कि उसे नए सिरे से जांच में कम से कम चार माह लगेंगे। साथ ही समिति में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के पूर्व विशेष निदेशक एमएल शर्मा को शामिल करने का आग्रह भी किया गया।

गत सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के सुझाये गए जांच दल को हितों के टकराव को ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया था, जिसमें पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री, सीबीआइ के पूर्व निदेशक आरके राघवन शामिल थे। बीसीसीआइ ने कहा कि वह राघवन को हटाने को तैयार है, उनकी जगह किसी और को शामिल कर दिया जाएगा, लेकिन जांच बीसीसीआइ की अनुशासनात्मक समिति से ही कराई जानी चाहिए ताकि मामले में गोपनीयता बनी रहे। बीसीसीआइ के वकील ने कहा, यह सामान्य मामला है, इसकी जांच उसे ही करने दी जाए। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'मामला जितना सामान्य दिखाई दे रहा है उतना सामान्य नहीं है। हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज ने जांच के बाद आरोप लगाए हैं।'

सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष अक्टूबर में न्यायाधीश मुदं्गल की अध्यक्षता में आइपीएल-6 मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। इस समिति ने 10 फरवरी को अपनी रिपोर्ट अदालत में सौंप दी थी। खुद मुदं्गल समिति ने अदालत में इस मामले की आगे की विस्तृत जांच की आवश्यकता पर जोर दिया था। इसके बाद बीसीसीआइ की स्वायत्ता बनाए रखने के लिए अदालत ने उसे आगे की जांच के लिए अपना एक पैनल सुझाने को कहा था। हालांकि इस मामले में याचिकाकर्ता क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा की आपत्तियों के बाद अदालत ने मुदं्गल समिति को ही आगे की जांच के लिए कहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.