अब श्रीनिवासन फिर बैठेंगे बीसीसीआइ की शीर्ष कुर्सी पर, रास्ता साफ
आइपीएल में मैच फिक्सिंग मामले की जांच कर रही जस्टिस मुकुल मुद्गल की समिति की 35 पन्नों की रिपोर्ट का कुछ हिस्सा सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सार्वजनिक किया। रिपोर्ट में श्रीनिवासन को बेदाग बताया गया है। हालांकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के मालिक राज कुंद्रा
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। आइपीएल में मैच फिक्सिंग मामले की जांच कर रही जस्टिस मुकुल मुद्गल की समिति की 35 पन्नों की रिपोर्ट का कुछ हिस्सा सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सार्वजनिक किया। रिपोर्ट में श्रीनिवासन को बेदाग बताया गया है। हालांकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के मालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजी में संलिप्त पाया गया है।
श्रीनिवासन ने कहा कि वह मुद्गल समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन पूरी रिपोर्ट पढ़े बिना कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। अब श्रीनिवासन का बीसीसीआइ में वापसी का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है और वह दोबारा अध्यक्ष बनने की तैयारी कर सकते हैं। श्रीनिवासन उन 13 लोगों में शामिल थे, जिनसे आइपीएल फिङ्क्षक्सग मामले की जांच कर रही मुद्गल समिति ने पूछताछ की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने तक श्रीनिवासन को बीसीसीआइ प्रमुख के पद से हटने का निर्देश दिया था।
मंगलवार को होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक में बोर्ड की वाॢषक आम सभा (एजीएम) की नई तारीख तय की जाएगी। पहले एजीएम 20 नवंबर को तय की गई थी, लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में श्रीनिवासन सहित चार अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद उसे टाल दिया गया था। अब एजीएम दिसंबर के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है। एजीएम की आधिकारिक घोषणा सुप्रीम कोर्ट में 24 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई के बाद की जाएगी। श्रीनिवासन भी इस बैठक में तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के अध्यक्ष की हैसियत से शामिल होंगे।
बोर्ड के एक अधिकारी और कार्यकारी समिति के सदस्य ने कहा, 'बैठक में कुछ खास नहीं होने वाला। इसमें भाग लेने वाले ज्यादातर अधिकारी श्रीनिवासन के वफादार हैं। इसके अलावा मुद्गल रिपोर्ट में उन्हें फिक्सिंग में शामिल नहीं माना है ऐसे में उनका बीसीसीआइ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडऩे का उनका रास्ता साफ हो गया है।Ó
अधिकारी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई के बाद ही बीसीसीआइ कोई अंतिम फैसला लेगा। वैसे भी विपक्ष में कोई मजबूत दावेदार भी नजर नहीं आ रहा है। शशांक मनोहर का भी केवल चार वोट पर नियंत्रण है। श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष पद पर काबिज होने में ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए।'