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तो क्या वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार किले के लिए कुर्बान कर दिया जाएगा श्रीलंका का गॉल स्टेडियम?

साल 2010 में भारत के खिलाफ मुथैया मुरलीधरन ने 800 विकेट का आंकड़ा इसी मैदान पर छुआ था

By Lakshya SharmaEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 12:29 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 12:30 PM (IST)
तो क्या वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार किले के लिए कुर्बान कर दिया जाएगा श्रीलंका का गॉल स्टेडियम?
तो क्या वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार किले के लिए कुर्बान कर दिया जाएगा श्रीलंका का गॉल स्टेडियम?

 नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया के सबसे खूबसूरत स्टेडियम में से एक श्रीलंका का गॉल स्टेडियम। इस स्टेडियम में क्रिकेट मैच देखना एक अलग ही अनुभव होता है लेकिन अब इस स्टेडियम पर संकट के बादल छाने लगे है। श्रीलंका सरकार के मुताबित इस स्टेडियम के कारण 17वीं शताब्दी में बने वर्ल्ड हेरिटेज डच फोर्ट को नुकसान हो रहा है।  इसलिए हो सकता है कि नंवबर में इंग्लैंड के खिलाफ होना वाले टेस्ट मैच इस मैदान का आखिरी टेस्ट मैच साबित हो सकता है।

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श्रीलंका के मंत्री विजयदासा राजपक्षे ने संसद में कहा कि इस मैदान के कारण डच फोर्ट यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा खो सकता है, उन्होंने बताया कि इस स्टेडियम का थोड़ा हिस्सा अवैध है जिसमे 500 सीटों का स्टैंड भी शामिल है। अब हमे ये फैसला करना है कि हमें फोर्ट को यूनेस्को की हेरीटेज लिस्ट में रखना है या इस स्टेडियम को।

वैसे भी श्रीलंका के लिए गॉल स्टेडियम काफी लकी रहा है। 1998 में बने इस स्टेडियम में स्पिनर्स को अच्छी खासी मदद मिलती है। श्रीलंका का इस मैदान पर रिकॉर्ड शानदार है। वहीं बैठने की व्यवस्था के कारण ये स्टेडियम फैंस के बीच में भी काफी लोकप्रिय है। 

इसी मैदान पर क्रिकेट के सुनहरे पल दर्ज हुए है। साल 2010 में भारत के खिलाफ मुथैया मुरलीधरन ने 800 विकेट का आंकड़ा इसी मैदान पर छुआ था। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न ने भी अपना 500वां टेस्ट विकेट इसी मैदान पर लिया था।

श्रीलंका ने यहां अपना पहला टेस्ट साल 1998 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था, जो वह पारी और 16 रन से जीतने में सफल रहा था। 2008 में श्रीलंका में आई सुनामी में इस स्टेडियम को भी काफी नुकसान हुआ था लेकिन उसे फिर से खेलने के लायक बनाया गया।

क्या है डच फोर्ट जिसकी वजह से आया स्टेडियम पर संकट?

डच फोर्ट साल 1505 में पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया था। इसके बाद 1640 में नीदरलैंड के उपनिवेशकों ने उन्हे यहां से खदेड़ कर इसे दूसरा रूप दिया। जब से यह डच फोर्ट के रूप में जाना जाता है। इस किले को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्ज प्राप्त है। श्रीलंका के मंत्री ने हालांकि आश्वासन दिया कि गॉल में ही दूसरे स्टेडियम को बनाने की रणनीति बन रही है। यूनेस्को इस स्टेडियम को हटाने के लिए नहीं कह रही है, उनकी परेशानी वह अवैध निर्माण है। जिसमें वह स्टैंड भी शामिल है।

अब गॉल स्टेडियम पर आए संकट पर श्रीलंका के कई क्रिकेट दिग्गज ने इसे रोकने की गुहार लगाई है। अर्जुन राणातुंगा और महेला जयवर्धने खुले में इसका विरोध कर चुके हैं।

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